Last Updated:June 11, 2025, 14:49 IST
सरकार ने क्यों एयर कंडीशनर के तापमान को 20 डिग्री से 28 डिग्री तक सेट रखने का फैसला लिया है. इससे क्या होगा, क्या ये फैसला पुराने एसी पर भी लागू होगा.

हाइलाइट्स
सरकार ने एसी तापमान 20-28 डिग्री के बीच रखने का नियम बनाया.इससे बिजली की खपत और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी.नए एसी मॉडल्स में तापमान सेटिंग 20-28 डिग्री होगी.अगर आप अपने घर या ऑफिस में एसी चलाकर कमरे को चिलचिलाती ठंड से भर देते हों. एयरकंडीशनर से शिमला जैसी ठंडक ले आते हों लेकिन अब ये नहीं चलेगा. सरकार ने देशभर में एसी के तापमान को लेकर बड़ा फैसला किया. नए नियम के तहत अब एयर कंडीशनर का तापमान न्यूनतम 20 डिग्री और अधिकतम 28 डिग्री के दायरे में ही सेट किया जा सकेगा. यानी अगर आप बाजार में नया एसी खरीदने जाएंगे तो इसका तापमान सेट होगा. मिनिमम 20 डिग्री से लेकर मैक्सिमम 28 डिग्री का टैंपरेचर.
ऊर्जा मंत्रालय और ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. सरकार का कहना है कि इससे देश में बिजली की खपत में भारी कमी आएगी, कार्बन उत्सर्जन घटेगा और उपभोक्ताओं का बिजली बिल भी कम होगा.
सवाल – सरकार ने क्यों लिया गया ये फैसला?
– भारत में गर्मियों के महीनों में बिजली की मांग अपने चरम पर पहुंच जाती है. अप्रैल से जुलाई के बीच लोड 250 गीगावॉट तक पहुंचता है, जिसमें सबसे ज्यादा योगदान एयर कंडीशनर और कूलिंग उपकरणों का होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि हर 1 डिग्री तापमान घटाने पर एसी की बिजली खपत 6 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.
सरकार का मानना है कि अगर एसी का तापमान तय सीमा में रखा जाए तो देशभर में सालाना हजारों करोड़ यूनिट बिजली की बचत हो सकती है. इससे कोयला आधारित पावर प्लांट्स पर दबाव घटेगा. कार्बन उत्सर्जन में भी खासी कमी आएगी. ऊर्जा मंत्री का कहना है कि यह फैसला अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
सवाल – इसे लेकर इंटरनेशनल मानक क्या हैं?
– जापान, इटली, स्पेन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में एसी के तापमान को लेकर सख्त नियम लागू हैं. जापान में डिफॉल्ट सेटिंग 26 डिग्री रखी गई है, वहीं इटली और स्पेन में 23 से 27 डिग्री के बीच.
सवाल – किन एसी पर लागू होगा ये नियम?
– सरकार ने साफ किया है कि यह नियम फिलहाल सभी नए एसी पर लागू होगा। यानी जो भी एसी कंपनियां अब नए मॉडल बनाएंगी, उनमें तापमान 20 डिग्री से नीचे और 28 डिग्री से ऊपर सेट नहीं किया जा सकेगा।
साथ ही सार्वजनिक भवन, होटल, मॉल, कार्यालय, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, कारों में लगे एसी पर भी यह नियम लागू किया जाएगा। वहां तापमान की सेटिंग इसी दायरे में रखनी होगी।
सवाल – इस नियम के आने के बाद पुराने एसी वालों को क्या करना होगा, क्या उन्हें इस नियम का पालन करना होगा?
– ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि फिलहाल नए नियम की बाध्यता पुराने एसी पर नहीं है. लेकिन ज्यादा बेहतर है कि वो अपने एसी को इन्हीं तापमान पर सेट करके रखें, जिससे बिजली की बचत होगी।
सरकार की कोशिश है कि लोग स्वेच्छा से अपने एसी का तापमान 24 से 26 डिग्री के बीच रखें। जल्द ही ऊर्जा दक्षता जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, जिसमें उपभोक्ताओं को समझाया जाएगा कि बहुत ठंडा तापमान स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह है और बिजली की बर्बादी भी. माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में पुरानी मशीनों के लिए भी तापमान सीमा तय करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है.
सवाल – स्वास्थ्य के लिहाज से एसी को किस तापमान पर रखना चाहिए?
– विशेषज्ञों के मुताबिक 20 डिग्री से कम तापमान पर रहने से शरीर में सांस संबंधी समस्याएं, सर्दी-खांसी, जोड़ों में दर्द और त्वचा संबंधी दिक्कतें बढ़ जाती हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी कह चुका है कि बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए 24-26 डिग्री का तापमान आदर्श है. ऑफिस और पब्लिक प्लेस में भी यही तापमान कंफर्टेबल और सेहतमंद माना गया है.
सवाल – इससे कितनी होगी बिजली और खर्च में बचत?
– सरकार का अनुमान है कि अगर देशभर के एसी उपभोक्ता इस तापमान सीमा का पालन करें तो हर साल 12 से 14 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी. इससे कोयले की खपत कम होगी. कार्बन उत्सर्जन में भी लाखों टन की कमी आएगी.
वहीं उपभोक्ताओं को बिजली बिल में भी 15-20 प्रतिशत तक राहत मिलेगी. अनुमान है कि अगले तीन सालों में देशभर में कुल 18,000 से 20,000 करोड़ रुपए की बचत उपभोक्ताओं और उद्योगों को होगी.
सवाल – क्या इसका मतलब ये भी है कि अगर घर के एसी को 20 डिग्री से 28 डिग्री के बीच रखा जाए तो बिजली की बचत होगी, बिल कम आएगा?
– बिल्कुल. जब आप एसी को 18-19 डिग्री पर चलाते हैं तो मशीन को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. हर 1 डिग्री कम करने पर 6% ज्यादा बिजली खर्च होती है. अगर आप 24-26 डिग्री पर एसी चलाते हैं, तो उसकी कंप्रेसर साइकिल भी कम एक्टिव होगी और बिजली की खपत भी 20-25% तक कम हो जाती है.
मान लीजिए आप हर दिन 8 घंटे के लिए एसी चलाते हैं तो खर्च इस तरह होगा
तापमान सेटिंग औसत यूनिट/दिन महीने का खर्च (₹ 8/unit)
18 डिग्री 14 यूनिट ₹ 3,360
24 डिग्री 10 यूनिट ₹ 2,400
मतलब एक महीने में ₹ 900-1000 की बचत.
सवाल – कैसे लागू किया जाएगा नया नियम?
– ऊर्जा मंत्रालय ने सभी एसी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को आदेश दिया है कि अब जो भी एसी मॉडल बनेंगे, उनमें तापमान सेटिंग 20 से 28 डिग्री के बीच ही दी जाएगी. इसके अलावा पावर मंत्रालय पब्लिक प्लेस और सरकारी दफ्तरों में निरीक्षण भी करेगा.
साथ ही ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) द्वारा नया स्टार लेबलिंग प्रोग्राम भी लाया जा रहा है, जिसमें उन एसी को ज्यादा स्टार रेटिंग मिलेगी जो इस तापमान सीमा का पालन करेंगे.
संजय श्रीवास्तवडिप्टी एडीटर
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...
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