Last Updated:June 12, 2025, 15:44 IST
अहमदाबाद विमान हादसे में पायलट ने मेडे के संकेत दे दिए थे. इसकी तसदीक सिविल एविएशन ने भी की है. आखिर क्या होता है मेडे का मतलब और इससे क्या संकेत मिलता है पढ़िए.

'मेडे' का संदेश ही एविएशन की दुनिया में सबसे खतरनाक माना जाता है.
हाइलाइट्स
पायलट ने टेकऑफ के 2 मिनट बाद मेडे कॉल दीमेडे का मतलब "मेरी मदद करो" होता हैमेडे कॉल इंजन फेल, आग, या दबाव में कमी पर दी जाती हैअहमदाबाद के दिल दहला देने वाले विमान हादसे के पायलट ने धरती छोड़ने से दो मिनट में ही ‘मेडे’ (MAYDAY) का संदेश दे दिया था. सिविल एविएशन ने कह दिया है कि पायलट ने ये संकेत दे दिया था. विमानन की दुनिया में पायलट ये संकेत आखिरी क्षण में दिया जाता है. इसका मतलब होता है मेरी मदद करो. जब पायलट को ये लग जाता है कि अब हालात उसके हाथ में नहीं हैं, तब वो ये संकेत जारी करता है. बोइंग 787 को उड़ा रहे पायलट को बहुत अनुभवी बताया जा रहा है. उनके पास 82000 घंटे उड़ान का अनुभव था.
जानकारों का कहना है कि दरअसल विमान में कोई गड़बड़ी बहुत ही शुरुआत में पता चल गई थी. हालांकि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि स्थितियों को जज करने में पायलट या एटीसी से कोई गड़बड़ न हुई हो. पायलट कैप्टन सुनील सवरवाल ने मेडे का संकेत तो दे दिया, लेकिन गड़बड़ी को सुधारने या ठीक करने का उनके पास वक्त नहीं था. विमान कुछ ही क्षणों में नीचे गिरने लगा और देखते देखते आग के गोले और गाढ़े काले धुएं में तब्दील हो गया. जानकार बताते हैं कि इस तरह की कोई गड़बड़ बहुत ऊंचाई पर होती है तो पायलट को सोच कर कुछ करने का मौका मिल जाता है.
जाहिर है पायलट को उड़ते ही मेडे का संकेत दिया यानी उसी समय उन्हें लग गया था कि हालत उनके कंट्रोल में नहीं है. ये फ्रेंच के “m’aider” (मेरी मदद करो) शब्द से लिया गया है. 1927 में वॉशिंगटन के इंटरनेशनल रेडियो टेलीग्राफ कन्वेंशन में इसे आधिकारिक आपातकालीन कॉल बनाया गया. पायलट इसे तीन बार दोहराते हैं- “मेडे, मेडे, मेडे”- ताकि ATC इसे तुरंत समझ ले और बाकी रेडियो संदेशों के बीच ये साफ सुनाई दे. ये कॉल इंजन फेल, आग, दबाव में कमी, या किसी ऐसी स्थिति में दी जाती है, जहां तुरंत मदद चाहिए.
मिली जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद हादसे में पायलट ने टेकऑफ के 2 मिनट बाद किया. उस वक्त विमान सिर्फ 625 फीट की ऊंचाई पर था. इससे साफ है कि पायलट को तुरंत किसी गंभीर समस्या का अहसास हुआ. ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि विमान का पिछला हिस्सा किसी पेड़ या दीवार से टकराया. साथ ही इंजन में तकनीकी खराबी की भी अटकलें लगाई जा रही है. लेकिन यहां ये भी जिक्र करना जरुरी है कि विमान की दो बार दिल्ली और अहमदाबाद में जांच की जा चुकी थी.
दुनिया में मेडे कॉल के उदाहरण
दुनिया भर में कई हादसों में मेडे कॉल दी गई. 2020 में कराची में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का विमान क्रैश हुआ, जिसमें पायलट सज्जाद गुल ने मेडे कॉल दी थी. जांच में पता चला कि इंजन फेल और लैंडिंग गियर की खराबी थी. 97 लोग मारे गए. 2018 में अमेरिकी एयरलाइंस के एक विमान ने मेडे कॉल दी, जिससे 194 यात्रियों की जान बच गई, क्योंकि पायलट ने समय रहते ATC को अलर्ट किया. इन मामलों से साफ है कि मेडे कॉल पायलट की आखिरी उम्मीद होती है.
करीब ढाई दशक से सक्रिय पत्रकारिता. नेटवर्क18 में आने से पहले राजकुमार पांडेय सहारा टीवी नेटवर्क से जुड़े रहे. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने के बाद वहीं हिंदी दैनिक आज और जनमोर्चा में रिपोर्टिंग की. दिल...और पढ़ें
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Location :
Ahmedabad,Ahmedabad,Gujarat