मुंबई: सियासत के अपने दांव-पेच हैं. राजनीति में कब-कौन किसका सगा हो जाए और कौन विरोधी… कोई नहीं जानता. जीत सबको प्यारी है. यही वजह है कि जब सियासी नफा-नुकसान की बात आती है तो सियासत में अपने भी पराए हो जाते हैं और पराए भी अपने. महायुति में कुछ ऐसा ही खेल चल रहा है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर भाजपा और अजित पवार की पार्टी एनसीपी में तन गई है. महाराष्ट्र में भले ही गठबंधन में भाजपा और अजित गुट वाली एनसीपी साथ-साथ हैं, मगर चाल जुदा दिख रही है. अजित पवार की पार्टी अब योगी आदित्यनाथ के विरोध से आगे बढ़ती दिख रही है. पहले खुद अजित पवार ने योगी आदित्यनाथ को बाहरी बताकर महाराष्ट्र को यूपी न समझने की सख्त लहजे में चेतावनी दी. अब उनके नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी हमला बोला है.
दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेगे तो कटेंगे’ वाले बयान से भाजपा की सहयोगी अजित गुट वाली एनसीपी खफा है. खफा ही नहीं, अजित पवार की पार्टी खुलकर सीएम योगी का विरोध कर रही है. पहले अजित पवार ने हमला बोला था और अब प्रफुल्ल पटेल ने भी सीएम योगी को घेरने का मौका नहीं छोड़ा है. दरअसल, न्यूज18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में अजित गुट वाली एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने सीएम योगी के बटेंगे तो कटेंगे को जुमला बताया. उन्होंने कहा कि मैं जुमलों पर नहीं जाता …ये सब बोलने की बात है. वहीं, सीएम फेस पर कहा कि यह एक पार्टी तय नहीं करेगी, हम मिलकर तय करेंगे.
अजित पवार भी दे चुके हैं चेतावनी
इससे पहले सीएम योगी के बंटेंगे तो कटेंगे पर अजित पवार ने निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जब दूसरे राज्यों के लोग यहां आते हैं तो वे अपने राज्य की जनता को दिमाग में रखते हुए बातें करते हैं. महाराष्ट्र ऐसी बातों को कभी स्वीकार नहीं करेगा और ये यहां हर चुनाव में साबित भी हो चुका है. सीएम योगी और भाजपा को सख्त लहजे में अजित पवार ने कहा था, ‘महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज, राजर्षि साहू महाराज और महात्मा फुले जैसे महापुरुषों की धरती है. आप महाराष्ट्र की तुलना किसी और राज्य से मत कीजिए. महाराष्ट्र के लोग इसे पसंद नहीं करते.’ अजित पवार ने भाजपा को यह भी याद दिलाया कि शिवाजी ने हमें सबको साथ लेकर चलना सिखाया है.
योगी के किस बयान से बवाल
महाराष्ट्र चुनाव के लिए भाजपा ने सीएम योगी को स्टार प्रचारक बनाया है. बीते दिनों योगी आदित्यनाथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए महाराष्ट्र गए थे. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के तहत वोटिंग होनी है. इसी सिलसिले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 6 नवंबर को पूर्वी महाराष्ट्र के वाशिम में चुनावी प्रचार किया. इस दौरान उन्होंने फिर ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाला बयान दोहराया. सीएम योगी ने यूपी के एक कार्यक्रम में पहली बार यह जुमला ‘बंटेंगे तो कटेंगे.’ कहा था. इसके बाद से यह वायरल हो गया है. भाजपा नेता और हिंदुत्ववादी नेता इस जुमले को हाथों-हाथ ले रहे हैं. कई जगह पर तो पोस्टर्स भी देखने को मिले.
योगी के विरोध की क्या वजह
अब सवाल है कि आखिर अजित पवार और उनकी पार्टी भाजपा से अलग स्टैंड क्यों ले रही है? अजित पवार की एनसीपी महायुति का हिस्सा है. शरद पवार की एनसीपी में बंटवारे के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है, जब अजित पवार अपना गुट लेकर अलग चुनाव लड़ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में महायुति का बुरा हाल हुआ था. महाराष्ट्र के मुस्लिम वोटर्स ने अजित पवार की एनसीपी का साथ नहीं दिया था. जबकि शरद वाली एनसीपी के पक्ष में मुस्लिम वोटर दिखे थे. यही वजह है कि अजित पवार साथ रहकर भी भाजपा से अलग चाल चल रहे हैं. अजित पवार नहीं चाहते कि योगी के इस बयान की वजह से उनके अपने मुस्लिम वोटर भी उनसे और दूर चले जाएं. यही वजह है कि अजित पवार चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 9, 2024, 07:08 IST