Last Updated:August 20, 2025, 18:09 IST
Guwahati High Court: असम के दिमा हासाओ जिले में सरकार ने 3000 बीघा जमीन एक प्राइवेट सीमेंट कंपनी को दे दी. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा- "क्या ये मजाक है?"

गुवाहाटी से एक बड़ी खबर सामने आई है. मामला है असम के जनजातीय बहुल दिमा हासाओ ज़िले का, जहां सरकार ने एक प्राइवेट सीमेंट कंपनी को 3,000 बीघा यानी लगभग 1,000 एकड़ ज़मीन अलॉट कर दी. अब जब ये बात गुवाहाटी हाईकोर्ट में पहुंची, तो जज साहब खुद हैरान रह गए.
हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कुमार मेधी ने ज़मीन अलॉटमेंट पर कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा- ‘3,000 बीघा! ये क्या चल रहा है? इतनी बड़ी जमीन प्राइवेट कंपनी को कैसे दे दी? क्या ये कोई मजाक है?’ जज ने यहां तक कह दिया कि इतनी ज़मीन तो पूरे जिले के बराबर हो सकती है. कोर्ट ने साफ किया कि मामला बेहद गंभीर है और इसकी तह तक जाना होगा.
गोगोई बोले- असम में ये नया नहीं है
इस पूरे घटनाक्रम पर असम कांग्रेस प्रमुख और लोकसभा में डिप्टी लीडर गौरव गोगोई ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने एक्स (Twitter) पर लिखा, ‘हम गुवाहाटी हाईकोर्ट के आभारी हैं कि उन्होंने संविधान और कानून की मर्यादा की रक्षा की. लेकिन दुख की बात ये है कि असम के सभी बड़े जिलों और सिक्स्थ शेड्यूल इलाकों में यही प्रथा सालों से जारी है, कॉरपोरेट्स को जमीन बांटना.’
कोर्ट ने मांगी पूरी रिपोर्ट
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने इस मामले पर नॉर्थ कछार हिल्स ऑटोनॉमस काउंसिल (NCHAC) को निर्देश दिया है कि वो सारे रिकॉर्ड पेश करें. कोर्ट ने पूछा कि आखिर किस पॉलिसी के तहत इतनी बड़ी ज़मीन एक निजी सीमेंट कंपनी को दी गई. गौरव गोगोई ने साफ कहा कि जनता की जमीन कॉरपोरेट्स को बांटी जा रही है और यह प्रवृत्ति खतरनाक है. वहीं, हाईकोर्ट की सख्थी से सरकार पर दबाव बढ़ गया है.
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First Published :
August 20, 2025, 18:09 IST