क्या है डोनाल्ड ट्रंप का 'Golden Dome' प्लान? इजरायल के Iron Dome से कितना अलग है US का ये डिफेंस सिस्टम

1 month ago

US Golden Dome Missile Defence System: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश की सिक्योरिटी सिस्टम को और मजबूत करने के लिए एक नई और घातक मिसाइल बनाने की योजना बनाई है. ट्रंप ने 'गोल्डन डोम' नाम की एक उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली बनाने का प्रस्ताव रखा है, जो इजरायल की 'आयरन डोम' मिसाइल सिक्योरिटी सिस्टम की तर्ज पर विकसित की जाएगी. ट्रंप का कहना है कि यह मिसाइल अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगी और किसी भी बाहरी खतरे से अमेरिका की रक्षा करने में सक्षम होगी. उन्होंने कांग्रेस से इस परियोजना के लिए फंडिंग की भी मांग की है और कहा है कि यह मिसाइल पूरी तरह से अमेरिका में निर्मित होगी.

'गोल्डन डोम' एक नेशनल मिसाइल सिक्योरिटी प्रोग्राम है, जिसे अमेरिका पर बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक, क्रूज मिसाइलों और अन्य हवाई खतरों से सुरक्षा देने के लिए तैयार किया जा रहा है. यह प्रोग्राम 27 जनवरी को शुरू किया गया और इसमें उन्नत तकनीकों जैसे स्पेस-बेस्ड सेंसर (अंतरिक्ष-आधारित सेंसर) और इंटरसेप्टर (रोकथाम करने वाले उपकरण) शामिल होंगे.

अमेरिका का मकसद
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है इस प्रोग्राम का मकसद अमेरिकी नागरिकों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की रक्षा करना है. साथ ही, किसी भी विदेशी हवाई हमले को रोकना और जवाबी कार्रवाई करने की क्षमता बढ़ाना है. अमेरिका की 'दूसरी स्ट्राइक' क्षमता (दुश्मन के पहले हमले के बाद भी जवाब देने की ताकत) को सुनिश्चित करना.

गोल्डन डोम में कौन-कौन सी मिसाइल सिक्योरिटी सिस्टम्स शामिल होंगी?

1. ग्राउंड-बेस्ड मिडकोर्स डिफेंस (GMD)
यह सिस्टम इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) से बचाव के लिए अमेरिका की प्रमुख डिफेंस सिस्टम है. इसमें अलास्का और कैलिफोर्निया में तैनात ग्राउंड-बेस्ड इंटरसेप्टर मिसाइलें शामिल हैं, जो दुश्मन की मिसाइल को उसके मीडिल फेज में नष्ट करने में सक्षम हैं.

2. एजिस बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (Aegis BMD)
यह समुद्र और जमीन दोनों से संचालित होने वाली सिस्टम है, जो छोटे और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है. अमेरिका इस युद्धपोत तकनीक का पहले से इस्तेमाल करते हैं ताकि वे किसी भी हमले को समुद्र से ही रोक सकें.

3. टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD)
THAAD एक मोबाइल, भूमि-आधारित डिफेंस सिस्टम है, जो शॉर्ट-, मीडियम- और इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों को उनके अंतिम चरण में नष्ट करने में सक्षम है. इसमें 'हिट-टू-किल' तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें रोकथाम करने वाली मिसाइल दुश्मन की मिसाइल से टकराकर उसे खत्म कर देती है. यह सिस्टम इजरायल में भी तैनात की गई थी और 2023 में हूती विद्रोहियों द्वारा दागी गई मिसाइल को सफलतापूर्वक नष्ट किया था.

साथ ही, इसमें छह ट्रक-माउंटेड लॉन्चर होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में आठ इंटरसेप्टर मिसाइलें होती हैं. एक रडार सिस्टम होता है, जो 3,000 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन की मिसाइलों का पता लगा सकता है. एक फायर कंट्रोल सिस्टम होता है, जो पूरे डिफेंस सिस्टम को कंट्रोल करता है.

4. पैट्रियट एडवांस्ड कैपेबिलिटी-3 (PAC-3)
यह सिस्टम छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों और अन्य हवाई खतरों को नष्ट करने में मदद करती है. इसे खासतौर पर प्रशांत क्षेत्र में चीनी हाइपरसोनिक हथियारों से बचाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

इजरायल की 'आयरन डोम' डिफेंस सिस्टम
इजरायल की 'आयरन डोम' एक बहु-स्तरीय मिसाइल डिफेंस सिस्टम है, जिसे मुख्य रूप से हमास और हिज़्बुल्लाह जैसे संगठनों द्वारा दागे गए छोटे रॉकेटों से सुरक्षा देने के लिए विकसित किया गया था. इस सिस्टम का डेवलेप 2007 में शुरू हुआ और 2011 में इसे एक्टिव  कर दिया गया.

इस सिस्टम में कई लेवल होते हैं, जैसे-
आयरन डोम: यह कम दूरी की मिसाइलों और रॉकेटों को रोकने के लिए बनाई गई है.
डेविड्स स्लिंग: यह मध्यम से लंबी दूरी की मिसाइलों को रोकने के लिए काम करती है.
एरो-2 और एरो-3: यह लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए विकसित की गई है.

अमेरिका ने इजरायल की मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स, खासतौर से 'एरो-2' के डेवलेप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 2020 तक, अमेरिका ने 'एरो' वेपन्स सिस्टम के लिए 3.7 बिलियन डॉलर से ज्यादा का योगदान दिया था.

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