Life of Dubai: घूमने फिरने के ज्यादातर शौकीन लोग दुबई जाना जरूर पसंद करते हैं. क्योंकि दुबई लोगों की नजर में चमक-दमक और आलीशान इमारतों के लिए पहचाना जाता है. हालांकि इसके पीछे कुछ और भी है जिसकी तरफ अक्सर लोगों को ध्यान नहीं जाता है.
Dubai Room Rent: दुबई को नाम जब भी हमारे जहन में गगनचुंबी इमारतें, लग्जरी लाइफ दौड़ने लगती है. इसके अलावा हम खुद-बखुद चमक-दमक वाली दुनिया का एहसास करने लगते हैं लेकिन इससे अलग सोशल मीडिया पर दुबई की एक दूसरी छवि खूब वायरल हो रही है. इंस्टाग्राम पर एक छोटा सा रेंटल ऐड पर गलत कारणों की वजह से खूब चर्चा चल रही है. यह एड एक छोटे से कमरे को किराए पर देने से संबंधित है.
क्यों वायरल हो रहा है Ad
दुबई मरीना में बालकनी वाला पार्टिशन किराए पर देने का ऐड इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहा है. इसके लिए हर महीने AED 2700 (लगभग 62000 भारतीय रुपये) मांगे जा रहे हैं, जिसे देखकर लोग हैरान, गुस्से में और हंसते हुए प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक रियल एस्टेट कंपनी ने इंस्टाग्राम पर यह ऐड डाला था. इसमें 'रेडी-टू-मूव पार्टिशन विथ बालकनी' की पेशकश की गई है. यह जगह इतनी छोटी है कि उसमें एक बिस्तर, एक छोटी टेबल और एक अलमारी भी ठीक से नहीं आ पाती. यहां कोई पक्की दीवारें, अलग किचन या इंडिपेंडेंट सुविधाएं नहीं हैं.
लोगों ने किए मजेदार कमेंट्स
असल में यह एक बड़े अपार्टमेंट या विला के अंदर बनाया गया अस्थायी छोटा कमरा है, जो कांच या पर्दों की दीवारों की मदद से अलग किया गया था. चंद सुविधाओं के बावजूद इसका इतना महंगा किराया होने की वजह से इसकी खूब चर्चा हो रही है. एक यूजर ने कहा,'यह कमरा है या ताबूत?' तो किसी ने लिखा,'बाकी का कमरा कहां है?' एक और यूजर ने लिखा,'इसकी फोटो देखते ही मेरी क्लॉस्ट्रोफोबिया (भीड़ या बंद जगह का डर) जाग गया.' कई लोगों ने मजाक में कहा कि उनके घर के बाथरूम या बालकनी इससे बड़ी हैं. जबकि दूसरी तरफ मुंबई के छोटे घरों से तुलना करते हुए एक यूजर ने कहा,'यह तो मुंबईकरों के लिए स्वर्ग है.'
दुबई की काली सच्चाई?
वायरल पार्टीशन लिस्टिंग ने दुनिया के सबसे ग्लैमरस शहरों में से एक में रिहाइशी क्षमता के बारे में एक महत्वपूर्ण चर्चा शुरू कर दी है. हालांकि इसने ऑनलाइन कुछ लोगों को हँसाया, लेकिन इन मजाकिया कमेंट्स के पीछे दुबई की दोहरी दुनिया की हकीकत छिपी हुई है. जैसे-जैसे दुबई का विकास हो रहा है और नए निवासियों को लगातार आकर्षित कर रहा है, इसकी रिहाइशी चुनौतियों का हल ढूंढना पॉलिसी मेकर्स और रियल एस्टेट डेवलपर्स दोनों के लिए मुसीबत बनी हुई हैं.