Last Updated:August 19, 2025, 12:36 IST
क्या आपको मालूम है कि भारत में पहली बार जब रुपया जारी हुआ तो ये चांदी के सिक्के के रूप में था. इसे एक मुस्लिम शासक ने शुरू किया. फिर ये कभी बंद नहीं हुआ. मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक ने इसे जारी रखा.

क्या आपको मालूम है कि जिस भारतीय रुपये को हम धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं. उसे सबसे पहले एक मुस्लिम शासक ने भारत में शुरू किया. इसके बाद ये कभी बंद नहीं हुआ. रुपये को चलते हुए 485 साल हो चुके हैं. रुपया मुद्रा केवल भारत ही नहीं बल्कि अब पांच से ज्यादा देशों में चल रहा है. अंग्रेज भी जब भारत आए तो उन्होंने भी 19 अगस्त 1757 में पहली बार चांदी का एक रुपए का सिक्का जारी किया.
भारत में ‘रुपया’ शब्द का प्रयोग और इसका सिक्का सबसे पहले शेर शाह सूरी ने अपने शासनकाल (1540-1545) के दौरान शुरू किया. शेर शाह सूरी ने 11.53 ग्राम के चांदी के सिक्के को ‘रुपया’ नाम दिया. हालांकि उसने दाम और मोहर के नाम से दो मुद्राएं और चलाईं. लेकिन रुपया हिट हो गया और अब भी जारी है. उसने तांबे का ‘दाम’ और सोने का ‘मोहर’ नाम से भी सिक्के चलवाए थे.
संस्कृत से निकला रुपया शब्द
रुपया शब्द संस्कृत के शब्द “रूप्य” और “रौप्य” से आया है, जिनका अर्थ होता है आकार, मुद्रांकित, सिक्का और चांदी. इसका प्रयोग सबसे पहले भारत में शेर शाह सूरी ने ही किया. ऐसा लगता है कि उसने अपने शासनकाल में संस्कृत के विद्वानों से बात करक अपनी मुद्रा को रुपया नाम दिया था. इसलिए कहा जा सकता है कि दुनिया में जहां कहीं भी रुपया नाम की मुद्रा चलती है, वो भारत और इस मुस्लिम शासक की ही देन है. यह शब्द और मुद्रा दोनों का मूल भारत से ही निकला है.
भारतीय रुपये की शुरुआत एक मुस्लिम शासक ने की थी. तब भारत में रुपया एक मुद्रा के तौर पर लगातार जारी है. वैसे इस रुपया शब्द का मूल संस्कृत से आया है. ( news18)
रुपया किन देशों में चलता है
भारतीय रुपया और रुपया नामक मुद्रा कई देशों में प्रयुक्त होती है. भारत के अलावा वे देश जिनमें भारतीय रुपया को आधिकारिक या अनौपचारिक रूप से स्वीकार किया जाता है, उनमें नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मलेशिया और जिम्बाब्वे शामिल हैं. इसके अलावा पाकिस्तान, मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स, श्रीलंका, नेपाल और इंडोनेशिया की मुद्रा का नाम भी रुपया ही है.
शेर शाह पहले बाबर की सेना में सैनिक था
शेर शाह सूरी दरअसल बाबर की सेना का एक सैनिक था, जिसका जन्म भारत में ही हुआ था. बाद में वह अपनी क्षमता और वीरता से खुद शासक बना. ये वही था, जिसने हुमायूं को हराकर भारत से खदेड़ दिया था.
कहां हुआ शेर शाह का जन्म
शेर शाह सूरी का जन्म वर्ष 1485-86 के आसपास हिसार (फिरोजा) में हुआ. जो अब हरियाणा में है. हालांकि ये भी कहा जाता है कि उसका जन्म सासाराम बिहार में हुआ उनका वास्तविक नाम फ़रीद ख़ां था. वह भारत में जन्मा एक पठान था. शेर शाह सूरी ने पहले मुगल सम्राट बाबर के लिए सैनिक के रूप में काम किया. बाद में बिहार के राज्यपाल बना. उसने 1540 में मुगलों के सम्राट हुमायूं को हराकर उत्तर भारत में सूरी साम्राज्य की स्थापना की. उसकी मृत्यु 22 मई 1545 को बुंदेलखंड के कालिंजर के घेराबंदी के दौरान बारूद में आग लगने से हुई थी.
शेर शाह सूरी ने 1540 में चांदी के सिक्कों पर भारतीय रुपया जारी किया. ये पहला भारतीय रुपया था. (news18)
लेकिन रुपया जारी रहा
बाद में मुगलों और अंग्रेजों ने भी ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश राज में भारतीय रुपया को जारी रखा. हां इसमें समय के साथ कई बदलाव जरूर हुए. यानि शेरशाह सूरी ने जिस भारतीय रुपये को शुरू किया, वही अब इस देश के आर्थिक तंत्र में बहता है. इसे कभी उसके बाद से बंद नहीं किया गया.
ब्रिटिश काल में इसके रूप, डिजाइन और वजन में बदलाव हुए. कभी कागजी मुद्रा शुरू की गई, कभी सिक्कों का रूप बदला गया, दशमलव प्रणाली अपनाई गई, लेकिन रुपया हमेशा भारत की मुख्य मुद्रा रहा.
ये था शेर शाह सूरी द्वारा जारी किया पहला भारतीय रुपया चांदी के सिक्के के रूप में.
भारत के अलावा बीसवीं सदी में फारस की खाड़ी और अरब देशों में भी भारतीय रुपया चलता था, हालांकि बाद में उन्होंने अपनी खुद की मुद्रा अपना ली. इस प्रकार, रुपया भारतीय मुद्रा के रूप में हमेशा बना रहा.
इतिहास में एक समय ऐसा भी था जब चांदी के सिक्के हर जगह इस्तेमाल होते थे. करीब हर किसी के पास होते थे. हालांकि बाद में चांदी के सिक्के बंद कर दिए गए तब दूसरी धातु के सिक्के या कागज के रुपए जारी किए गए.
ईस्ट इंडिया का पहला एक रुपया चांदी का ही सिक्का था
ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, पहला एक रुपये का चांदी का सिक्का 1757 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा जारी किया गया. इस पर किंग जॉर्ज द्वितीय का चित्र अंकित था. इसका वजन लगभग 11.5 ग्राम था. कोलकाता, जिसे पहले कलकत्ता के नाम से जाना जाता था, वहां पहला एक रुपये का सिक्का 19 अगस्त, 1757 को जारी किया गया था.
ईस्ट इंडिया कंपनी ने 19 अगस्त 1857 को पहली बार भारत में एक रुपया का सिक्का जारी किया. ये चांदी का सिक्का था. जिस पर किंग का चेहरा बना हुआ था.
1757 से 1835 तक ईस्ट इंडिया कंपनी ने इन सिक्कों का उत्पादन जारी रखा. ब्रिटिश सरकार ने भी चांदी के सिक्कों का उत्पादन जारी रखा. ऐसा बताया जाता है कि इन सिक्कों का दैनिक लेन-देन में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता था. दिहाड़ी मज़दूरों को 3 रुपये से 4 रुपये तक का भुगतान मिलता था, यानी आमतौर पर उन्हें अपने श्रम के बदले रोज 3-4 चांदी के सिक्के मिलते थे.
1917 में पहली बार भारत में नोट करेंसी जारी हुई
1917 में भारत में कागज की पहली नोट करेंसी जारी हुई. इसकी वजह से सिक्कों का प्रचलन कम हो गया. नए कागज के नोटों पर किंग जॉर्ज पंचम की छवि अंकित थी. दरअसल पहले विश्व युद्ध में चांदी की कमी पड़ने लगी थी, इस वजह सिक्कों पर इस मूल्यवान धातु का इस्तेमाल खत्म होने लगा.
बढ़ती लागत और चांदी की कमी के कारण ब्रिटिश सरकार को सिक्के ढालने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. तब उन्होंने प्रचलित एक रुपये के सिक्के की छवि वाले नोट छापने शुरू कर दिए.
Sanjay Srivastavaडिप्टी एडीटर
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...
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Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
August 19, 2025, 12:36 IST