ऐसे टीचर सबको मिले! नहीं मिली मदद तो लोन लेकर स्कूल बनाया, सैलरी से लोन चुकाया

18 hours ago

Agency:Local18

Last Updated:February 21, 2025, 18:08 IST

West Bengal: पूर्व मेदिनीपुर के प्रधान शिक्षक मिंटू सरकार ने सरकारी मदद न मिलने पर निजी लोन लेकर स्कूल के लिए नया क्लासरूम बनवाया. अपनी तनख्वाह से लोन चुकाते हुए, उन्होंने गांव के युवाओं को अस्थायी शिक्षक भी नि...और पढ़ें

ऐसे टीचर सबको मिले! नहीं मिली मदद तो लोन लेकर स्कूल बनाया, सैलरी से लोन चुकाया

लोन लेकर टीचर ने क्लास बनवाया

पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा ब्लॉक के बहलिया जूनियर हाईस्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा अब आसान होती दिख रही है. इस स्कूल में पढ़ने वाले लगभग डेढ़ सौ बच्चों को कक्षाओं की कमी के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. स्कूल में केवल दो क्लासरूम और एक बरामदा था, जहां कक्षा पांच से दस तक के बच्चों को पढ़ाया जाता था. स्कूल को पांचवीं से आठवीं तक की सरकारी मान्यता प्राप्त है, लेकिन इलाके में और कोई हाई स्कूल न होने के कारण नौवीं और दसवीं के छात्र भी यहीं पढ़ते हैं.

मदद की गुहार पर नहीं मिली राहत
विद्यालय की इस गंभीर समस्या को लेकर प्रधान शिक्षक मिंटू सरकार और अन्य शिक्षक कई बार स्थानीय नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के पास गए. उन्होंने स्कूल की स्थिति सुधारने के लिए कई बार आवेदन दिया, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी. सरकार और प्रशासन से कोई ठोस मदद न मिलने के बाद मिंटू सरकार ने खुद ही इस समस्या का समाधान करने का फैसला किया. उन्होंने निजी तौर पर सात लाख रुपये का लोन लिया और स्कूल के लिए दो मंजिला एक नया क्लासरूम बनवाया. अब उनके वेतन का एक बड़ा हिस्सा हर महीने इस लोन की किस्त चुकाने में जाता है.

अब भी पूरी नहीं हुई परेशानी
हालांकि एक नया क्लासरूम बनने से कुछ राहत जरूर मिली, लेकिन समस्या पूरी तरह हल नहीं हुई है. अभी भी कई छात्रों को बरामदे में चटाई बिछाकर पढ़ाई करनी पड़ती है. इसके अलावा, छात्राओं के लिए बने टॉयलेट के टूट जाने से उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं. इन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में पढ़ाई सुचारू रूप से चल पाना मुश्किल हो रहा है.

गांव के लोग भी आए साथ
इस स्कूल में मिंटू सरकार के अलावा तीन स्थायी शिक्षक हैं. बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए, इसके लिए गांव के तीन बेरोजगार शिक्षित युवकों और एक सेवानिवृत्त शिक्षक को भी अस्थायी शिक्षक के रूप में रखा गया है. इन शिक्षकों को मिलने वाले मानदेय की व्यवस्था भी प्रधान शिक्षक ने खुद अपने वेतन से की है. अपनी जरूरतों की परवाह किए बिना मिंटू सरकार स्कूल को आगे बढ़ाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में भी कोई सरकारी मदद नहीं मिली, तो वे अपने स्तर पर ही स्कूल की बेहतरी के लिए प्रयास करते रहेंगे.

First Published :

February 21, 2025, 18:08 IST

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