Last Updated:August 22, 2025, 08:49 IST
Plane's Wind Flap Detached: लगातार हो रहे विमान हादसों के बीच 12000 फीट की ऊंचाई पर डेल्टा एयरलाइंस के प्लेन का विंड फ्लैप टूटना फ्लाइट सेफ्टी के लिहाज से बेहद गंभीर है. ऐसे में विंड फ्लैप का फ्लाइट ऑपरेशन मे...और पढ़ें

Plane’s Wind Flap Detached: अमेरिका के ऑरलैंडो से ऑस्टिन जा रही डेल्टा एयरलाइंस की फ्लाइट 1893 में उस समय हड़कंप मच गया, जब करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर प्लेन के बाएं विंग का विंड प्लैप टूटकर लटकने लगा. दरसअल, बोइंग 737 के इस प्लेन लैंडिंग के लिए ऑस्टिन-बर्गस्ट्रॉम इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तरफ बढ़ रहा था. तभी विंडो सीट पर बैठी एक लेडी पैसेंजर शनीला अरीफ की नजर विंग के विंड फ्लैप पर पड़ी. यह विंड फ्लैप लगभग टूट चुका था और किसी भी पल पूरी तरह टूट कर हवा में उड़ सकता था.
शनीला ने तुरंत इस बारे में फ्लाइट क्रू को बताया और फिर अपनी विंडो सीट से इस डरावने मंजर को अपने कैमरे में कैद कर लिया. वहीं, जब इस बारे में प्लेन के दूसरे पैसेंजर को पता चला तो पूरी फ्लाइट में हड़कंप मच गया. गनीमत रही कि यह प्लेन ऑस्टिन-बर्गस्ट्रॉम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंड कर गया, जिसके बाद पैसेंजर ने राहत की सांस ली. लैंडिंग के बाद जब प्लेन की जांच हुई तो पाया गया कि बाएं विंग का विंड फ्लैप पूरी तरह से अपनी जगह से अलग हो चुका था. डेल्टा एयरलाइंस ने इस प्लेन को सर्विस से हटा लिया है और मेंटेनेंस के लिए भेज दिया.
लैंडिंग-टेकऑफ में कितनी अहम होती है विंग फ्लैप का रोल
एक निजी एयरलाइंस के सीनियर कमांडर के अनुसार, विंग्स के पीछे के हिस्से पर लगे विंड फ्लैप्स टेकऑफ के दौरान लिफ्ट और लैंडिंग में ड्रैग को कंट्रोल करने का काम करते हैं. जब फ्लैप्स नीचे की ओर झुके होते हैं, तो वे विंग्स की लिफ्ट को बढ़ाते हैं और प्लेन कम गति में भी आसानी से उड़ान भर जाता है. लैंडिंग के दौरान, ये विंड फ्लैप प्लेन के ड्रैग को बढ़ाते हैं, जिससे प्लेन की स्पीड को आसानी से कंट्रोल किया जाता है. टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान इन फ्लैप्स को अलग-अलग एंगल पर अरजेस्ट किया जाता है. हर एंगल पर यह फ्लैप अगल-अलग भूमिका अदा करते हैं.
उन्होंने बताया कि जब प्लेन टेकऑफ के लिए रनवे पर दौड़ता है, तब विंग फ्लैप्स को थोड़ा नीचे की ओर झुकाया जाता है. इससे प्लेन के विंग्स की लिफ्ट बढ़ती है और कम दूरी में ही हवा में लिफ्ट करने की पॉवर भी मिलती है. ये विंड फ्लैप खासकर छोटे रनवे वाले एयरपोर्ट पर बेहद मददगार शाबित होते हैं. बोइंग 737 जैसे यात्री प्लेन में फ्लैप्स को टेकऑफ के लिए 5 से 15 डिग्री के कोण पर सेट किया जाता है. इससे प्लेन बेहद तेजी से हवा में उठ पाता है. बिना फ्लैप्स के प्लेन को उड़ान भरने के लिए बहुत अधिक स्पीड और लंबे रनवे की जरूरत पड़ती है.
अगर लैंडिंग से पहले फ्लैप टूट जाए तो क्या हो सकता है?
अब बड़ा सवाल यह है कि अगर विंड टूट जाएं, तो क्या होगा? इस सवाल पर सीनियर कमांडर का कहना है कि विंग फ्लैप्स का टूटना या काम न करना फ्लाइट सेफ्टी के लिहाज से गंभीर स्थिति हो सकती है. लेकिन इसका प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि खराबी कितनी गंभीर है और प्लेन किस स्थिति में है. अगर टेकऑफ के दौरान फ्लैप्स काम नहीं करते, तो प्लेन को उड़ान भरने के लिए लंबे रनवे और अधिक स्पीड की जरूरत पड़ सकती है. अगर रनवे छोटा हो, तो टेकऑफ बेहद जोखिम भी भरा हो सकता है.
हालांकि, पायलटों को ऐसी स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है और वे बिना फ्लैप्स के भी टेकऑफ को मैनेज कर सकते हैं. लेकिन यह प्रॉसेस सामान्य से अधिक मुश्किल और जोखिम भरा होता है. लैंडिंग के दौरान फ्लैप्स का खराब होना ज्यादा गंभीर हो सकता है. चूंकि, लैंडिंग के दौरान, प्लेन की स्पीड काफी अधिक होती है और इन विंड फ्लैप्स क मदद से स्पीड को कंट्रोल किया जाता है, लिहाजा फ्लैप के बिना लैंडिंग करने पर प्लेन को रोकने के लिए बड़े रनवे की जरूरत होगी. अगर रनवे छोटा हो या गीला हो, तो यह हादसे की वजह बन सकता है.
दो में से एक फ्लैप टूट जाए तो फिर क्या होगा?
सीनियर कमांडर ने बताया कि अगर फ्लैप्स एक तरफ काम कर रहे हों और दूसरी तरफ नहीं, तो प्लेन का बैलेंस बिगड़ सकता है, जिससे पायलट के लिए प्लेन को कंट्रोल रखना काफी मुश्किल हो जाता है. यहां आपको बता दें कि बोइंग का
737 मैक्स प्लेन पहले भी विवादों में रह चुका है. 2018 में इंडोनेशिया और 2019 में इथियोपिया में हुए दो हादसों में 346 लोगों की जान चली गई थी. जांच में पाया गया कि इन हादसों की वजह एक सेंसर की खराबी थी, जिसके कारण प्लेन का नोज नीचे की ओर झुक गया और पायलट नियंत्रण नहीं कर पाए. इन हादसों के बाद बोइंग 737 मैक्स को दुनिया भर में उड़ान भरने के लिए तब तक के लिए रोक दिया गया था, जब तक कि कंपनी ने सिस्टम में सुधार नहीं किया था.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...
और पढ़ें
First Published :
August 22, 2025, 08:49 IST