Last Updated:May 31, 2025, 17:34 IST
Bihar News: बिहार में उद्योगों की मानों बहार आई है. एक वक्त था जब उद्योगपति बिहार में निवेश करने से हिचकिचाते थे, लेकिन अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है. निवेशक बिहार की संभावनाओं को पहचान रहे हैं.

बिहार में नीतीश सरकार ने उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए कई नीतियां बनाईं और इसका असर भी दिख रहा.
हाइलाइट्स
बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024: 18 लाख करोड़ निवेश प्रस्ताव पर हस्ताक्षर.राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए दी 1650 करोड़ रुपये की मंजूरीगया का डोभी और पटना का बिहटा भी बनता जा रहा है उद्योगों का हब.अगस्त 2022 में नीतीश सरकार ने बिहार में की स्टार्टअप नीति की शुरुआत.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार औद्योगिकीकरण की ओर अग्रसर हो रहा है. पहले ऐसी धारणा थी कि बिहार बड़े निवेश को आकर्षित नहीं कर सकता, लेकिन अब यह धारणा बदल गई है और नीतीश सरकार की शानदार औद्योगिक नीतियों की वजह से बिहार निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है. बिहार में फूड प्रोसेसिंग, कपड़ा और पर्यटन जैसे कई क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं. ये ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें रोजगार के भी अच्छे अवसर पैदा हो सकते हैं. निवेशक बिहार में निवेश करने के लिए भी अब तैयार बैठे हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली सरकार भी लगातार काम कर रही है और निवेशकों के लिए हर तरह का वातावरण तैयार किया जा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 का आयोजन किया गया जिसमें एक लाख 80 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हुए हैं जो 2023 के मुकाबले तीन गुना से भी ज्यादा है.
पटना में हुए इस कार्यक्रम में 423 कंपनियों ने भाग लिया. बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 राज्य के औद्योगिक विकास के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बना. सबसे ज्यादा निवेश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हुआ. सन पेट्रो केमिकल्स ने 36,700 करोड़ रुपए और एनएचपीसी ने 5,500 करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया. खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में एसएलएमजी बेवरेजेज (कोका-कोला) ने 3,000 करोड़ रुपए और हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड ने 300 करोड़ रुपए का निवेश करने की घोषणा की. श्री सीमेंट ने सामान्य निर्माण क्षेत्र में 800 करोड़ रुपए का निवेश करने का वादा किया. सभी कंपनियों को स्टेज 1 की मंजूरी मिलने के साथ परिवर्तनकारी परियोजनाओं के लिए जमीनी कार्य शुरू हो चुका है. वर्तमान में 1800 एकड़ भूमि उपलब्ध है और क्षेत्रीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त भूमि पार्सल का चयन रणनीतिक रूप से किया जा रहा है.
अगस्त 2022 में बिहार स्टार्टअप नीति की हुई थी शुरुआत
नीतीश सरकार की ओर से राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ही अगस्त 2022 में बिहार स्टार्टअप नीति शुरू की गई. इस स्टार्टअप नीति का मुख्य उद्देश्य बिहार में एमएसएमई क्षेत्र के विकास में तेजी लाना है. इससे उद्यमियों को कई तरह के फायदे हो रहे हैं. इस नीति के तहत बिहार के युवा उद्यमियों को दस साल के लिए बिना ब्याज के 10 लाख रुपये तक सहायता राशि दी जाती है. यह राशि बिहार स्टार्टअप नीति के तहत सीड फंड के रूप में आवंटित की जाती है. बिहार में युवा व्यवसायियों के लिए एक स्टार्टअप प्लेटफॉर्म बनाया गया है जो उनके लिए उपलब्ध नीतियों और कार्यक्रमों का लाभ उठाने में रुचि रखते हैं. बिहार सरकार निवेशकों के लिए राज्य को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए बिहार सरकार औद्योगिक नीति जैसी नीतियों को लगातार लागू कर रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इन नीति को अपनाने से राज्य को औद्योगिकीकरण, रोजगार सृजन और इसके समग्र विकास के योगदान में मदद मिलेगी.
भूमि अधिग्रहण के लिए दी 1650 करोड़ रुपये की मंजूरी
बिहार उद्योग विभाग ने कानून और व्यवस्था तंत्र को भी नया रूप दिया है। इन बदलावों ने राज्य स्तरीय निजी निवेश और औद्योगिक भागीदारी में वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल बनाया है. राज्य के औद्योगिकीकरण के लिए भूमि की उपलब्धता बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए 1500 करोड़ रुपये की सीमा के साथ एक कॉर्पस फंड स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया गया।.कारखानों और अन्य संबद्ध व्यवसायों द्वारा भूमि की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इस सीमा को फिर 2500 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया है. बिहार सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण और बिहार उद्योग विभाग के पक्ष में 1650 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की है, जिससे भूमि क्षेत्र और विशेष औद्योगिक क्षेत्रों का तेजी से विकास सुनिश्चित हो सके.
गया का डोभी और पटना का बिहटा बन रहा उद्योग का हब
गया के डोभी में राज्य का पहला और देश का सबसे डेवलप औद्योगिक पार्क बनाया जा रहा है. कोलकाता-अमृतसर कॉरिडोर औद्योगिक पार्क लगभग 1670 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है. औद्योगिक पार्क के निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने भू-अर्जन का काम शुरु कर दिया है. डोभी के गमहरिया गांव में तकरीबन 475 एकड़ सरकारी जमीन विभाग को ट्रांसफर कर दी है जबकि शेष जमीन पर भू-अर्जन का काम तेजी से चल रहा है. अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के तहत गया के डोभी गमहरिया गांव में बन रहे इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर परियोजना जिले के लिए वरदान साबित होगा. इस प्रोजेक्ट के तहत डोभी में बड़े और मध्यम दर्जे के उद्योग लगाने की योजना है. अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर से नजदीकी के कारण यह क्षेत्र इकोनामिक जोन के लिए पूरी तरह उपयुक्त माना जा रहा है. यहां बड़े पैमाने पर इंडस्ट्री लगने से इस इलाके की तकदीर बदल जाएगी. वहीं पटना का बिहटा भी बिहार का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र बनता जा रहा है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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