Last Updated:March 29, 2025, 12:19 IST
PM Narendra Modi Nagpur Visit: पीएम मोदी 30 मार्च को नागपुर में आरएसएस चीफ मोहन भागवत से मिलेंगे और मदन नेत्रालय की आधारशिला रखेंगे. यह दौरा संघ और बीजेपी के तालमेल को दर्शाता है और 2024 चुनावों के लिए महत्वपूर...और पढ़ें

मोदी 30 मार्च को नागपुर जा रहे हैं. (File Photo)
हाइलाइट्स
पीएम मोदी 30 मार्च को नागपुर दौरे पर जाएंगे.मोदी और मोहन भागवत मदन नेत्रालय की आधारशिला रखेंगे.दौरा संघ और बीजेपी के तालमेल को दर्शाता है.PM Narendra Modi Nagpur Visit: पीएम नरेंद्र मोदी आगामी 30 मार्च को गुड़ी पड़वा के मौके पर नागपुर का दौरा करने जा रहे हैं, जहां उनकी मुलाकात आरएसएस चीफ मोहन भागवत से भी होगी. पीएम का यह दौरा कई मायनों में अहम है. यह सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं है, बल्कि इसे सरकार और संघ के बीच भविष्य में बढ़ते तालमेल के रूप में भी देखा जा रहा है. पीएम मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मदन नेत्रालय के नए आधुनिक नेत्र देखभाल और अनुसंधान केंद्र की आधारशिला रखेंगे. मदन नेत्रालय आरएसएस के दूसरे प्रमुख मधवराव गोलवलकर की स्मृति में स्थापित है और संघ के समाज सेवा के दर्शन का प्रतीक है. यह दिखाता है कि संघ का सामाजिक दृष्टिकोण और बीजेपी सरकार का विकास एजेंडा एक-दूसरे के पूरक हैं.
पीएम मोदी का नागपुर में स्मृति मंदिर का संभावित दौरा, जहां आरएसएस के संस्थापक डॉ. केबी हेडगेवार और गोलवलकर की समाधियां हैं, एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक कदम है. यह दौरा संघ के संस्थापकों को श्रद्धांजलि है और दिखाता है कि संघ के विचार आज भी बीजेपी की नीतियों में जीवित हैं. गुड़ी पड़वा जैसे सांस्कृतिक अवसर पर यह कदम हिंदू परंपराओं और राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है.
संघ और सरकार के बीच बढ़ेगा तालमेल
पीएम मोदी ने अपने भाषणों में संघ के अनुशासन, राष्ट्र प्रथम और सांस्कृतिक पहचान जैसे मूल्यों को बार-बार उजागर किया है. नागपुर में संघ का मुख्यालय भी है. ऐसे में पीएम मोदी का दौरा यह संदेश देता है कि उनका नेतृत्व सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि गहरे वैचारिक आधार पर टिका है. यह बीजेपी के कोर समर्थकों और संघ के स्वयंसेवकों के बीच उत्साह बढ़ाएगा. साल 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान सरकार और संघ के बीच दूरियों की बात सामने आई थी. यह दौरा विपक्ष के लिए भी एक संदेश है. संघ और बीजेपी के बीच एकता का प्रदर्शन यह संकेत देता है कि सरकार अपनी वैचारिक नींव पर अडिग है, भले ही विपक्षी दल इसे “संघ की कठपुतली” कहें.
First Published :
March 29, 2025, 12:15 IST