Last Updated:March 07, 2025, 22:06 IST
Bihar News: बिहार चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने 17,266 करोड़ रुपये की योजना से गांवों की सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्गों जैसा बनाने का बड़ा दांव चला है. यह योजना जून-जुलाई तक पूरी होगी.

बिहार चुनाव को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा दांव खेला है.
पटना. बिहार चुनाव से ठीक पहले सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा दांव चला है. सीएम नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के उस दुखती रग पर हाथ रख दिया है, जिससे वह 2005 से पहले कराहते थे. बिहार चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार का यह बड़ा मास्टर स्ट्रोक हो सकता है. दरअसल, बिहार सरकार ने गांवों की सड़कों को दुरुस्त करने के लिए 17 हजार 266 करोड़ रुपये का खजाना खोल दिया है. बिहार सरकार की इस योजना में गांवों की सड़कों को भी राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) और एक्सप्रेसवे की तरह बनाया जाएगा. खास बात यह है कि यह काम इसी साल जून-जुलाई से पहले पूरा करने का भी लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में बिहार चुनाव से पहले गांवों के लोगों का दिल जीतने के लिए नीतीश का यह बड़ा दांव माना जा रहा है. क्योंकि, 2005 में लालू यादव को सत्ता से बेदखल करने में इन सड़कों ने भी अहम भूमिका निभाई थी.
बिहार सरकार केवल सड़कें ही नहीं बनाएगी, बल्कि, अगले 7 साल तक रखरखाव करने की भी योजना तैयार की है. बिहार कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद राज्य की 11 हजार 251 सड़कों के रखरखाव से संबंधित योजना तैयार की गई. इन सड़कों की कुल लंबाई 19 हजार 867 किलोमीटर 66 मीटर होगी. बिहार सरकार ने इस योजना पर 17 हजार 266 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला लिया है.
नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक
खास बात यह है कि इन सड़कों के निर्माण में अगर गुणवत्ता की कमी पाई गई तो ठेकेदारों पर कार्रवाई होगी. इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए और चुनाव से पहले सड़क तैयार करने के लिए 10 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये तक की श्रेणियों में ठेके दिए जाएंगे. किसी भी परियोजना की अधिकतम सीमा 50 करोड़ रुपये तय की गई है, ताकि काम जल्दी पूरा हो सके. ठेकेदारों को सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी भी होगी. यदि किसी सड़क की गुणवत्ता में कमी पाई जाती है तो ठेकेदारों के मासिक भुगतान में कटौती कर दी जाएगी.
गांवों के लिए खोल दिया बिहार का खजाना
बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा खुद इस काम पर नजर रखे हुए हैं. मुख्यमंत्री ने उन्हें निर्देश दिया है कि हर हालत में सड़कों की गुणवत्ता और समय पर काम पूरा करने को विशेष प्राथमिकता दी जाए. बता दें कि बिहार सरकार अप्रैल 2025 की शुरुआत तक निविदा प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहती है. साथ ही 15 जून तक सभी सड़कों का प्रारंभिक मरम्मत कार्य पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. क्योंकि, जुलाई-अगस्त से बिहार चुनावी माहौल में चला जाएगा.
कौन रखेगा नजर और कब होगी योजना?
ऐसे में इस योजना को समय पर पूरा करने के लिए बिहार सरकार आधुनिक तकनीक का उपयोग कर रही है. सभी सड़कों को जियो टैग से जोड़ा जाएगा. इससे उनकी स्थिति की ऑनलाइन निगरानी संभव होगी. यदि किसी सड़क पर गड्ढे बनते हैं या मरम्मत कार्य में लापरवाही बरती जाती है तो स्थानीय लोग “हमारा बिहार हमारी सड़क” मोबाइल ऐप के माध्यम से शिकायत भी कर सकते हैं.
कुल मिलाकर चुनावी साल में नीतीश कुमार ने ऐसा दांव चला है, जिससे लोगों को 2005 से पहले का दौर याद आ जाएगा. इस योजना के जरिए गांव के वोटरों तक भी नीतीश कुमार बिना पहुंचे पहुंच जाएंगे. क्योंकि लालू-राबड़ी राज में बिहार के ग्रामीण सड़कों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. नीतीश कुमार जब 2005 में सीएम बने थे तो उन्होंने सबसे बड़ा जो काम किया था वह था गांवों की सड़कों को ठीक करने का. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले गांवों की सड़कों पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करना बता रहा है कि नीतीश कुमार ने बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है.
Location :
Patna,Patna,Bihar
First Published :
March 07, 2025, 22:06 IST