चिनाब ब्रिज से पांच गुनी ऊंची इस रेल लाइन में माक्‍स लगाना जरूरी, यहां देखें

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Last Updated:August 26, 2025, 13:35 IST

नई दिल्‍ली. विश्‍व के सबसे ऊंचे ब्रिज की ट्रेन की बात की जाए तो चिनाब ब्रिज का नाम आएगा, जो एफिल टावर से भी ऊंचा है. पर आपको शायद ही पता होगा कि चिनाब ब्रिज से 5 गुना ऊंची एक रेलवे लाइन है. खास बात यह है कि इस पर यात्रियों को फ्लाइट की तरह आक्‍सीजन मॉक्‍स दिया जाता है,यात्रा के दौरान टीटीई टिकट से पहले सभी का आक्‍सीजन माक्‍स जरूर चेक करता है .

नई दिल्‍ली. विश्‍व के सबसे ऊंचे ब्रिज की ट्रेन की बात की जाए तो चिनाब ब्रिज का नाम आएगा, जो एफिल टावर से भी ऊंचा है. पर आपको शायद ही पता होगा कि चिनाब ब्रिज से 5 गुना ऊंची एक रेलवे लाइन है. खास बात यह है कि इस पर यात्रियों को फ्लाइट की तरह आक्‍सीजन मॉक्‍स दिया जाता है, जो सफर के दौरान लगाना अनविार्य होता है.

सबसे ऊंचे आर्च चिनाब ब्रिज (नदी से ऊंचाई 359 मीटर और समुद्र तल से करीब 1000 मीटर) है, जो एफिल टॉवर से लगभग 35 मीटर लंबा है और इसे दुनिया का सबसे ऊंचा आर्क रेलवे ब्रिज माना जाता है. इस रेलवे लाइन के बनने से पूरे देश से ट्रेन मार्ग से कश्‍मीर जुड़ गया है. विश्‍व में इससे भी ऊंची एक रेलवे लाइन है.

विश्‍व की सबसे ऊंची रेल लाइन किंघाई-तिब्‍बत रेलवे लाइन है, जो चीन द्वारा ऑपरेटेड की जाती है. यह रेल लाइन अपनी अनूठी इंजीनियरिंग के लिए जानी जाती है. ये रेल लाइन एक जगह समुद्र तल से करीब 5068 मी. ऊंची है.

<br />यह ट्रेन यात्रियों के साथ साथ सफर के दौरान एडवेंचर भी कराती है. इस वजह से युवा लोग भी खूब सफर करते हैं.यात्रा के दौरान टीटीई टिकट से पहले सभी का आक्‍सीजन माक्‍स जरूर चेक करता है. कई बार बुजुर्ग इस पर सफर करने में करतराते है.

तंगलांग ला दर्रे को पार करते समय रेलवे ट्रैक की ऊंचाई 5,068 मीटर की है. ऊंचाई पर अधिक होने की वजह से कोच में आक्‍सीजन की कमी हो जाती है. इसलिए इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को मास्‍क पहनना जरूरी होता है. यह मास्‍क हवाई जहाज जैसा ऊपर से खुलकर नीचे आता है.

सफर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण यात्रियों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है. यात्रियों के स्‍वास्‍थ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए हर कोच में डॉक्टर भी तैनात रहते हैं ताकि किसी भी इमरजेंसी में तत्काल मेडिकल सहायता दी जा सके.

सफर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण यात्रियों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है. यात्रियों के स्‍वास्‍थ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए हर कोच में डॉक्टर भी तैनात रहते हैं ताकि किसी भी इमरजेंसी में तत्काल मेडिकल सहायता दी जा सके.

तरह चिनाब ब्रिज से करीब पांच गुना ऊंचाई पर ट्रेन दौड़ती है. यानी ट्रेन में सफर के दौरान हवाई जहाज जैसा सफर करने का अनुभव यात्रियों को मिलता है. यह लाइन शिनिंग (किंघाई प्रांत) से ल्हासा (तिब्बत) तक 1,956 किलोमीटर तक फैली है और दुनिया की सबसे ऊंची रेल लाइन के रूप में जानी जाती है.

इस रेलवे ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनें विशेष रूप से दबावयुक्त कोच के साथ डिज़ाइन की गई हैं, जो ऊंचाई की कठिन परिस्थितियों के लिए ठीक रहते हैं. यह रेलवे 2006 में शुरू हुई थी और प्रतिदिन हजारों यात्री सफर करते हैं.

First Published :

August 26, 2025, 11:17 IST

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चिनाब ब्रिज से पांच गुनी ऊंची इस रेल लाइन में माक्‍स लगाना जरूरी, यहां देखें

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