जयशंकर को क्यों मिली बुलेटप्रूफ सुरक्षा? क्या पाकिस्तान करने वाला था बड़ा खेल?

7 hours ago

नई दिल्ली. ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही दिन बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को बुलेटप्रूफ सुरक्षा मिल गई है. जयशंकर की सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने की वजह क्या पाकिस्तान और आतंकवादी संगठन तो नहीं हैं? गृह मंत्रालय ने उनके काफिले में दो बुलेटप्रूफ वाहन जोड़े हैं और दिल्ली में उनके आवास के आसपास सुरक्षा घेरा बढ़ाया है. यह कदम 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया, जिसने पाकिस्तान के साथ तनाव को और बढ़ा दिया. जयशंकर, जो भारत की कूटनीतिक रणनीति के प्रमुख चेहरों में से एक हैं.

बुलेटप्रूफ सुरक्षा के मायने एस. जयशंकर को बुलेटप्रूफ वाहन प्रदान करना एक रणनीतिक और प्रतीकात्मक कदम है. पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद, खुफिया एजेंसियों ने जयशंकर के लिए खतरे की आशंका को गंभीर माना. उनकी भूमिका, विशेष रूप से पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कठोर कूटनीतिक नीति को लागू करने में, उन्हें संभावित निशाने पर ला सकती है. बुलेटप्रूफ वाहन जोड़ना यह दर्शाता है कि सरकार उनके जीवन को किसी भी हमले से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरत रही है.

एस. जयशंकर को बुलेटप्रूफ सुरक्षा के मायने
कूटनीतिक संदेश जयशंकर की सुरक्षा बढ़ाना न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए है, बल्कि यह भारत की दृढ़ता का संदेश भी देता है. यह पाकिस्तान और अन्य विरोधी ताकतों को स्पष्ट करता है कि भारत अपने प्रमुख नेताओं की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा, भले ही तनाव बढ़े.

राष्ट्रीय हितों की रक्षा जयशंकर भारत की वैश्विक छवि और विदेश नीति के प्रमुख वास्तुकार हैं. उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनकी अनुपस्थिति या किसी हमले का कूटनीतिक और रणनीतिक प्रभाव गंभीर हो सकता है.

SPG Security
1- एसपीजी भारत में सुरक्षा व्यवस्था को जोखिम के स्तर के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है, जैसे एसपीजी, जेड प्लस, जेड, वाई, और एक्स. एसपीजी भारत की सबसे उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है, जो केवल प्रधानमंत्री और उनके तत्काल परिवार के लिए आरक्षित है. यह एक विशिष्ट बल है, जिसे 1988 में संसद के एक अधिनियम के तहत गठित किया गया था. एसपीजी में तकरीबन 100-300 उच्च प्रशिक्षित कमांडो होते हैं, जो अत्याधुनिक हथियारों और तकनीक से लैस होते हैं. इसमें बुलेटप्रूफ और बम-रोधी वाहन, जैसे बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज या विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए वाहन शामिल होते हैं. 24/7 व्यापक सुरक्षा, जिसमें निवास, यात्रा, और सार्वजनिक कार्यक्रम शामिल हैं. इसमें खुफिया इनपुट, अग्रिम सुरक्षा सर्वेक्षण, और स्नाइपर कवरेज भी शामिल है.

Z Plus Security
2. जेड प्लस सुरक्षा जेड प्लस भारत की दूसरी सबसे उच्च स्तरीय सुरक्षा है, जो उन व्यक्तियों को दी जाती है जिन्हें गंभीर खतरा है. यह आमतौर पर केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, और अन्य प्रमुख हस्तियों को प्रदान की जाती है. इसमें 36 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) कमांडो, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), या अन्य बलों के जवान शामिल होते हैं. इसमें भी बुलेटप्रूफ वाहन और एस्कॉर्ट वाहन शामिल होते हैं.

Z Security
3. जेड सुरक्षा (एस जयशंकर के मामले में बुलेटप्रूफ वाहन के साथ) जेड सुरक्षा तीसरी सबसे उच्च स्तरीय सुरक्षा है, जो उन व्यक्तियों को दी जाती है जिन्हें मध्यम से उच्च स्तर का खतरा है. जयशंकर को 2023 में वाई श्रेणी से जेड श्रेणी में अपग्रेड किया गया था और अब इसमें बुलेटप्रूफ वाहन शामिल किए गए हैं. अब जयशंकर की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी होंगे, जिसमें 4-6 एनएसजी कमांडो, सीआरपीएफ जवान, और स्थानीय पुलिस शामिल होंगे. काफिले में एक या दो बुलेटप्रूफ वाहन होंगे, जो गोली और छोटे विस्फोटों को झेल सकते हैं. जयशंकर के मामले में, हाल ही में दो नए बुलेटप्रूफ वाहन जोड़े गए हैं, जो उनकी सुरक्षा को जेड प्लस के करीब ले जाते हैं.

कुल मिलाकर, भारत में उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को उनकी सुरक्षा के लिए विभिन्न स्तरों की सुरक्षा प्रदान की जाती है, जो खतरे की गंभीरता पर आधारित होती है. इनमें विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी), जेड प्लस (Z+) और बुलेटप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था प्रमुख हैं. बता दें कि 1988 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद स्थापित, एसपीजी एक स्वायत्त बल है, जो गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है. इसकी ताकत और संसाधनों का विवरण गोपनीय होता है, लेकिन इसमें लगभग 3,000 अत्यधिक प्रशिक्षित जवान, उन्नत हथियार, बुलेटप्रूफ वाहन, जैमर और विशेष संचार उपकरण शामिल हैं. 2019 के संशोधन के बाद, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों को केवल पांच वर्षों तक सीमित सुरक्षा दी जाती है.

Read Full Article at Source