हाइलाइट्स
छठ पर्व पर जेपी नड्डा अचानक दिल्ली से पटना आए और नीतीश कुमार से मिले. जेपी नड्डा का अचानक CM नीतीश से मिलने आना सियासत में हलचल मचा गया. जेपी नड्डा-सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात पर कई राजनीति के कई सवाल उठे.
पटना. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जब छठ के मौके पर पटना पहुंचे और उनके बिहार में छठ पर्व में शामिल होने को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे. बात केवल छठ पूजा भर की ही नहीं थी, बल्कि इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी उनकी मुलाकात हुई और उनके साथ उन्होंने वक्त बिताया. जाहिर तौर पर राजनीतिक चर्चा भी हुई होगी, लेकिन इसकी जानकारी बाहर नहीं आ पाई. बता दें कि पटना दौरे पर आए जेपी नड्डा ने इस दौरान बिहार बीजेपी के शीर्ष नेताओं से भी अलग से मुलाकात की और कहा गया कि उपचुनाव के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई है. लेकिन राजनीति के गलियारों में हलचल देखी जा रही है और जेपी नड्डा के दौरे का मतलब समझने की कोशिश की जा रही है.
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं कि जेपी नड्डा के दौरे को हम दो लिहाज से देख सकते हैं. पहला धार्मिक दौरा जब छठ पर्व के मौके पर पटना आकर उन्होंने साफ-साफ संदेश देने की कोशिश की है कि हिंदुत्व को लेकर बीजेपी कितना गंभीर है. छठ के मौके पर आकर उन्होंने बिहार के लोगों की भावनाओं को भी छूने का काम किया है. दूसरा उद्देश्य सियासी है और यह भी कहा जा रहा है कि विधान सभा की चार सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को है तो अगले साल विधान सभा चुनाव भी होना है. जिसका फीडबैक उन्होंने बीजेपी के नेताओं से लिया होगा कि वस्तुस्थिति क्या है.
अरुण पांडे ये भी बताते हैं कि बीजेपी 365 दिन राजनीति करने वाली सजग पार्टी है, इसी साल दिसंबर में बीजेपी का संगठन चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर होने वाला है. शायद इसे लेकर बिहार बीजेपी से भी फीडबैक लिया गया होगा. साथ ही नीतीश कुमार के साथ गठबंधन होने के बाद अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर भी उनके बिहार बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई मुलाकात के बाद कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी जो महत्वपूर्ण हो सकती है.
अरुण पांडे कहते हैं कि बीजेपी और नीतीश कुमार के साथ संबंध बेहद मधुर दिख रहे हैं और इसका असर लोकसभा चुनाव में भी दिखा था जब चालीस में से तीस सीट एनडीए जीती थी. लेकिन, दस सीट पर हार एनडीए के लिए झटका भी था. ऐसे हालात विधान सभा चुनाव में भी ना हो इसे लेकर बीजेपी और एनडीए दोनों गंभीर है. जेपी नड्डा का दौरा इस मायनों में और महत्वपूर्ण हो जाता है.
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि बीजेपी इस बार हर स्तर पर सतर्क है और नीतीश कुमार को हर हाल में अपने साथ रखने की हर जुगत कर रही है. हाल के दिनों में जब गिरिराज सिंह ने की हिंदू स्वाभिमान यात्रा हुई तो जेडीयू ने सामने से तो नहीं, लेकिन साइलेंट तेवर जरूर दिखाए थे. इसका असर भी हुआ था और बीजेपी ने गिरिराज की यात्रा से किनारा कर लिया था. बीजेपी नीतीश कुमार के मैसेज को बड़ी शिद्दत से समझती है.
रवि उपाध्यय कहते हैं कि हाल के दिनों में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच तालमेल का अभाव भी दिखता रहा है, हालांकि सीएम नीतीश लगातार कहते हैं कि वह बीजेपी के साथ ही रहेंगे. अब जब आगामी 13 नवंबर को पीएम मोदी दरभंगा में एम्स का शिलान्यास करने आ रहे हैं तो मोदी-नीतीश एकता का संदेश बड़े पैमाने पर बिहार की जनता के बीच जाए, इसकी भी कवायद कही जा रही है.
Tags: Bihar News, Bihar politics, BJP chief JP Nadda, CM Nitish Kumar
FIRST PUBLISHED :
November 9, 2024, 11:28 IST