Last Updated:August 25, 2025, 10:17 IST
India Russia News: विनय कुमार ने रूस से तेल खरीद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को करार जवाब दिया है. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत वहीं से तेल खरीदेगा जहां सौदा बेहतर हो. जानें कौन हैं विनय कुमार...और पढ़ें

रूसी तेल खरीदने को लेकर रूस में तैनात भारतीय राजदूत विनय कुमार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को करारा जवाब दिया है. उन्होंने साफ कहा कि भारतीय कंपनियां तेल वहीं से खरीदेंगी, जहां से उन्हें सबसे सस्ता और बेहतर सौदा मिलेगा. यानी कि भारत की प्राथमिकता 140 करोड़ लोगों की ऊर्जा सुरक्षा है, न कि किसी तीसरे देश की दबाव की राजनीति.
रूस की सरकारी न्यूज़ एजेंसी TASS से बातचीत में विनय कुमार ने कहा, ‘भारतीय कंपनियां वहीं से तेल खरीदेंगी, जहां उन्हें सबसे अच्छा सौदा मिलेगा. यही मौजूदा स्थिति है.’ उन्होंने ज़ोर दिया कि भारत का व्यापारिक निर्णय केवल व्यावसायिक आधार पर होता है.
ट्रंप को जयशंकर ने क्या दिया था जवाब?
विनय कुमार का यह बयान उस समय आया है, जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर 25% अतिरिक्त पेनल्टी ड्यूटी लगाने की घोषणा की है. यह निर्णय 27 अगस्त से लागू होने वाला है. इसके साथ ही अमेरिका ने भारत से आने वाले सामान पर टैरिफ दोगुना कर 50% कर दिया है.
हालांकि, भारत ने अमेरिका की इस आलोचना को साफ तौर पर खारिज कर दिया है. इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा था कि यह टैरिफ ‘अनुचित और अन्यायपूर्ण’ है और इसे ‘तेल का मुद्दा’ बताकर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना अमेरिका को परोक्ष रूप से जवाब देते हुए कहा था कि कोई किसी को भी भारत से तेल खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर रहा. उन्होंने कहा, ‘अगर आपको इसमें (भारत से ऑयल या रिफाइंड प्रोडक्ट) समस्या है तो आप मत खरीदिए आपको कोई मजबूर नहीं कर सकता है.’
अब विनय कुमार ने क्या कहा?
राजदूत विनय कुमार ने कहा कि भारत-रूस के बीच तेल व्यापार आपसी हितों और बाज़ार की परिस्थितियों पर आधारित है. उन्होंने कहा, ‘हमारा उद्देश्य 140 करोड़ भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा है. रूस सहित कई देशों के साथ हमारा सहयोग वैश्विक तेल बाज़ार को स्थिर रखने में मददगार रहा है. खुद अमेरिका और यूरोप भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं.’
उन्होंने अमेरिका की उस दलील को भी नकार दिया जिसमें कहा गया था कि भारत-रूस का तेल व्यापार यूक्रेन युद्ध को फंड कर रहा है.
अमेरिका ने क्या दी दलील?
उधर अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर ‘सेकेंडरी टैरिफ’ लगाए हैं. उनका दावा है कि इससे रूस को यूक्रेन पर बमबारी रोकने के लिए आर्थिक दबाव झेलना पड़ेगा. लेकिन भारत का जवाब साफ है, ‘हम अपने राष्ट्रीय हित और ऊर्जा सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे.’
कौन हैं विनय कुमार?
विनय कुमार 1992 बैच के भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं. उन्होंने अफगानिस्तान, इराक, कंबोडिया, और इंडोनेशिया जैसे देशों में महत्वपूर्ण राजनयिक भूमिकाएं निभाई हैं. वह 2023 से रूस में बतौर भारतीय राजदूत अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया और ऊर्जा सुरक्षा के मुद्दों पर उनकी गहरी समझ मानी जाती है. यही वजह है कि रूस से पहले उन्हें अफगानिस्तान में भारत के राजदूत, विदेश मंत्रालय में पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका विभाग के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी गई थी.
रूस से सीधे अमेरिका को संदेश देकर विनय कुमार ने यह साफ कर दिया है कि भारत की विदेश नीति केवल और केवल राष्ट्रीय हित पर आधारित है. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि उनका यह रुख़, विदेश मंत्री जयशंकर की साफगोई से भी दो कदम आगे का संदेश है, क्योंकि यह बयान सीधे मॉस्को से आया है, जहां रूस और पश्चिमी देशों की टकराहट चरम पर है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 25, 2025, 10:17 IST