Tsunamis: आपने समंदर में पनडुब्बियों को देखा होगा. दुनिया भर के विभिन्न देश समंदर में अपनी न्यूक्लियर सबमरीन तैनात करते हैं. ये दुश्मन देशों से उस देश की रक्षा करती हैं. हालांकि इन पनडुब्बियों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कभी आपने सोचा है कि अगर समंदर में तेज लहरे आती हैं या फिर सुनाती आती है तो उनका सामना पनडुब्बियां कैसे करती हैं? सुनामी काफी ज्यादा खतरनाक होती है इसकी वजह किनारों पर रहने वाले लोगों काफी दिक्कतें होती है तो सोचिए की आखिर सुनामी से न्यूक्लियर सबमरीन कैसे बच जाती हैं? आइए जानते हैं.
पनडुब्बियों को करना चाहिए ये काम
समंदर में जब सुनामी आती है तो पानी की गहराई में डूबी हुई पनडुब्बी काफी हद तक सुरक्षित रहती है. हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि सुनामी इसे भेद नहीं सकती है क्योंकि सुनामी इतनी ताकतवर होती है कि खतरे पैदा कर सकती है. अमेरिकी तटरक्षक और NOAA ने इसे लेकर बताया है कि सुनामी के दौरान सबमरीन या जहाज को सतह पर भागना नहीं चाहिए बल्कि पनडुब्बी को लेकर गहरे पानी में चले जाना चाहिए इससे जोखिम कम हो सकता है.
खतरनाक होती है सुनामी
हालांकि पानी की सतह पर किसी भी चीज को सुनामी खतरा पहुंचा सकती है, ये कई टन स्टील को उठाकर फेंक सकती है जिसकी वजह से पनडुब्बी का सिस्टम भी खराब हो सकता है. बता दें कि उथले पानी में, सुनामी की तेज़ धाराएं और पानी के घनत्व में बदलाव आंतरिक तरंगें पैदा करते हैं. ये पनडुब्बी को अचानक नीचे खींच सकते हैं, जिससे उसका नियंत्रण कम हो सकता है और इससे काफी नुकसान हो सकता है.
खतरनाक सुनामी में भी सुरक्षित थी ये सबमरीन
wion की रिपोर्ट के मुताबिक साल 1958 में अलास्का की लिटुआ खाड़ी में काफी ज्यादा खतरनाक सुनामी आई थी. ये सुनामी अब तक की सबसे बड़ी सुनामियों में से एक थी. इस सुनामी की वजह से 7.8-8.3 तीव्रता का भूकंप आया था और इससे भारी भूस्खलन हुआ था. ये सुनामी इतनी ज्यादा खतरनाक थी कि इससे 524 मीटर यानी लगभग 1,720 फीट लंबी लहरें उठीं थी. हालांकि इस खतरनाक सुनामी में भी K-278 कोम्सोमोलेट्स पनडुब्बी बच गई थी क्योंकि ये 1,250 मीटर गहराई तक काम कर सकती थी और ये सुनामी की लहरों की पहुंच से बहुत नीचे थे.
F&Q
सवाल- भारत के पास कुल कितनी पनडुब्बियां हैं?
जवाब- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास करीब 16 से 18 पनडुब्बियां हैं.