Last Updated:August 27, 2025, 15:39 IST
Tarlochan Singh on Gujarat Riots: गुजरात दंगों पर राज्यसभा के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सरदार तरलोचन सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है, नरेंद्र मोदी के साहसिक फैसले...और पढ़ें

Tarlochan Singh on Gujarat Riots: गुजरात दंगा एक ऐसा मुद्दा है जो गाहे-बगाहे सामने आती रहती है. क्योंकि दर्द ही इतना गहरा है जिसे गुजरात के लोग भूलने की कोशिख करने के बाद भी नहीं भूल पाते हैं. एक बार फिर गुजरात दंगों पर एक बड़ा बयान सामने आया है. यह बयान है राज्यसभा के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सरदार तरलोचन सिंह का है. उन्होंने कहा है कि 2002 में हुए दंगे “स्वाभाविक प्रतिक्रिया” थे, न कि 1984 की तरह “प्रायोजित साजिश”. जब उनसे पूछा गया कि क्या उस समय दंगे रोकने की कोशिश की गई थी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के एक साहसिक फैसले के बारे में बताया. तरलोचन सिंह ने साफ कहा कि इस पूरी घटना में सरकार का कोई हाथ नहीं था और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के एक साहसिक फैसले ने पूरे राज्य को आग की लपटों से बचा लिया. तरलोचन सिंह घटना के दौरान ही राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग थे.
पूर्व सांसद ने ANI के पॉडकास्ट में कहा, “मोदी जी ने इतना बड़ा काम किया, जिसे आज तक किसी ने हाईलाइट नहीं किया. हिंदू कारसेवकों के शवों को गांव ले जाने की मांग उठ रही थी. अगर ये लाशें गांव पहुंच जातीं, तो पूरा गुजरात जल उठता. लेकिन मोदी जी ने इसे रोक दिया और वहीं अंतिम संस्कार का आदेश दिया. इस फैसले से दंगे सीमित रहे और हालात बेकाबू नहीं हुए.”
मुस्लिम नेताओं से बैठक
पूर्व सांसद ने यह भी दावा किया कि उन्होंने करीब 30 बड़े मुस्लिम नेताओं और मोदी के बीच बैठक कराई थी. तीन घंटे चली इस मीटिंग में मोदी ने सभी नेताओं की बातें सुनीं और उनकी मांगें मानीं. उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए केवल महिला अधिकारियों वाले थाने खोले गए और कई अन्य फैसले भी लिए गए.
उन्होंने पॉडकास्ट में आगे कहा, ‘मैं लोगों के घरों में यह पूछने गया कि दंगे क्यों हुए? मैं सिखों के घरों में गया. उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक नहीं था. मोदी जी ने लोगों को बचाया. उन्होंने इतना बड़ा काम किया, जिसे आज तक किसी ने उजागर नहीं किया. सभी हिंदू, हिंदुओं के शवों को गांव ले जाना चाहते थे. अगर वे शव गांवों में पहुंचाए जाते, तो पूरा गुजरात जल जाता. मोदी ने इसकी अनुमति नहीं दी. मोदी ने इसे अस्वीकार कर दिया और अंतिम संस्कार वहीं किया गया. उन्होंने इतना बड़ा काम किया. दंगे केवल अहमदाबाद के आस-पास हुए थे, पूरे गुजरात में नहीं. मोदी जी ने इसे रोका.’
गोधरा कांड के बाद दंगे
गौरतलब है कि गुजरात दंगे 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी की घटना के बाद भड़के थे. उस घटना में 59 कारसेवक मारे गए थे. इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में हिंसा हुई, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई. तरलोचन सिंह ने कहा कि उस मुश्किल वक्त में मोदी ने हालात संभाले और दंगों को पूरे गुजरात में फैलने से रोका.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
August 27, 2025, 15:39 IST