Last Updated:March 24, 2025, 02:19 IST
Nadimarg massacre 2003: शोपियां के नदीमर्ग नरसंहार की 22वीं बरसी पर हवन और प्रार्थनाएं की गईं, जहां 2003 में आतंकवादियों ने 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या की थी. स्थानीय निवासियों ने उन 24 कश्मीरी पंडितों को श्रद्...और पढ़ें

शोपियां. नदीमर्ग नरसंहार कांड को 22 साल हो गए हैं. 23 मार्च 2003 में हुए नदीमर्ग नरसंहार कांड की 22वीं बरसी पर पहली बार उसी स्थान पर हवन और प्रार्थनाएं की गईं, जहां आतंकवादियों ने 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी थी. इस दौरान आतंकी हमले में मारे गए 24 कश्मीरी पंडितों को श्रद्धांजलि दी गई.
स्थानीय निवासी भूषण ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मैं नदीमर्ग का मूल निवासी हूं, लेकिन अब पूरा परिवार जम्मू में रहता है. साल 2003 में आतंकियों ने कई लोगों की हत्या कर दी थी. ट्रस्ट ने फैसला लिया था कि उन सभी लोगों को उसी जगह पर श्रद्धांजलि दी जाएगी, जहां उनकी हत्या की गई थी. आज 24 कश्मीरी पंडितों को श्रद्धांजलि दी गई है.”
उन्होंने कहा, “घटना वाले दिन कुछ आतंकी इलाके में घुस आए थे और कश्मीरी पंडितों को घर से बाहर निकालकर रात को 11 बजे गोली से भून दिया था. ये जगह हमारी यादों से जुड़ी हुई है और सरकार को सोचना चाहिए कि वापस लोगों को पुनर्स्थापित कैसे किया जाए.”
वहीं, एक अन्य स्थानीय निवासी ने बताया कि मैं 13 या 14 साल का था, जब 90 के दशक में कश्मीर में दहशतगर्दी की शुरुआत हुई. हमारा परिवार तो उस दौरान यहां से चला गया, लेकिन कुछ परिवार ऐसे भी थे, जो साल 2003 तक यहीं बसे रहे. हालांकि, 23 मार्च 2003 को एक काली रात आई और 24 लोगों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई. यहां मौजूद घरों पर आज भी गोलियों के निशान मौजूद हैं, इस घटना में कई मासूम लोग मारे गए थे.
स्थानीय निवासी ने नरसंहार को याद करते हुए बताया कि हमें आज भी इस घटना का अफसोस है. यहां सभी लोग मिलजुलकर रहा करते थे. बता दें कि 23 मार्च 2003 को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले के नदीमर्ग गांव में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 24 हिंदू कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी थी. इस नरसंहार में 11 पुरुष, 11 महिलाएं और 2 बच्चों को मौत के घाट उतार दिया गया था. इसके बाद उनके घरों को जला दिया गया था.
Location :
Srinagar,Jammu and Kashmir
First Published :
March 24, 2025, 02:19 IST