अब स्पेस एजेंसी नहीं रह जाएगी NASA, बेड़ा गर्क करने पर उतरे ट्रंप, वैज्ञानिकों में हड़कंप

2 hours ago

NASA: हाल ही में नासा को लेकर एक खबर सामने आई, जो बेहद ही चौंकाने वाली है. ट्रंप प्रशासन ने एक नया आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अब NASA यानी अमेरिकी स्पेस एजेंसी को एक नेशनल इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन के रूप में काम करना होगा. इसके तहत NASA के अहम कामों में 'खुफिया जानकारी जुटाना, काउंटर-इंटेलिजेंस, जांच-पड़ताल और नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा कामट शामिल कर दिया गया है. यह जानकारी NASA Watch के फाउंडर कीथ काउइंग ने दी, जो पहले खुद NASA में वैज्ञानिक रह चुके हैं और अब एजेंसी से जुड़ी हर गतिविधि पर बारिकी से नजर रखते हैं.

तो, क्या इसका मतलब यह है कि NASA अब स्पेसशिप्स के बजाय स्पाई प्लेन बनाएगा? रिपोर्टों के मुताबिक ऐसा नहीं है. असल में यह आदेश ज्यादा तौर पर कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर है. Futurism की एक रिपोर्ट में बताया गया कि इस आदेश के तहत NASA को Federal Service Labour-Management Relations Statute (FSLMRS) में शामिल किया गया है, लेकिन इसे सामूहिक सौदेबाजी (collective bargaining) से बाहर रखा गया है. यानी इसका फोकस काम के तरीकों से ज्यादा कर्मचारियों के अधिकारों से जुड़ा है.

यही कारण है कि इस आदेश के बाद NASA के कर्मचारियों में असंतोष फैल गया और उन्होंने इस हफ्ते की शुरुआत में NASA के वाशिंगटन, डी.सी. हेडक्वार्टर के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया. यह बदलाव तब आया जब राष्ट्रपति ने हजारों सरकारी कर्मचारियों के यूनियन अधिकार खत्म कर दिए. इस आदेश को रोकने के लिए कई मुकदमे भी दायर किए गए.

Add Zee News as a Preferred Source

ट्रंप का आदेश: नासा के कर्मचारियों पर असर

हालांकि, इस आदेश में ज्यादा ध्यान इस बात पर गया कि कर्मचारियों के हक छिने जा रहे हैं. ये खबर जैसे ही सुर्खियों में आई, नासा के एक जासूसी एजेंसी बनने की बात को दरकिनार कर दिया गया. माना जा रहा है कि फिर भी इसका असर एजेंसी में काम करने वाले लोगों पर पड़ेगा. Government Executive ने Goddard Engineers, Scientists and Technicians Association की वाइस-प्रेसिडेंट मोनिका गोर्मन का बयान छापा, जिसमें उन्होंने विरोध में मौजूद लोगों से कहा, 'मेरे पास जो स्वतंत्रता है और मेरे साथियों के पास जो है. उसका एक बड़ा कारण यह है कि यूनियन से जुड़े होने के नाते मैं जानती हूं कि मुझे अनुचित कार्रवाई से सुरक्षा मिलती है.'

ट्रंप प्रशासन का NASA के लिए बजट: 25 फीसदी कम फंड देने का प्रस्ताव

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2026 के लिए NASA का बजट कम करने का ऐलान पहले ही कर दिया है. जबकि, 2 मई को ट्रंप प्रशासन ने NASA के लिए करीब 25 फीसदी कम फंड देने का प्रस्ताव रखा. इससे बजट 24.8 अरब डॉलर से घटकर 18.8 अरब डॉलर रह जाएगा. इसमें सबसे ज्यादा कटौती एजेंसी के साइंस प्रोग्राम पर होगी. द प्लैनेटरी सोसायटी (जो अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए काम करती है) के मुताबिक, यह NASA का 1961 के बाद सबसे कम बजट होगा.

 'NASA पृथ्वी से जुड़े विज्ञान प्रोग्राम छोड़ देगा'

हालांकि, ट्रंप की दिलचस्पी स्पेस को सैन्य दृष्टि से मजबूत बनाने में ज्यादा है. इसका मिसाल उनका 'गोल्डन डोम' मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम है. वहीं,  NASA के एग्जीक्यूटिव हेड सीन डफी ने कहा कि ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिका चाइना से पहले चांद पर इंसान भेजे. साथ ही, वह मंगल ग्रह पर पहुंचने की भी जल्दी में हैं. डफी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि NASA अब 'पृथ्वी से जुड़े विज्ञान प्रोग्राम' छोड़ देगा. उन्होंने यह भी कहा कि NASA का आर्टेमिस मिशन चालू रहेगा, लेकिन डर है कि चीन अमेरिका से पहले वहां पहुंच सकता है.

Read Full Article at Source