Last Updated:August 16, 2025, 11:01 IST
NCERT Partition Module: एनसीईआरटी ने भारत और पाकिस्तान के बंटवारे पर नया मॉड्यूल तैयार किया है. इसमें विभाजन के लिए 3 जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन को जिम्मेदार ठहराया गया है. ये मॉड्यूल अलग-अलग क्लास के हिसाब ...और पढ़ें

नई दिल्ली (NCERT Partition Module). भारत का बंटवारा हमारी आजादी की सबसे कड़वी यादों में से एक है. लाखों लोग उजड़ गए, लाखों ने अपनी जान गंवाई और करोड़ों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई. आजादी की खुशी के साथ ही इस दर्द ने हमारे इतिहास में गहरी छाप छोड़ी. इसी पीड़ा को याद करने और आने वाली पीढ़ियों को समझाने के लिए NCERT ने एक नया मॉड्यूल जारी किया है. इससे स्टूडेंट्स जान और समझ सकेंगे कि विभाजन क्यों हुआ और इसके पीछे कौन जिम्मेदार था.
इस मॉड्यूल में 3 बड़े नामों को जिम्मेदार ठहराया गया है- मोहम्मद अली जिन्ना- पाकिस्तान की मांग, कांग्रेस- हालात के आगे झुकते हुए बंटवारे को स्वीकारा और लॉर्ड माउंटबेटन- पूरी प्रक्रिया को जल्दबाजी में अंजाम दिया. अब तक जिस कहानी को सिर्फ ‘जिन्ना की जिद’ तक सीमित माना जाता था, उसे अब व्यापक रूप दिया गया है. एनसीईआरटी मॉड्यूल की नई व्याख्या न सिर्फ इतिहास को अलग नजरिए से देखने का मौका देती है, बल्कि यह भी याद दिलाती है कि बंटवारा एक मजबूरी था, लेकिन उसकी चोटें आज भी झेलनी पड़ रही हैं.
एनसीईआरटी के पार्टिशन मॉड्यूल में क्या खास है?
NCERT के इस खास मॉड्यूल में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के लिए 3 लोगों को प्रमुखता से जिम्मेदार ठहराया गया है: सबसे पहले जिन्ना- जिन्होंने अलग देश के लिए लगातार दबाव डाला और पाकिस्तान बनाने की मांग की. दूसरा, कांग्रेस- जिसने, खासकर नेहरू और पाटिल के नेतृत्व में, विभाजन को स्वीकार करने की राह चुनी और तीसरा, माउंटबेटन- जिन्होंने विभाजन को औपचारिक रूप दिया और लागू किया. मॉड्यूल माउंटबेटन की जल्दबाजी और निर्णयों को भी बंटवारे का जिम्मेदार मानता है.
क्या भारत-पाकिस्तान का विभाजन जरूरी था?
एनसीईआरटी मॉड्यूल में इस पक्ष की भी जानकारी है. उसके मुताबिक, विभाजन जरूरी नहीं था. भारत और पाकिस्तान ‘गलत विचारों’ और परिस्थितियों के कारण अलग हुए. कांग्रेस ने देश में गृहयुद्ध और संघर्ष की स्थिति से बचने के लिए विभाजन को स्वीकार किया. नेहरू ने इसे बहुत ‘खराब परिस्थिति’ के बावजूद ‘गृहयुद्ध की कीमत से बेहतर’ कहा. महात्मा गांधी ने इसका विरोध किया था लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से और पाटिल ने इसे ‘कड़वे इलाज’ के रूप में देखा.
माउंटबेटन ने क्या किया?
माउंटबेटन अंग्रेजों के भारत छोड़ने की प्रक्रिया को तेज करना चाहते थे. उन्होंने पहले जून 1948 की जगह 15 अगस्त 1947 को विभाजन की तारीख तय की. उनकी नियमबद्धता और जल्दबाजी ने विभाजन में गड़बड़ी और हिंसा बढ़ा दी थी. रेडक्लिफ स्ट्रिप प्लानिंग अधूरी थी और लाखों लोगों को यह समझ में ही नहीं आया कि उनका गांव किस देश में चला गया है. एनसीईआरटी मॉड्यूल ने इस लापरवाही को स्पष्ट रूप से विभाजन की त्रासदी का कारण बताया.
दोनों देश भुगत रहे हैं विभाजन की चोट
एनसीईआरटी मॉड्यूल के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के विभाजन का असर सिर्फ उसी समय महसूस नहीं किया गया था. यह आज भी हमारी सामाजिक-राजनीतिक अप्रोच में नजर आता है. पाकिस्तान के साथ तनाव, कश्मीर विवाद, डिफेंस की बढ़ती लागत और दो प्रमुख समुदायों के बीच शंकाए और दूरी.. ये उसी विभाजन की लंबी चोटें हैं जो आज भी जारी हैं. एनसीईआरटी ने Partition Horrors Remembrance Day (14 अगस्त) पर यह विशेष मॉड्यूल जारी किया था.
एनसीईआरटी ने कक्षा 6 से 8 और कक्षा 9 से 12 के लिए अलग-अलग मॉड्यूल बनाए हैं.
Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें
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First Published :
August 16, 2025, 11:00 IST