Last Updated:January 15, 2025, 07:57 IST
Indian Army News: जम्मू-कश्मीर में आए दिन आतंकी हमले करने की फिराक में दहशतगर्द रहते हैं. ऐसे में भारतीय सेना भी अपनी तैयारी पूरी करके बैठी है. ब्लैक हॉरनेट नाम का यह नैनो ड्रोन पलक झपकते ही आतंकियों का काम तमाम करने की ताकत रखत...और पढ़ें
नई दिल्ली. भारतीय टीम को एक नया छुटकू मिल गया है. यह छुटकू इतना कमाल का है कि इसकी खासियत जान पड़ोसी देश चीज और पाकिस्तान के भी होश उड़ जाएंगे. इसके आगे तो अब आतंकियों की भी एक नहीं चलेगी. उन्हें हथियार डालने पर मजबूर होना होगा. जम्मू कश्मीर में आतंकियों का काम तमाम करने के लिए भारतीय सेना ने नए हथियार को अपने बेड़े में शामिल किया हैं. सेना का यह नैनो ड्रोन इस वक्त आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. देखने में आम खिलौने जैसा दिखने वाला यह ड्रोन ‘ब्लैक हॉरनेट’ के नाम से जाना जाता है. इसका वजन महज 33 ग्राम है जबकि साइज हथेली से भी छोटा है. इंडियन आर्मी का मानना है कि ब्लैक हॉर्नेट नैनो ड्रोन की मदद से आतंकियों को उनके बिल में घुसकर खोज निकालना आसान हो जाएगा.
ब्लैक हॉरनेट को जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने हाल ही में अपने बेड़े में शामिल किया है. दो कैमरा से लैस ब्लैक हॉरनेट बिना आवाज किए दुश्मन की खबर आर्मी तक पहुंचता है. ब्लैक हॉरनेट का इस्तेमाल भारतीय सेना छिपे हुए आतंकियों की पोजीशन जानने के लिए करती है. ब्लैक हॉरनेट नैनो ड्रोन को बिल्डिंग इंटरवेंशन में महारत हासिल है और बिना आवाज किए यह ड्रोन बिल्डिंग में छिपे आतंकियों की पोजीशन सेना तक पहुंचाता है. इसकी मदद से सेना को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की टोह लेने में मदद मिलेगी. पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के मंसूबों को यह ड्रोन पल-भर में तार-तार करने का दम रखता है. सर्दियों के सीजन में आतंकियों की कोशिश होती है कि ज्यादा से ज्यादा आतंकियों की घुसपैठ कराई जाए. सेना अब इन आतंकियों से ज्यादा बेहतर तरीके से निपट पाएगी.
सेना को ये खास व्हिकल भी मिला
भारतीय सेना ने अपने बेड़े में एक नए वाहनों को भी उतारा है. इसमें चार लोग बैठ सकते हैं. इस व्हीकल की खासियत है कि यह बर्फीले इलाके हो या रेगिस्तान हो या फिर उबड खाबड रास्ते हो या पहाड़ी रास्ते हो, आसानी से आ जा सकती है. 600 किलो पेलोड को कैरी कर सकता है और यह लेटेस्ट व्हीकल है, जो भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हुआ है. रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कुमार ने न्यूज 18 से बात कर कहा कि ये नई तकनीक के वाहन जवानों को मिलने से आतंकियों पर शिकंजा कसना आसान हो जाएगा.
First Published :
January 15, 2025, 07:57 IST