World News: तेलंगाना, हैदराबाद के 32 वर्षीय छात्र मोहम्मद निजामुद्दीन को कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में पुलिस ने गोली मार दी. उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने रूममेट पर चाकू से हमला किया था. 3 सिंतबर को हुई इस घटना की जानकारी परिवार को 2 हफ्तों के बाद मिली. निजामुद्दीन के पिता जो एक रिटायर्ड टीचर हैं, बताया कि, उन्हें यह दुखद खबर 18 सितंबर को उनके बेटे से दोस्त से मिली जो कर्नाटक के रायचूर में रहता है और अभी सांता क्लारा में ही है. पिता ने कहा कि, मैंने कई बार बेटे को फोन करने की कोशिश की लेकिन फोन बंद आ रहा था. बाद में पता चला की पुलिस ने उसे गोली मार दी है.
क्या था पूरा मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, निजामुद्दीन को 4 गोलियां लगी थीं और उनकी पहचान तुरंत नहीं हो पाई थी और उनका शव एक स्थानीय अस्पताल में रखा गया है. बता दें कि, निजामुद्दीन 2016 में पढ़ाई करने के लिए अमेरिका गए और बाद में सांता क्लारा चले गए जहां वह कुछ और लोगों के साथ रहते थे. अमजद उल्लाह खान, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, विदेश मंत्री एस.जयशंकर को पत्र लिखकर उनके शव को भारत वापस लाने में मदद मांगी है.
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घटनाक्रम के बारे में पुलिस ने क्या कहा?
सांता क्लारा पुलिस विभाग ने अपनी वेबसाइट पर जारी बयान में कहा कि, 3 सितंबर की सुबह 6:08 बजे उन्हें 911 पर कॉल मिली जिसमें घर के अंदर चाकूबाजी की घटना की सूचना दी गई. बयान में कहा गया कि, कॉल करने वाले ने बताया कि एक संदिग्ध ने घर के अंदर एक व्यक्ति को चाकू मारा था. जब अधिकारी वहां पहुंचे तो उनका सामना संदिग्ध से हुआ और गोलीबारी हुई. संदिग्ध को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.
जिस व्यक्ति पर चाकू से हमला किया गया उसका अस्पताल में इलाज जारी है.
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सदमे में है परिवार
निजामुद्दीन का परिवार जो महबूबनगर में रहता है, इस घटना और देरी से जानकारी मिलने को लेकर बहुत दुखी है. मृतक के पिता ने कहा, हम बस उसे वापस घर लाना चाहते हैं और सही तरीके से उसका अंतिम संस्कार करना चाहते हैं. समुदाय के नेताओं और स्थानीय प्रतिनिधियों ने विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वे इस मामले को अमेरिका के अधिकारियों के सामने उठाएं ताकि शव को भारत वापस लाया जा सके.