अभी तक रोबोट तो फिल्मों में ही देखे थे…अब ISRO उसे अंतरिक्ष भेजने वाला है

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Last Updated:August 22, 2025, 16:56 IST

ISRO Mission Gaganyaan: इसरो दिसंबर 2025 में पहला बिना इंसान वाला गगनयान मिशन G1 लॉन्च करेगा. इसमें हाफ-ह्यूमनॉइड रोबोट ‘व्योममित्रा’ अंतरिक्षयान के सभी सिस्टम टेस्ट करेगा.

अभी तक रोबोट तो फिल्मों में ही देखे थे…अब ISRO उसे अंतरिक्ष भेजने वाला हैदिसंबर 2025 में स्पेस के लिए उड़ान भरेगा मिशन गगनयान.

एक मशीन, आधा इंसान-आधा रोबोट, हेलमेट पहनकर स्पेसशिप में बैठी है. चारों तरफ लाखों-करोड़ों का सिस्टम चल रहा है और उसका काम है हर छोटी-बड़ी चीज पर नजर रखना. स्पेस शटल सही है या नहीं, कहीं तो नहीं हिल रहा है, कंप्यूटर सही बोल रहा है या गड़बड़ कर रहा है. इन सभी चीजों पर रोबोट नजर रखे हुआ है. दरअसल, ये कोई साइंस-फिक्शन फिल्म का सीन नहीं, बल्कि इंडिया का रियल ‘मिशन गगनयान’ है.

दिसंबर 2025 तारीख याद रखिए
ISRO अब तैयार है अपने पहले बिना इंसान वाले गगनयान मिशन G1 को लॉन्च करने के लिए. तारीख फाइनल हो गई है- दिसंबर 2025. ये मिशन आने वाले वक्त में इंडिया को उन गिने-चुने देशों की लिस्ट में डाल देगा, जो इंसानों को खुद के दम पर अंतरिक्ष भेज सकते हैं.

व्योममित्रा’- हमारी आधी-इंसान स्पेस दोस्त
इस मिशन में असली हीरो हैव्योममित्रा. नाम बड़ा प्यारा, काम और भी धांसू. ये है एक हाफ-ह्यूमनॉइड रोबोट. दिखने में बिल्कुल इंसान जैसा, मगर दिमाग कंप्यूटर का. इसका रोल है अंतरिक्ष में जाकर हर सिस्टम को टेस्ट करनाऑक्सीजन, नेविगेशन, लाइफ सपोर्ट, स्पेसक्राफ्ट का मिजज..सब पर नजर रखना. असल में ये उस हालत को जीएगा, जिसमें असली एस्ट्रोनॉट्स को बाद में भेजा जाएगा.

क्यों जरूरी है ये टेस्ट?
इंसानों को अंतरिक्ष में भेजना कोई गुब्बारे उड़ाने का खेल नहीं है. छोटी सी गड़बड़ी भी जानलेवा साबित हो सकती है. इसरो चीफ वी. नारायणन ने खुद कहाजरा-सी क्रैक और रॉकेट की थरथराहट मिल जाए, तो ब्लास्ट भी हो सकता है. इसलिए पहले रोबोट जाएगा, रिस्क लेगा, फिर असली एस्ट्रोनॉट्स की बारी आएगी.

शुभांशु शुक्ला का अनुभव भी काम आएगा
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो हाल ही में Axiom-4 मिशन के साथ ISS ( Space Station) तक गए थे, उनका अनुभव भी इस मिशन की तैयारी में झोंका जा रहा है. उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग एक चीज है, लेकिन स्पेस में जाकर रियलिटी कुछ और ही होती है. जीरो ग्रैविटी में सांस लेना, खाना-पीना, एक्सपेरिमेंट करना, सब कुछ बदल जाता है.

ISRO का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड
वैसे इसरो का ट्रैक रिकॉर्ड देखो तो चौंक जाओगे 433 सैटेलाइट्स लॉन्च किए 34 देशों के, टेलिमेडिसिन से लेकर टेलीकॉम तक, अदित्य-L1 मिशन से लेकर क्रायोजेनिक इंजन तक… हर जगह इंडिया ने झंडा गाड़ा है. अब बारी है अपने एस्ट्रोनॉट्स को घर से भेजने की.

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 22, 2025, 16:56 IST

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