चीन को अफ्रीका में काउंटर करने के लिए भारत हो रहा है तैयार

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Last Updated:August 22, 2025, 20:44 IST

ARMY CHIEF TO VISIT ALGERIA : चीन हिंद महासागर क्षेत्र के छोटे देशों के साथ-साथ अफ्रीका पर अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए भारी पैसा खर्च कर रहा है. वह इन देशों को हथियारों से मदद कर रहा है. गरीब अफ्रीकी देशों पर चीन...और पढ़ें

चीन को अफ्रीका में काउंटर करने के लिए भारत हो रहा है तैयारसामरिक रिश्तों में आएगी मजबूती

ARMY CHIEF TO VISIT ALGERIA : पिछले कुछ सालों में चीन ने अफ्रीका में अपनी गतिविधियों को तेजी से बढ़ाया है. आर्थिक और सामरिक तौर पर गरीब अफ्रीकी देशों को अपने जाल में फंसा रहा है. भारत भी लगातार इंडियन ओशन रीजन के देशों को प्राथमिकता दे रहा है, जिसमें अफ्रीका पर ज्यादा फोकस है. आर्थिक मदद के साथ सामरिक और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत उन देशों के साथ जुड़ा है. इसी कड़ी में भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी अगले हफ्ते अल्जीरिया के दौरे पर जा रहे हैं. चूंकि ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है और इसी दौरान आर्मी चीफ का यह पहला विदेशी दौरा है. अफ्रीकी देशों के साथ स्ट्रेटजिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए यह भारत के लिए अहम है. चीफ के इस यात्रा का मुख्य फोकस रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है. सेना प्रमुख अल्जीरिया के साथ मिलिट्री टू मिलिट्री संबंध मजबूत करने, ट्रेनिंग कार्यक्रमों का विस्तार करने और क्षमता विकास पर चर्चा करेंगे. भारत अपने अनुभव से अल्जीरिया को ट्रेनिंग और मेंटेनेंस में मदद कर सकता है. भारत ने अपनी ताकत को तेजी से बढ़ाते हुए मित्र देशों की भी मदद कर रहा है.

CDS ने किया था पिछले साल दौरा
सामरिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए सीडीएस जनरल अनिल चौहान पिछले साल अल्जीरिया गए थे, जहां उन्होंने अल्जीरियाई पीपुल्स नेशनल आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल सईद चानेग्रिहा के साथ एक ऐतिहासिक रक्षा सहयोग समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए थे. अल्जीरिया के पास विशाल हाइड्रोकार्बन के भंडार हैं, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अहम हैं. साथ ही क्षेत्रीय अस्थिरता और सुरक्षा खतरों को देखते हुए भारत और अल्जीरिया आतंकवाद के खिलाफ पहल और खुफिया जानकारी साझा करने में सहयोग कर सकते हैं.

नेवी भी कस चुकी है कमर
हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के देशों के साथ-साथ अफ्रीका के देशों के साथ भारत ने राजनयिक रिश्ते बेहतर किए हैं. सामरिक रिश्तों को समुद्र के जरिए भी तेजी से बढ़ाया जा रहा है. उसी कड़ी में पहली बार नौसेना ने दो अभियान भी शुरू किए थे. पहला अभियान था IOR यानी इंडियन ओशन शिप सागर और दूसरा अभियान था अफ्रीका इंडिया की मैरिटाइम एंगेजमेंट (AIKEYME). भारत और अफ्रीका ने समुद्री सुरक्षा को तरजीह देते हुए भारतीय नौसेना और तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स मिलकर AIKEYME का आयोजन किया था. अभ्यास तंजानिया के दार-ए-सलाम में 13 से 18 अप्रैल तक आयोजित किया गया. 6 दिन के इस अभ्यास में कोमोरोस, जिबूती, इरीट्रिया, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स और दक्षिण अफ्रीका ने हिस्सा लिया. इस अभ्यास का मकसद समुद्री सुरक्षा के अलग-अलग पहलुओं पर ट्रेनिंग देना और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना था.

चीन का बढ़ता प्रभाव
चीन का अफ्रीका में स्ट्रेटिजिक इंटरेस्ट साल 2017 में जिबूती में अपना पहला ओवरसीज मिलिट्री बेस स्थापित करने से ही साफ हो गया. यह देश इतना महत्वपूर्ण है कि दुनिया के दो धुर विरोधी अमेरिका और चीन के मिलिट्री बेस इस जगह पर हैं. खास बात यह है कि देश रेड सी और अदन की खाड़ी के किनारे है. चीन अपना प्रभाव डालने के लिए अफ्रीकी देशों को कम कीमत और सस्ते लोन में एयरक्राफ्ट, एम्यूनिशन, आर्टिलरी गन, मिसाइल, रडार और रॉकेट सिस्टम दे रहा है. SIPRI की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 से 2023 के बीच 21 अफ्रीकी देशों में चीनी हथियारों की खरीद हो रही है. 10 में 7 अफ्रीकी देशों की सेना चीनी बख्तरबंद गाड़ियों का इस्तेमाल कर रही है. खास बात यह है कि चीनी नेवल गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर मामिंग, फ्रीगेट सान्या और सप्लाई शिप वेईशान हू ने जुलाई 2023 में दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन का दौरा किया था. इस दौरान ये घाना, आइवरी कोस्ट, नाइजीरिया और कॉंगो में रुके थे.

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First Published :

August 22, 2025, 20:42 IST

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