Last Updated:September 17, 2025, 20:52 IST
BMW Case Gaganpreet Kaur Bail Plea: दिल्ली के बीएमडब्ल्यू केस की आरोपी महिला गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बहस का मुख्य प्वाइंट सेक्शन 304 रहा. गगनप्रीत की तरफ से पेश वकील ने जहां इस सेक्शन को लगाना गलत बताया तो पुलिस ने इसको लगाने की वजह अदालत के समाने रखी. जानें कोर्टरूम में आखिर बहस में क्या हुआ?

नई दिल्ली. पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को धौला कुआं में हुए बीएमडब्ल्यू हादसे में अरेस्ट हुए महिला गगनप्रीत कौर की ज्यूडिशियल कस्टडी 27 सितंबर तक बढ़ा दी है. इस बीएमडब्ल्यू हाददसे में वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की मौत हो गई थी और उनकी पत्नी घायल हो गई थीं. गगनप्रीत की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलों में IPC के सेक्शन 304 (BNS 105) लगाए जाने को लेकर जमकर बहस हुई. आखिर यह 304 सेक्शन क्या है?
पुलिस ने कोर्ट में सेक्शन 304 को लेकर क्या कहा?
दिल्ली में चर्चित BMW केस की सुनवाई के दौरान पुलिस ने अदालत को बताया कि इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 लगाई गई है. यह धारा उन मामलों में लगाई जाती है, जहां किसी की मौत हो जाती है लेकिन हत्या का सीधा इरादा साबित नहीं होता_ सरल भाषा में कहें तो इसे ‘कत्ल जैसी स्थिति लेकिन बिना सोची-समझी हत्या’ की धारा कहा जाता है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि घटना की परिस्थितियां गंभीर हैं. आरोपी का व्यवहार और घटना की प्रकृति दिखाती है कि मामला सामान्य हादसा नहीं है. इसी वजह से धारा 304 लगाई गई है, ताकि केस को गंभीरता से आगे बढ़ाया जा सके. पुलिस ने साफ कहा कि कोर्ट में जो साक्ष्य और बयान सामने आए हैं, वे इस धारा को लगाने को सही ठहराते हैं.
– दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि अस्पताल (जो दुर्घटनास्थल से लगभग 19 किलोमीटर दूर था) आरोपी के एक रिश्तेदार का था. जांच अधिकारी ने बताया कि घायल महिला, जिसने एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि वह गगनप्रीत से नवजोत को नजदीकी अस्पताल ले जाने के लिए कह रही थी, लेकिन वह उसे दूसरे अस्पताल ले जाने पर अड़ी रही. टैक्सी ड्राइवर (जो उसे अस्पताल ले गया था) का बयान भी दर्ज कर लिया गया है.
सेक्शन 304 क्या कहती है?
सेक्शन 304 के तहत अगर कोई व्यक्ति ऐसा काम करता है जो दूसरे व्यक्ति की मौत का कारण बनता है, जिसे वह जानता था कि खतरनाक है तो उसे इस सेक्शन के तहत सजा दी जा सकती है. इस सेक्शन में अधिकत्तम आजीवन कारावास या न्यूनतम 10 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है.
गगनप्रीत सिंह की क्या थी दलील?
– आरोपी गगनप्रीत सिंह के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि धारा 304 लगाना गलत है. उनका तर्क है कि घटना में उनकी नीयत हत्या करने की नहीं थी, इसलिए इस धारा को लगाना सही नहीं है. उनका कहना था कि उनके साथ कार में उनका परिवार भी मौजूद था जिसमें उनके दो बच्चे भी थे. इस हादसे में उन्हें भी चोट आई है और कोई व्यक्ति जानबूझकर ऐसा कभी नहीं करेगा कि उनके परिवार की जान जोखिम में आए.
– गगनप्रीत के वकील ने यह भी तर्क दिया कि घटनाक्रम के अनुसार, कार ने एक बस को भी टक्कर मारी और बस को भी पुलिस द्वारा जब्त किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक एम्बुलेंस मौके पर रुकी, लेकिन घायलों को अस्पताल ले जाने से इनकार कर दिया. इसकी पुष्टि करना डीसीपी का कर्तव्य है. उन्होंने दावा किया कि कौर ने घायलों को राहत प्रदान करने की पूरी कोशिश की.
कोर्ट में बचाव पक्ष ने और क्या कहा…
अदालत में जमानत के लिए दलील देते हुए, गगनप्रीत के वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस एक दुर्घटना के मामले को गैर-इरादतन हत्या के मामले में बदल रही है. गगनप्रीत कौर (38) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने कहा कि जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा मुझे गिरफ्तार करने के 10 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई. वे (पुलिस) कह रहे हैं कि घायलों को दूर के अस्पताल ले जाने के कारण धारा 304 लगाई गई थी. दोनों परिवार दुखी हैं।. उनके (दंपति के) 5 और 7 साल के दो बच्चे हैं और वे भी (वरिष्ठ अधिकारी) के साथ घायल हुए थे.
क्या है मामला?
यह दुर्घटना रविवार दोपहर दिल्ली छावनी मेट्रो स्टेशन के पास रिंग रोड पर हुई. वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आर्थिक मामलों के विभाग में उप सचिव के पद पर तैनात 57 वर्षीय नवजोत सिंह की इस दुर्घटना में मृत्यु हो गई. बीएमडब्ल्यू कार के उनकी बाइक से टकराने से उनकी पत्नी घायल हो गईं. पुलिस ने बताया कि गगनप्रीत उन्हें घटनास्थल से लगभग 19 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर के एक अस्पताल ले गईं. सोमवार को उन्हें जीटीबी नगर के उसी अस्पताल से गिरफ्तार किया गया, जहां उनका इलाज चल रहा था. पटियाला हाउस कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकित गर्ग ने कौर की न्यायिक हिरासत 27 सितंबर तक बढ़ा दी और उसकी ज़मानत पर सुनवाई शनिवार के लिए तय की। उसे पहली बार 15 सितंबर को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. गुप्ता ने दुर्घटना के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने के लिए भी एक आवेदन दायर किया था, जिसके लिए अदालत ने एक नोटिस जारी किया और उसे गुरुवार के लिए निर्धारित किया.
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
September 17, 2025, 20:52 IST