Last Updated:February 22, 2025, 14:37 IST
Law To Regulate Online Content: केंद्र सरकार ने ऑनलाइन मीडिया में अश्लील कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए कानूनों में संशोधन पर विचार करने का आश्वासन दिया है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने यह मुद्दा उठाया.

केंद्र सरकार ने ऑनलाइन मीडिया में अश्लील कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए कानूनों में संशोधन पर विचार कर रही है. (फोटो PTI)
हाइलाइट्स
केंद्र सरकार ऑनलाइन कंटेंट पर कानून सख्त करेगी.भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मुद्दा उठाया.रणवीर अलाहबादिया की टिप्पणियों पर विवाद.नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एक संसदीय पैनल को आश्वासन दिया है कि वह मौजूदा कानूनों में संशोधन करने के प्रावधानों पर विचार कर रही है ताकि ऑनलाइन मीडिया में अश्लील और अभद्र कंटेंट को नियंत्रित किया जा सके. यह आश्वासन भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली संचार, सूचना और प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति द्वारा सूचना और प्रसारण मंत्रालय को लिखे गए पत्र के जवाब में दिया गया था. जिसमें उभरते मीडिया परिदृश्य में कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए उनके इनपुट मांगे गए थे. यह सोशल मीडिया और लाइव-स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों जैसे यूट्यूब पर कंटेंट को नियंत्रित करने की मांग से संबंधित है.
फरवरी के दूसरे सप्ताह में, समिति के अध्यक्ष ने पैनल की ओर से सरकार को लिखा था और 20 फरवरी तक मंत्रालय से प्रतिक्रिया मांगी थी. समिति को अपनी प्रतिक्रिया में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सदस्यों की चिंता को स्वीकार किया और इस तथ्य को भी कि उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग, विभिन्न उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय से संबंधित मामलों में प्रावधानों का उपयोग किया था.
सरकार ने क्या कहा?
मौजूदा कानूनों के तहत प्रावधानों और इस तरह की हानिकारक कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए अधिक कठोर और प्रभावी कानूनी ढांचे की मांग के बारे में बात करते हुए, सरकार ने पैनल को बताया: “इस मंत्रालय ने इन विकासों का संज्ञान लिया है और वर्तमान वैधानिक प्रावधानों और नए कानूनी ढांचे की आवश्यकता की जांच कर रही है.”
इससे पहले, समिति ने लोकप्रिय यूट्यूबर रणवीर अलाहबादिया द्वारा किए गए विवादास्पद टिप्पणियों की ओर अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित किया था और इस मुद्दे को उचित मंच पर उठाने की मांग की थी. इन टिप्पणियों ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया था और शिवसेना (UBT) की प्रियंका चतुर्वेदी और बीजेडी के सस्मित पात्रा जैसे सांसदों ने समिति से इस मामले को तत्काल आधार पर उठाने का अनुरोध किया था.
राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, यह स्पष्ट था कि समिति के अध्यक्ष सार्वजनिक हित के मामले में सभी को साथ लेना चाहते थे. फिर भी, कई सदस्यों ने तर्क दिया कि नए कानून लाने के बजाय मौजूदा कानूनों के प्रावधानों की जांच की जानी चाहिए और उनके कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 22, 2025, 14:37 IST