Last Updated:May 26, 2025, 16:06 IST
एस जयशंकर ने यूरोपीय देशों को यूक्रेन और भारत की चिंताओं पर स्पष्ट जवाब दिया. उन्होंने पाकिस्तान, आतंकवाद और चीन को भारत की प्राथमिकता बताया. जर्मनी ने भारत की आतंकवाद नीति का समर्थन किया.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत पाकिस्तान जंग पर हर सवाल का जवाब दिया. (Reuters)
हाइलाइट्स
जयशंकर ने यूरोपीय देशों को चीन-पाकिस्तान पर करारा जवाब दिया.भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ सटीक और सीमित कार्रवाई की थी.जर्मनी ने भारत की आतंकवाद नीति का समर्थन किया.बेबाक टिप्पणियों के लिए मशहूर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर यूरोपीय देशों का मुंह बंद करा दिया. पाकिस्तान के साथ जंग को लेकर जब उनसे सवाल पूछा गया और कहा गया कि क्या आप इंटरनेशनल लॉ को नहीं मानते? इस पर दो टूक जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, ‘जब आप संघर्ष के बारे में सोचते हैं, तो आपको यूक्रेन की याद आती है. लेकिन जब मैं संघर्ष के बारे में सोचता हूं, तो मुझे पाकिस्तान, आतंकवाद, चीन और हमारे बॉर्डर याद आते हैं. इसलिए हमारा नजरिया एक जैसा तो कतई नहीं हो सकता.’ जर्मन अखबार फ्रैंकफर्टर ऑलगेमाइने जितुंग के साथ इंटरव्यू में विदेश मंत्री यूरोप-अमेरिका और भारत की विदेश नीति से जुड़े हर सवाल का जवाब दिया. आप भी पढ़ें पूरा इंटरव्यू…
भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध का खतरा कितना था?
जयशंकर ने इस सवाल पर हैरानी जताते हुए कहा, भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ सटीक और सीमित कार्रवाई की थी, जो किसी भी तरह से परमाणु युद्ध की ओर नहीं ले जाती. पाकिस्तानी सेना की ओर से गोलीबारी शुरू हुई, जिसका भारत ने जवाब दिया और बाद में पाकिस्तानी पक्ष के अनुरोध पर फायरिंग रोकी गई. हम यह नहीं मानते कि साउथ एशिया में हर तनाव परमाणु संकट में बदल सकता है.
क्या संघर्ष के बाद स्थिति सामान्य हो गई है?
भारत ने अपने उद्देश्यों को पूरा किया और आतंकवादियों को स्पष्ट संदेश दिया कि हमलों की कीमत चुकानी पड़ेगी. पाकिस्तानी सेना की ओर से गोलीबारी के बाद भारत ने आत्मरक्षा में जवाब दिया और जब पाकिस्तान ने समझा कि उनका रास्ता नुकसानदेह है, तो फायरिंग रोक दी गई. यह स्थिति दो सप्ताह से स्थिर बनी हुई है.
क्या जर्मनी भारत की स्थिति को समझता है?
जर्मनी ने भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का समर्थन किया है. अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को यह स्पष्ट है कि आतंकवाद का जवाब देना जरूरी है और आतंकवादियों को उनके हमलों से बचने नहीं देना चाहिए.
क्या भारत ने अपने साझेदारों को पाकिस्तान और आतंकवाद के बीच संबंधों के बारे में समझाया है?
कोई भी व्यक्ति जो आंखें खोलकर देखता है, वह देख सकता है कि पाकिस्तान के शहरों और कस्बों से आतंकवादी संगठन खुलेआम संचालित हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवादी सूची में पाकिस्तानी नाम और स्थान भरे हुए हैं. पाकिस्तान में आतंकवाद एक खुला व्यवसाय है, जिसे सरकार, वहां की सेना की ओर से धन और समर्थन मिलता है.
क्या अमेरिका को संघर्ष विराम का श्रेय दिया जा सकता है?
फायरिंग रोकने का निर्णय दोनों पक्षों के सैन्य कमांडरों के बीच सीधे संपर्क के माध्यम से हुआ. भारत ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस और एयर डिफेंस सिस्टम को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने फायरिंग रोकने की पेशकश की. भारतीय सेना कार्रवाई के बाद ही पाकिस्तान झुकने पर मजबूर हुआ.
क्या यूरोप नई वास्तविकता को समझ रहा है?
यूरोप में बड़े बदलाव आ रहे हैं और यूरोप अब अधिक स्वतंत्र और लचीला बनने की सोच रहा है. भारत एक ऐसे यूरोप के साथ गहन रूप से जुड़ना चाहता है, जो सिर्फ अपने बारे में न सोचे.
अमेरिका की भूमिका का आकलन कैसे करते हैं?
अमेरिका अभी भी दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है, इसलिए अन्य देशों को लगातार यह देखना चाहिए कि अमेरिका दुनिया और विश्व मामलों के प्रति कैसे दृष्टिकोण रखता है. भारत ने हमेशा एक कठिन वातावरण में काम किया है और अपने राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा के लिए निर्णय लिए हैं.
भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो गए हैं. रूस और यूक्रेन के युद्ध पर दोनों देशों की स्थिति में मतभेद क्यों हैं?
संबंध इसलिए विकसित नहीं होते क्योंकि एक साझेदार दूसरे की चिंताओं को अपनाता है. यूरोप के लिए यूक्रेन महत्वपूर्ण है, जबकि भारत के लिए पाकिस्तान, आतंकवाद, चीन और हमारी सीमाएं महत्वपूर्ण हैं. इसलिए, दोनों की दृष्टिकोण समान नहीं हो सकते.
क्या अंतरराष्ट्रीय कानून का महत्व बढ़ रहा है?
जब आप नियमों की बात करते हैं, तो आप यूक्रेन के बारे में सोचते हैं. जब मैं नियमों की बात करता हूं, तो मैं अपनी सीमाओं, पाकिस्तान और चीन के बारे में सोचता हूं. इसलिए, जब आप सीमाओं और क्षेत्रीय अखंडता की बात करते हैं, तो मैं पूछता हूं: मेरी सीमाओं का क्या?
भारत की रूस के साथ साझेदारी कैसे मेल खाती है?
भारत और रूस के बीच हमेशा “स्थिर और मैत्रीपूर्ण संबंध” रहे हैं और रूस ने कभी भारत के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच वर्तमान संबंध इसी अनुभव पर आधारित हैं.
जर्मनी भारत के साथ सुरक्षा साझेदारी को गहरा करना चाहता है. क्या इसमें कोई प्रतिबंध हैं?
जर्मनी ने लंबे समय से अपनी सुरक्षा और रक्षा संबंधों में कुछ प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन हाल के वर्षों में जर्मनी ने महसूस किया है कि उसे अपनी सुरक्षा और रक्षा के लिए अधिक करना होगा. भारत मजबूत तकनीकी और रक्षा सहयोग देखना चाहता है, लेकिन इसके लिए सही नीतियों की आवश्यकता है.
क्या जर्मनी भारत की इंडो-पैसिफिक में सुरक्षा नीति को समझता है?
जयशंकर ने कहा कि जर्मनी की समझ बढ़ रही है और यह सही दिशा में बढ़ रहा है.
क्या चीन ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भूमिका निभाई है?
पाकिस्तान के पास कई हथियार प्रणालियाँ चीन से प्राप्त हैं और दोनों देश बहुत करीबी हैं. उन्होंने कहा कि आप इससे अपने निष्कर्ष निकाल सकते हैं.
क्या भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता पूरा होगा?
प्रगति हो रही है और प्रधानमंत्री मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन ने स्पष्ट किया है कि परियोजना को वर्ष के अंत तक पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समझौता रणनीतिक महत्व रखता है और यह भारत, यूरोपीय संघ और दुनिया के लिए अच्छा होगा.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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