जिसे समझा बच्‍चा, आंखों से चुरा ले गया करोड़ों का काजल, 6 साल बाद ए‍क नया दांव

1 month ago

Last Updated:February 26, 2025, 21:36 IST

दिल्ली में 23 वर्षीय तरुण कुमार ने 2019 में 1 करोड़ की ठगी की. छह साल बाद क्राइम ब्रांच ने उसे करनाल से गिरफ्तार किया. तरुण और उसके साथी लगातार ठिकाना बदलते रहे.

जिसे समझा बच्‍चा, आंखों से चुरा ले गया करोड़ों का काजल, 6 साल बाद ए‍क नया दांव

हाइलाइट्स

तरुण कुमार ने 2019 में 1 करोड़ की ठगी की.छह साल बाद तरुण कुमार करनाल से गिरफ्तार.तरुण और साथी लगातार ठिकाना बदलते रहे.

Delhi Crime News: खुद को कारोबार का धुरंधर मानने वाले एक शख्‍स की आंखों का काजल एक 23 साल का युवक उड़ा ले लगा. इस युवक ने इतनी खूबसूरती से अपना जाल बिछाया था कि सामने वाला कब उसके बातों में फंसता चला गया, उसे पता नहीं चला. सामने वाले को लगा कि युवक महज एक 23 साल का एक छोटा सा बच्‍चा है, लेकिन यही बच्‍चा एक करोड़ रुपए का कांड कर चुपके से निकलने में कामयाब हो गया. छह साल तक सभी खोजते रहे, लेकिन उसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं चला.

पिछले छह सालों से इस आरोपी युवक के पीछे पड़ी बुराड़ी थाना पुलिस ने हर कोशिश कर ली, लेकिन उसकी कहीं से कोई खबर नहीं मिली. जिसके बाद इस केस को सुलझाने और आरोपी को उसकी सही जगह पहुंचाने की जिम्‍मेदारी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को दी गई. लंबी जद्दोजदह के बाद क्राइम ब्रांच की टीम को सफलता मिली और आरोपी को करनाल (हरियाणा) के सेक्टर 31 से दबोच लिया गया. आरोपी की पहचान 29 वर्षीय तरुण कुमार के तौर पर हुई है. क्राइम ब्रांच अब उन लोगों की तलाश कर रही है जो तरुण के साथ एक करोड़ रुपए की ठगी में शामिल थे.

क्‍या है पूरा मामला
पुलिस के अनुसार, यह मामला 2019 का है, जब शिकायतकर्ता सुनील जु़नेजा से मोहम्मद अशरफ नामक व्यक्ति ने संपर्क किया और उन्हें अपनी कंपनी की एक स्कीम में निवेश करने का ऑफर दिया. मोहम्मद अशरफ ने उन्हें आश्वासन दिया कि अगर वह उनकी कंपनी को 1 करोड़ रुपये नकद देंगे, तो कंपनी उन्हें RTGS के जरिए 1.25 करोड़ रुपये वापस करेगी. इस लालच में आकर, शिकायतकर्ता ने 1 करोड़ रुपये का इंतजाम किया और 15 जनवरी 2019 को मोहम्मद अशरफ के साथ मिलकर आरोपी तरुण कुमार और अजीत को यह रकम सौंप दी.

अरेस्‍ट हो चुका है एक आरोपी
इसके बाद आरोपी तरुण कुमार, अजीत और मोहम्मद अशरफ सहित अन्य आरोपी फरार हो गए। शिकातकर्ता सुनील जुनेजा की शिकायत पर इस मामले में बुराड़ी थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 420/34 के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसकी जांच अब क्राइम ब्रांच का सेंट्रल रेंज कर रहा है. इस मामले में मोहम्मद अशरफ को पहले ही गिरफ्तार जा चुका है, जबकि आरोपी तरुण कुमार और उसके अन्य सहयोगी गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहे थे. मामला क्राइम ब्रांच में आने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए स्‍पेशल टीम का गठन किया गया.

छह साल बाद हुई गिरफ्तारी
डीसीपी (क्राइम ब्रांच) विक्रम सिंह के अनुसार, जांच टीम में शामिल सब इंस्‍पेक्‍टर पंकज ने संदिग्धों के बारे में सारी उपलब्ध जानकारी इकट्ठा की. मैन्युअल और तकनीकी निगरानी के जरिए पता चला कि आरोपी तरुण कुमार हरियाणा के करनाल में छिपा हुआ है. इंफार्मेशन वैरिफाई करने के बाद 19 फरवरी 2025 को क्राइम ब्रांच की टीम ने करनाल के सेक्टर-3 में एक छापेमारी की, जहां से आरोपी तरुण कुमार को गिरफ्तार किया गया. यह आरोपी तरुण 2019 से फरार चल रहा था. करीब छह साल बाद उसे 20 फरवरी 2025 को उसे गिरफ्तार किया गया है.

लगातार ठिकाना बदल रहा था आरोपी
पूछताछ के दौरान, आरोपी तरुण कुमार ने बताया कि उसकी उत्‍तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से बीबीए करने के बाद वह बीमा सेक्‍टर में काम करने लगा. उसने बताया कि 2019 से गिरफ्तारी से बचने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा और जीवन यापन के लिए अगल-अलग काम करता रहा. उसने कबूल किया कि उसने और उसके साथियों ने मिलकर शिकायतकर्ता से ठगी की थी और उसके बाद से वह लगातार फरार था.

First Published :

February 26, 2025, 21:36 IST

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