छठ-दिवाली पर जाना है घर तो जान लीजिए टिकट बुकिंग का नया नियम, क्‍या होगा असर

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Last Updated:August 22, 2025, 12:38 IST

Railway New Rule : भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सहूलियत और टिकट बुकिंग में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई नियमों में बदलाव किया है. इसका असर दिवाली-छठ जैसे त्‍योहारों पर अपने घर लौटने वाले यात्रियों पर पड़ने वाला ...और पढ़ें

छठ-दिवाली पर जाना है घर तो जान लीजिए टिकट बुकिंग का नया नियम, क्‍या होगा असररेलवे ने तत्‍काल टिकट बुकिंग से लेकर कई बदलाव किए हैं.

नई दिल्‍ली. त्‍योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है. अगले महीने नवरात्र और फिर दशहरा के बाद दिवाली और छठ जैसे बड़े त्‍योहार भी आने हैं. इन त्‍योहारों पर लाखों लोग अपने-अपने घरों को लौटते हैं, जिससे यूपी और बिहार जाने वाली ट्रेनों में तो जबरदस्‍त भीड़ हो जाती है. इस परेशानी से बचने के लिए त्‍योहार आने से काफी समय पहले ही लोग टिकट की बुकिंग भी कराने लगते हैं. लेकिन, इस बार भारतीय रेलवे ने टिकट बुकिंग का नियम बदल दिया है. लिहाजा अगर आप भी त्‍योहारों पर घर जाने के लिए ट्रेन का टिकट बुक कराने की सोच रहे तो इन नियमों को जानना बेहद जरूरी है.

रेलवे के इस नए नियम का असर न सिर्फ टिकट बुकिंग पर पड़ेगा, बल्कि तत्‍काल टिकट से लेकर, वेटिंग लिस्‍ट और रिजर्वेशन चार्ज तक दिखाई देगा. लिहाजा हर तरह की टिकट बुक करने से पहले उसके नियम जान लेना बेहद जरूरी है. अगर आपने इन नियमों का पालन नहीं किया तो ट्रेन में कंफर्म टिकट (Confirm Train Ticket) मिलने में दिक्‍कत हो सकती है.

रेलवे ने बदले इमरजेंसी कोटा के नियम
रेलवे अपनी हर ट्रेन में कुछ सीटें वीआईपी, रेलवे स्‍टाफ और मेडिकल इमरजेंसी वाली कैटेगरी के लिए रिजर्व रखता है. इन सीटों को इमरजेंसी कोटा वाली सीटें कहते हैं. इस कोटे के लिए टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव किया गया है और अब इसके लिए एक दिन पहले ही आवेदन करना पड़ता है. इसका मतलब है कि अगर कोई ट्रेन मंगलवार को दोपहर 12 बजे है तो इसका आवेदन सोमवार को दोपहर 12 बजे से पहले ही करना होगा. ऐसा नहीं करने पर रेलवे कोटा देने से इनकार कर सकता है.

तत्‍काल टिकट पर क्‍या है नियम
रेलवे ने तत्‍काल टिकट की बुकिंग के लिए भी नियमों में बड़ा बदलाव किया है. नए नियम के तहत अब तत्काल टिकट बुक (Tatkal Ticket Booking) करने के लिए आधार का होना जरूरी है. अगर आपके आईआरसीटीसी अकाउंट में आधार लिंक नहीं होगा तो तत्‍काल टिकट की बुकिंग नहीं कर पाएंगे. रेलवे ने पिछले दिनों ही इस नियम को लागू किया है और साफ कहा है कि तत्‍काल बुकिंग शुरू होने से 10 मिनट तक सिर्फ आधार लिंक वाले अकाउंट से ही टिकट की बुकिंग होगी. आधार लिंक नहीं है तो 10 मिनट बाद ही तत्‍काल टिकट बुक कर सकेंगे.

ओटीपी के बिना बुकिंग नहीं
भारतीय रेलवे ने 15 जुलाई से टिकट बुकिंग के लिए ओटीपी को भी जरूरी बना दिया है. अगर आप RCTC की वेबसाइट या ऐप से टिकट बुक कर रहे हैं तो ओटीपी से अपने आधार का वेरिफिकेशन करना होगा. इसका मकसद तत्‍काल टिकट की बुकिंग को पारदर्शी और आम आदमी के लिए सुविधाजनक बनाना है. रेलवे ने तत्‍काल टिकट बुकिंग के लिए एक और बदलाव किया है, क्‍योंकि तत्‍काल टिकट की बुकिंग शुरू होने के शुरुआती 30 मिनट तक एजेंट को टिकट बुकिंग से दूर रखा गया है.

रिजर्वेशन चार्ट का समय भी बदला
रिजर्वेशन चार्ट बनाने के समय में भी बदलाव किया गया है. रेलवे ने इसके निमयों में बदलाव करके अब टाइम को बढ़ाकर 8 घंटे कर दिया है, जो पहले 4 घंटे था. इसका मतलब है कि रेलवे ने अब ट्रेन रवाना होने से 8 घंटे पहले ही रिजर्वेशन चार्ट बनाने की बात कही है, पहले यह चार्ट 4 घंटे बनाया जाता था. इससे यात्रियों को पहले ही पता चल जाएगा कि उनका टिकट कन्‍फर्म हुआ है या नहीं. अब उनके पास यात्रा का दूसरा विकल्‍प चुनने के लिए पर्याप्‍त समय भी होगा. इसका मतलब है कि अब अगर आप ट्रेन का सफर करने जा रहे हैं तो चार्ट देखने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा.

रेलवे ने किराया भी बढ़ा दिया
रेलवे ने सिर्फ नियमों में ही बदलाव नहीं किया है, बल्कि 1 जुलाई से ट्रेन का किराया भी बढ़ा दिया है. नॉन एसी यानी स्‍लीपर क्‍लास के टिकट में 1 पैसे प्रति किलोमीटर और एसी क्‍लास में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है. इसका मतलब है कि अगर आप 1,000 किलोमीटर तक का सफर करने जा रहे तो नॉन-एसी और एसी ट्रेनों के लिए यह किराया 10 से 20 रुपये बढ़ सकता है. इस बढ़ोतरी से रेलवे को सालाना करीब 900 करोड़ रुपये की कमाई होगी.

ज्‍यादा टिकट नहीं होंगे वेटिंग में
रेलवे ने वेटिंग टिकट की संख्‍या भी घटा दी है. इसका मतलब है कि अब ज्‍यादा यात्रियों को वेटिंग टिकट में नहीं डाला जाएगा. नए नियम के तहत किसी भी क्‍लास में कुल सीटों के मुकाबले सिर्फ 25 फीसदी सीटों को ही वेटिंग टिकट में डाला जाएगा. महिला और दिव्‍यांग यात्रियों को इस नियम से राहत दी गई है. अगर किसी श्रेणी की कुल सीटों की संख्‍या 100 है तो अब वेटिंग लिस्‍ट में इसका सिर्फ 25 फीसदी तक ही जोड़ा जा सकेगा.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 22, 2025, 12:38 IST

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