Last Updated:June 11, 2025, 13:18 IST
Global Economy in Recession : विश्व बैंक ने अपनी हालिया रिपोर्ट में भारत सहित दुनियाभर के 70 देशों के विकास दर अनुमान को घटा दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश और खपत में गिरावट की वजह से 2008 के बाद पहल...और पढ़ें

विश्व बैंक ने कहा है कि ट्रेड पर असर से ग्लोबल इकनॉमी पर मंदी का खतरा है.
हाइलाइट्स
विश्व बैंक ने 70 देशों की विकास दर का अनुमान घटाया.भारत की विकास दर 2026-27 में 6.5% रहने का अनुमान.ग्लोबल इकनॉमी की विकास दर 2025 में 2.3% रहने का अनुमान.नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल-फिलिस्तीन की लड़ाई और ट्रेड वॉर से जूझती दुनिया क्या मंदी की तरफ बढ़ रही है. विश्व बैंक ने हाल में जारी अपनी ग्रोथ रिपोर्ट में जो आंकड़े पेश किए हैं, वह ग्लोबल इकनॉमी की चिंताजनक स्थिति को बयां करते हैं. इन आंकड़ों को देखते हुए ये कयास भी लगाए जाने लगे हैं कि क्या वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की तरफ जा रही है. अगर ऐसा होता है तो किन देशों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा.
विश्व बैंक ने चालू वित्तवर्ष और अगले वित्तवर्ष के लिए भारत सहित ग्लोबल इकनॉमी के विकास दर का अनुमान जारी है. विश्व बैंक का कहना है कि साल 2025 में ग्लोबल इकनॉमी की विकास दर 2.3% रहने का अनुमान है. इसी रिपोर्ट में भारत की विकास दर 2026-27 में 6.5% रहने का अनुमान लगाया गया है, जो जनवरी के अनुमान से 0.2% कम है. इसके अलावा 2025-26 के लिए भारत के विकास अनुमान को जनवरी के 6.7% से घटाकर 6.3% कर दिया है.
क्या है विकास दर घटने का कारण
भारत पर ज्यादा असर नहीं
विश्व बैंक ने कहा है कि ग्लोबल इकनॉमी भले ही दबाव में चल रही है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका ज्यादा असर नहीं दिखेगा. भारत की विकास दर मामूली रूप से ही नीचे आएगी और यह अब भी दुनिया की सबसे तेज ग्रोथ करने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी. विश्व बैंक के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था लचीली है, जो वैश्विक चुनौतियों के बावजूद सबसे तेज ग्रोथ करने वाली इकनॉमी बनी रहेगी. भारत का मजबूत सेवा निर्यात और कम चालू खाते का घाटा इसे बाहरी झटकों से बचाने में मदद करता है.
निवेश और खपत में कमी सबसे बड़ी चुनौती
विश्व बैंक ने साफ कहा है कि ग्लोबल इकनॉमी में खपत कम होती जा रही है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ रहा और रोजगार पैदा करने में भी गिरावट आ रही है. ज्यादातर देश आज विदेशी निवेश और पूंजीगत प्रवाह में गिरावट से जूझ रहे हैं. यही वजह है कि विश्व बैंक ने करीब 70 देशों के विकास दर अनुमान को कम कर दिया है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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