इफ्तार के बहाने PK निकाल रहे हैं लालटेन से किरासन तेल? CM नीतीश पर भी कस रहे..

4 days ago

Last Updated:March 24, 2025, 12:40 IST

Bihar Politiccs: प्रशांत किशोर इफ्तार के जरिए मुस्लिम और अतिपिछड़ा वोट बैंक को साधने की कोशिश में हैं. जन सुराज पार्टी के संस्थापक पीके 2025 चुनाव में जेडीयू और आरजेडी के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर रह...और पढ़ें

इफ्तार के बहाने PK निकाल रहे हैं लालटेन से किरासन तेल? CM नीतीश पर भी कस रहे..

क्या प्रशांत किशोर बदल रहे हैं मुस्लिमों की सोच?

हाइलाइट्स

प्रशांत किशोर मुस्लिम और अतिपिछड़ा वोट बैंक को साधने में जुटे हैं.PK ने इफ्तार के जरिए RJD और JDU के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की.PK ने 2025 चुनाव में 42 मुस्लिम और 75 अतिपिछड़ा उम्मीदवार उतारने की घोषणा की.

पटना. क्या बिहार में इफ्तार के बहाने साल 2025 में नई राजनीतिक लहर की तैयारी हो रही है? चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर इफ्तार के जरिए मुस्लिम समुदाय को लुभाने में जुटे हैं, जो आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव का मजबूत आधार रहा है. साथ ही पीके, नीतीश कुमार के अति पिछड़ा वोट बैंक को भी साधने की कोशिश में लगे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर चर्चा के केंद्र में हैं. बिहार के सियासी गलियारे में सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या प्रशांत किशोर इफ्तार के बहाने जेडीयू और आरजेडी के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं? हाल ही में बिहार विधानसभा के चार सीटों पर हुए उपचुनाव के वोटिंग पैटर्न से उत्साहित जन सुराज पार्टी अब जातीय समीकरण और सामाजिक गोलबंदी करने में जुट गई है.

प्रशांत किशोर ने पिछले साल 2 अक्टूबर को जन सुराज पार्टी की स्थापना की थी. तब से वे बिहार के गांव-गांव में पदयात्रा कर जनता से जुड़ रहे हैं. उनकी रणनीति का एक अहम हिस्सा मुस्लिम और अतिपिछड़ा वोटरों को टारगेट करना है. बिहार की जातीय जनगणना 2023 के अनुसार, राज्य में मुस्लिम आबादी 17.7% और अतिपिछड़ा वर्ग 36.01% है. ये दोनों समुदाय लंबे समय से आरजेडी और जेडीयू के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं. खासकर मुस्लिम वोटरों को लालू प्रसाद यादव का एम-वाय (मुस्लिम-यादव) समीकरण मजबूत आधार देता है. वहीं, नीतीश कुमार अतिपिछड़ा वर्ग में अपनी पकड़ रखते हैं. प्रशांत किशोर अब इसी समीकरण को भेदने की कोशिश में हैं.

इफ्तार के बहाने पीके कर रहे हैं बड़ा खेल?
इफ्तार के मौके पर प्रशांत किशोर ने मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. दरभंगा में 10 मार्च 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मुस्लिम वोटरों को ‘केरोसिन तेल’ कहकर तंज कसा और दावा किया कि ये वोट अब जन सुराज की ओर बढ़ रहे हैं. उनका इशारा साफ था कि आरजेडी की “लालटेन” बुझने वाली है. 2024 के बिहार उपचुनाव में जन सुराज को चार सीटों पर औसतन 10% वोट मिले थे. बेलागंज सीट पर उनके उम्मीदवार मोहम्मद अमजद को 17,000 से ज्यादा वोट मिले, जिसने आरजेडी की हार में अहम भूमिका निभाई. यह सीट पहले आरजेडी के पास थी, लेकिन जेडीयू ने 21,000 वोटों से जीत हासिल की. विश्लेषकों का मानना है कि जन सुराज ने मुस्लिम वोटों को बांटकर आरजेडी को नुकसान पहुंचाया.

प्रशांत किशोर के निशाने पर कौन?
दूसरी ओर, प्रशांत किशोर नीतीश कुमार की जेडीयू को भी कमजोर करने में जुटे हैं. वे बार-बार नीतीश के शासन को भ्रष्टाचार और अपराध से जोड़कर हमला करते हैं. उनकी रणनीति में अतिपिछड़ा वर्ग को लुभाने के लिए 75 उम्मीदवार उतारने की घोषणा शामिल है. 2025 चुनाव में वे आबादी के हिसाब से 42 मुस्लिम और 75 अतिपिछड़ा उम्मीदवारों को टिकट देने की बात कह चुके हैं. यह कदम जेडीयू के कोर वोट बैंक को सीधे चुनौती देता है.

हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं. आरजेडी का यादव-मुस्लिम गठजोड़ और जेडीयू की अतिपिछड़ा पकड़ अभी भी मजबूत है. प्रशांत किशोर की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे कितने प्रभावी ढंग से इन समुदायों में अपनी पैठ बना पाते हैं. इफ्तार के बहाने शुरू हुई उनकी यह सियासी चाल बिहार के चुनावी समीकरण को बदलने की कितनी ताकत रखती है, यह 2025 में साफ होगा। तब तक उनकी हर गतिविधि पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी.

Location :

Patna,Patna,Bihar

First Published :

March 24, 2025, 12:40 IST

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