Last Updated:August 11, 2025, 18:34 IST
इलेक्शन कमीशन के खिलाफ जंग में राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव कदमताल करते दिखे. उनके लिए पॉलिटिकल जंप भी लगाई. लेकिन बात जब चुनावी हो तो इसी राहुल गांधी से अखिलेश की राजनीति को सबसे बड़ा खतरा नजर आता है...और पढ़ें

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाते हुए संसद से इलेक्शन कमीशन ऑफिस की ओर निकले तो उनके साथ विपक्ष के तमाम दलों के नेता थे. लेकिन इसी बीच एक तस्वीर वायरल हो गई, जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव बेरिकेडिंग कूदते हुए नजर आए. इसे राहुल गांधी के लिए अखिलेश यादव की ‘पॉलिटिकल जंप’ कहा गया. उन्हें ताकत देने की कोशिश के रूप में देखा गया. लेकिन हकीकत ये है कि जिस राहुल गांधी के लिए अखिलेश ने ये ‘पॉलिटिकल जंप’ लगाई, असल में अखिलेश को सबसे बड़ा खतरा उन्हीं से है. यकीन न आए तो कांग्रेस नेता इमरान मसूद और अजय राय के बयानों को देख लीजिए.
लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने बड़ा दांव खेला था. राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ रथयात्रा में कंधे से कंधा मिलाकर चले, यूपी में कांग्रेस को साझीदार की तरह पेश किया और मंच पर दोस्ती का मैसेज दिया. लेकिन अब वही राहुल और उनकी कांग्रेस सपा के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बनती दिख रही है. कारण साफ है, कांग्रेस यूपी में अपनी जमीन बढ़ाने की खुली कोशिश कर रही है और सपा का पारंपरिक वोट बैंक वहीं सबसे ज्यादा खतरे में है. ताजा संकेत पार्टी के ही नेताओं के बयानों से मिल रहे हैं्
कांग्रेस नेताओं ने साफ किया
कांग्रेस के यूपी प्रभारी अजय राय ने हाल में कहा था, फिलहाल पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी. 2027 यूपी विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन रहेगा कि नहीं उस समय की स्थिति देखा जाएगा. केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा. कार्यकर्ता अगर मजबूत होंगे तो गठबंधन करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.
यूपी में कांग्रेस का बड़ा मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले इमरान मसूद तो और आगे निकल गए. कहा दिया, कांग्रेस और सपा के गठबंधन से नुकसान हो रहा है. जैसे भाजपा अपने सहयोगियों को निगल जाती है, वैसे ही उनके अपने सहयोगी (सपा) कांग्रेस को खा रहे हैं. कांग्रेस कोई भी ऐसी स्थिति में नहीं है जहां उसे सपा से सीटों के लिए भीख मांगनी पड़े.
ये बयान साफ इशारा कर रहे हैं कि कांग्रेस यूपी में अपनी ताकत दिखाने के मूड में है, चाहे इसके लिए सपा के कोर वोटबैंक में सेंध ही क्यों न लगानी पड़े.
अखिलेश के लिए खतरे की असली वजह
सपा की राजनीति यादव-मुस्लिम समीकरण पर टिकी है. अगर कांग्रेस मुस्लिम वोटरों को खींचने में थोड़ी भी सफल होती है, तो सपा की सीटें सीधे घट सकती हैं. राहुल गांधी का यूपी में ज्यादा एक्टिव होना, पुराने नेताओं की वापसी कराना और मुस्लिम नेताओं को आगे बढ़ाना, सपा के लिए चेतावनी है कि खेल सिर्फ भाजपा के खिलाफ नहीं, साझीदार के नाम पर कांग्रेस भी सियासी जमीन खिसका सकती है.
अभी सबसे बड़े खतरे पर नजर
कांग्रेस यूपी में पैर पसार रही है. 2024 में सपा-कांग्रेस ने 43 सीटें जीतीं, लेकिन अब कांग्रेस अपनी ताकत दिखाने को बेताब है, जो सपा के मुस्लिम-यादव वोट बैंक को चुनौती दे सकती है. सपा को डर है कि कांग्रेस की बढ़त से उसका दबदबा कम हो सकता है, खासकर 2027 के चुनाव से पहले, जो उसके लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकता है. लेकिन इस वक्त जिस तरह बीजेपी उनके लिए सबसे बड़ा खतरा है, इसलिए वे कांग्रेस के साथ खड़े नजर आ रहे हैं.
आंकड़ों से समझिए खेल
कांग्रेस के वोट शेयर में उछाल
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
August 11, 2025, 18:30 IST