Last Updated:March 06, 2025, 17:37 IST
Supreme Court On UP Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए बुलडोजर एक्शन को लेकर तीखे सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने यूपी सरकार को खूब सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि वह गिराए गए मकानों को ...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को लेकर यूपी सरकार से सख्त सवाल पूछे हैं. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार को बुलडोजर एक्शन पर फटकार लगाई है.SC ने कहा आपके खर्च पर दोबारा बनवाएंगे.SC ने घरों को ध्वस्त करने के लिए UP सरकार की आलोचना की है.Supreme Court On UP Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में 2021 में हुए एक बुलडोजर एक्शन को लेकर यूपी सरकार से सख्त सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने कहा है कि वह गिराए गए मकानों को सरकार के खर्च पर दोबारा बनवाने का आदेश दे सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रयागराज में एक वकील, एक प्रोफेसर और तीन अन्य लोगों के घरों को ध्वस्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की है.
जस्टिस अभय एस ओका और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस पर कड़ी असहमति जताते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाई “चौंकाने वाला और गलत संकेत” देती है. जज ओका ने कहा, “अनुच्छेद 21 नामक कोई चीज है.” न्यायमूर्ति ओका ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले की ओर भी इशारा किया, जिसमें विध्वंस से पहले अपनाई जाने वाली प्रक्रिया निर्धारित की गई है.
जज ओका ने सरकार की तीखी आलोचना की
न्यायमूर्ति ओका ने राज्य सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि अब न्यायालय राज्य को ध्वस्त संरचनाओं के पुनर्निर्माण का आदेश देगा. न्यायमूर्ति ओका ने कहा, “अब हम आपके खर्च पर पुनर्निर्माण का आदेश देंगे, ऐसा करने का यही एकमात्र तरीका है.” याचिकाकर्ताओं अधिवक्ता जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद, दो विधवाएं और एक अन्य व्यक्ति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा विध्वंस के खिलाफ उनकी याचिका खारिज किए जाने के बाद न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने शनिवार की देर रात को ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किया और अगले दिन उनके घरों को ध्वस्त कर दिया, जिससे उन्हें कार्रवाई को चुनौती देने का कोई मौका नहीं मिला. उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि वे भूमि के वैध पट्टेदार थे और उन्होंने अपने पट्टे के अधिकारों को फ्रीहोल्ड संपत्ति में बदलने के लिए आवेदन किया था. याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि राज्य ने गलत तरीके से उनकी भूमि को गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद से जोड़ दिया है, जिनकी 2023 में हत्या कर दी गई थी.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 06, 2025, 17:19 IST