जगन्नाथ मंदिर का बड़ा प्लान, मंदिर से जुड़े खास शब्दों का होगा पेटेंट

1 week ago

Last Updated:May 27, 2025, 14:36 IST

Odisha Puri Mandir: पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर की पहचान को संरक्षित करने के लिए एसजेटीएमसी ने मंदिर से जुड़े शब्दों और लोगो को पेटेंट कराने का फैसला किया. रथ यात्रा की तैयारियों पर भी चर्चा हुई.

जगन्नाथ मंदिर का बड़ा प्लान, मंदिर से जुड़े खास शब्दों का होगा पेटेंट

जगन्नाथ पुरी मंदिर का ऐतिहासिक फैंसला.

हाइलाइट्स

पुरी के जगन्नाथ मंदिर के शब्दों का पेटेंट होगारथ यात्रा की तैयारियों पर चर्चा हुईमंदिर की पहचान की रक्षा के लिए कानूनी कदम

Odisha Puri Temple: ओडिशा के विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को संरक्षित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. पश्चिम बंगाल के दीघा मंदिर के नामकरण विवाद के बीच, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति (एसजेटीएमसी) ने मंदिर से जुड़े खास शब्दों और लोगो को पेटेंट कराने का फैसला किया है. इसके साथ ही, आगामी रथ यात्रा की तैयारियों को लेकर भी समिति ने कई अहम निर्णय लिए हैं, जो इस पवित्र परंपरा को और भव्य बनाने की दिशा में एक कदम है.

सोमवार को पुरी के गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब की अध्यक्षता में हुई एसजेटीएमसी की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. बैठक में मुख्य सचिव मनोज आहूजा, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढ़ी, पुरी जिला कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन, पुरी एसपी विनीत अग्रवाल और अन्य पदेन सदस्य शामिल थे. समिति ने फैसला किया कि ‘महाप्रसाद’, ‘श्रीमंदिर’, ‘श्री जगन्नाथ धाम’, ‘श्रीक्षेत्र’, और ‘पुरुषोत्तम धाम’ जैसे शब्दों को पेटेंट कराया जाएगा. पाढ़ी ने बताया कि यह कदम मंदिर की सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक पहचान की रक्षा के लिए कानूनी ढाल प्रदान करेगा, ताकि इन शब्दों के अनधिकृत उपयोग और 12वीं सदी की इस धरोहर के दुरुपयोग को रोका जा सके.

पश्चिम बंगाल के दीघा में ‘जगन्नाथ धाम’ शब्द के कथित दुरुपयोग को लेकर चल रहे विवाद पर गजपति महाराजा ने कहा, “यह शब्द हिंदू धर्मग्रंथों और भगवान जगन्नाथ की प्राचीन परंपरा के खिलाफ है. दोनों राज्य सरकारों को सौहार्दपूर्ण ढंग से इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए.” ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल के समकक्ष को पत्र लिखा है, लेकिन जवाब न मिलने पर कानूनी कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है.

बैठक में 27 जून को होने वाली वार्षिक रथ यात्रा की तैयारियों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. समिति ने प्रत्येक रथ के लिए ‘पहांडी दल’ (मूर्ति जुलूस दल) बनाने का निर्णय लिया, जिसमें सेवकों की संख्या भविष्य की बैठकों में तय होगी. स्नान यात्रा, घोष यात्रा और बहुदा यात्रा के लिए सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया. पाढ़ी ने स्पष्ट किया कि गैर-सेवकों को रथों तक पहुंचने से रोका जाएगा और उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी. रथों पर मोबाइल फोन ले जाना भी प्रतिबंधित रहेगा, जिसे आपराधिक आरोप माना जाएगा.

इसके अलावा, मंदिर के रत्न भंडार की सुरक्षा, भगवान जगन्नाथ की भू-संपत्तियों के प्रबंधन और मंदिर परिसर के आसपास इमारतों की ऊंचाई पर प्रतिबंध जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई. पाढ़ी ने कहा कि शहरी विकास विभाग को इस प्रतिबंध के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा जाएगा. यह कदम न केवल मंदिर की पवित्रता को बनाए रखेगा, बल्कि इसकी वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा.

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Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...

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