Last Updated:July 07, 2025, 15:09 IST
Agriculture Target : भारत सरकार ने साल 2047 के लिए एक और बड़ा लक्ष्य बनाया है. अगले 22 साल में न सिर्फ भारत को दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है, बल्कि सुपरफूड कहे जाने वो मक्का के उत्पादन को बढ़...और पढ़ें

भारत ने 2047 मक्के का उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य रखा है.
हाइलाइट्स
भारत 2047 तक मक्का उत्पादन को दोगुना करेगाबिहार की भूमिका मक्का उत्पादन में महत्वपूर्ण होगीभारत मक्का उत्पादन में आनुवंशिक बीजों का उपयोग नहीं करेगानई दिल्ली. भारत ने साल 2047 को लेकर को एक और बड़े प्लान का खुलासा किया है. सरकार ने अगले 22 साल में न सिर्फ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है, बल्कि सुपरफूड माने जाने वाले मक्के का उत्पादन भी बढ़ाकर दोगुना करने का लक्ष्य है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि भारत साल 2047 तक अपने मक्का उत्पादन को मौजूदा 4.23 करोड़ टन से दोगुना करके 8.6 करोड़ टन तक पहुंचा सकता है. इसमें बिहार जैसे राज्यों की बड़ी भूमिका होने वाली है.
उद्योग मंडल फिक्की की ओर से आयोजित 11वें मक्का सम्मेलन में चौहान ने कहा कि दुनिया के पांचवें सबसे बड़े मक्का उत्पादक को आनुवंशिक रूप से संशोधित बीजों का उपयोग किए बिना ही अपनी उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है. चौहान ने कहा, ‘हम आनुवंशिक रूप से संशोधित बीजों का इस्तेमाल नहीं करते हैं, फिर भी हम उत्पादकता के स्तर को बढ़ा सकते हैं.’ अभी भारत की औसत मक्का उत्पादकता 3.7 टन प्रति हेक्टेयर है, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे कुछ राज्य राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन कुल मिलाकर पैदावार बढ़ाने की जरूरत है.
मक्के की 265 किस्में तैयार
कृषि मंत्री ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने मक्का की 265 किस्में विकसित की हैं. इनमें 77 हाइब्रिड और 35 जैव-फोर्टिफाइड किस्में हैं, लेकिन अभी और काम करने की जरूरत है. इसे बेहतर बनाने के लिए मक्के में स्टार्च का स्तर बढ़ाने की जरूरत है. हमें इसे मौजूदा 65-70 फीसदी से बढ़ाकर 72 फीसदी करने की जरूरत है, ताकि मक्के का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सके. भारत का मक्का उत्पादन 1900 के दशक के एक करोड़ टन से बढ़कर वर्तमान में 4.23 करोड़ टन हो गया है.
पंजाब-हरियाणा को बदलनी होगी रणनीति
उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य जो धान की खेती पर ध्यान केंद्रित करते हैं. उन्हें उत्पादन बढ़ाने के लिए मक्के की खेती में विविधता लानी चाहिए. चौहान ने कहा कि मक्के की कीमतें जो 2,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम थीं. वह सरकार के 2025-26 तक 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य के बाद मजबूत हुई हैं. मंत्री ने घटिया बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की बिक्री पर चिंता जताते हुए सप्लायर और विनिर्माताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही.
पोल्ट्री उद्योग के लिए भी कदम
‘पोल्ट्री’ उद्योग के प्रतिनिधियों के मक्का के चारे की बढ़ती कीमतों के बारे में चिंता जाहिर करने के मुद्दे पर चौहान ने कहा कि किसानों को कीमत मिलने दीजिए और हम आपके मुद्दे को दूसरे तरीके से सुलझा लेंगे. उत्पादन में और वृद्धि होनी चाहिए. कॉर्टेवा एग्रीसाइंस के अध्यक्ष (दक्षिण एशिया) और फिक्की की कृषि समिति के सह-अध्यक्ष सुब्रतो गीद ने कहा कि मांग-आपूर्ति के अंतर को पाटने के लिए नई खोज के साथ सहयोग भी बढ़ाना होगा.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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