White House statement: दुनियाभर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए टैरिफ को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसी बीच अब व्हाइट हाउस ने ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का जोरदार बचाव किया है. प्रशासन का कहना है कि ये टैरिफ अमेरिका की दशकों पुरानी गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ एक जरूरी कदम थे, जिनके कारण अमेरिकी मजदूरों को नुकसान हुआ और देश का औद्योगिक ढांचा कमजोर पड़ गया. बयान में पुरानी ट्रेड पॉलिसी को पागलपन बताया गया और कहा गया कि बार-बार वही गलती दोहराना अब समझदारी नहीं है.
मैन्युफैक्चरिंग नौकरियों में भारी गिरावट
दरअसल व्हाइट हाउस की तरफ से दिए गए बयान में पूर्व फेडरल रिजर्व चेयरमैन पॉल वोल्कर का हवाला देते हुए कहा गया कि बढ़ते ट्रेड घाटे ने 2008 की आर्थिक मंदी को जन्म दिया और आज भी अमेरिका की आत्मनिर्भरता को खतरा पहुंचा रहे हैं. न्यूयॉर्क और ओहायो जैसे राज्यों में मैन्युफैक्चरिंग नौकरियों में भारी गिरावट आई है. जिससे कई शहर बर्बाद हो गए. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार इन नौकरियों के नुकसान से ड्रग ओवरडोज जैसी समस्याएं भी बढ़ीं.
आलोचना करने वालों को आड़े हाथों लिया
व्हाइट हाउस ने ट्रंप की आलोचना करने वालों को भी आड़े हाथों लिया. खासकर उन मीडिया विश्लेषकों को जिन्होंने अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग को दोबारा खड़ा करने के प्रयासों को तवज्जो नहीं दी. सीएनएन की पत्रकार निया मलिका-हेन्डरसन पर निशाना साधते हुए कहा गया कि क्या चीन में सस्ते मजदूरों की नौकरियां अमेरिकी मजदूरों की उच्च वेतन वाली नौकरियों से ज्यादा जरूरी हैं?
ट्रंप की टैरिफ नीति अब रंग ला रही
प्रशासन ने कहा कि ट्रंप की टैरिफ नीति अब रंग ला रही है. एनविडिया, एप्पल, नोवार्टिस, टीएसएमसी, ह्युंडई और एलि लिली जैसी बड़ी कंपनियों ने अमेरिका में अरबों डॉलर का निवेश किया है जो दिखाता है कि घरेलू उत्पादन बढ़ाने की नीति सफल हो रही है. व्हाइट हाउस के अनुसार यह सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला भी है.
हालांकि ट्रंप की टैरिफ नीति से बाजारों में उथल-पुथल भी देखी गई. अचानक टैक्स लगाना और फिर उसे 90 दिनों के लिए रोक देना निवेशकों और कंपनियों के लिए चौंकाने वाला रहा. एसएंडपी 500 इंडेक्स में भी गिरावट आई है. फिर भी ट्रंप का कहना है कि यह सब एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है और अंत में इसका नतीजा बहुत खूबसूरत होगा.