Last Updated:August 20, 2025, 18:24 IST
गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए संसद में संवैधानिक संशोधन बिल पेश किया, जिससे जेल में रहते हुए पीएम, सीएम, मंत्री सरकार न चला पाएं. कांग्रेस ने इसका विरोध किया.

गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा, देश में राजनीतिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध मोदी सरकार की प्रतिबद्धता और जनता के आक्रोश को देख कर आज मैंने संसद में संवैधानिक संशोधन बिल पेश किया, जिससे पीएम, सीएम, केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री जेल में रहते हुए सरकार न चला पाएं. लेकिन कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष इसके खिलाफ खड़ी हो गई. यही कांग्रेस का वर्क कल्चर है, यही उनकी नीति है. वे प्रधानमंत्री को संविधान संशोधन करके कानून से ऊपर करते हैं. दूसरी ओर बीजेपी है कि हम अपनी ही सरकार के प्रधानमंत्री, मंत्री, मुख्यमंत्रियों को ही कानून के दायरे में ला रहे हैं.
अमित शाह ने कहा, इस बिल का मकसद सार्वजनिक जीवन में गिरते जा रहे नैतिकता के स्तर को ऊपर उठाना और राजनीति में शुचिता लाना है. इन तीनों बिल से जो कानून अस्तित्व में आएगा, उसमें कई प्रावधान किए गए हैं.
1. कोई भी व्यक्ति गिरफ्तार होकर जेल से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री , केन्द्र या राज्य सरकार के मंत्री के रूप में शासन नहीं चला सकता है.
2. संविधान जब बना, तब हमारे संविधान निर्माताओं ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि भविष्य में ऐसे राजनीतिक व्यक्ति भी आएंगे, जो अरेस्ट होने से पहले नैतिक मूल्यों पर इस्तीफा नहीं देंगे. पिछले कुछ वर्षों में देश में ऐसी आश्चर्यजनक स्थिति उत्पन्न हुई कि मुख्यमंत्री या मंत्री बिना इस्तीफा दिए जेल से अनैतिक रूप से सरकार चलाते रहे.
3. इस बिल में आरोपित राजनेता को गिरफ्तारी के 30 दिन के अंदर अदालत से जमानत लेने का प्रावधान भी दिया गया है. अगर वे 30 दिन में जमानत प्राप्त नहीं कर पाते हैं, तो 31वें दिन या तो केंद्र में प्रधानमंत्री और राज्यों में मुख्यमंत्री उन्हें पदों से हटाएंगे, अन्यथा वे स्वयं ही कानूनी रूप से कार्य करने के लिए अयोग्य हो जाएंगे. कानूनी प्रक्रिया के बाद ऐसे नेता को यदि जमानत मिलेगी, तब वे अपना पद फिर संभाल सकते हैं.
देश को तय करना होगा
अब देश की जनता को यह तय करना पड़ेगा कि क्या जेल में रहकर किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री द्वारा सरकार चलाना उचित है? एक ओर प्रधानमंत्री ने अपने आप को कानून के दायरे में लाने का संविधान संशोधन पेश किया है और दूसरी ओर कानून के दायरे से बाहर रहने, जेल से सरकारें चलाने और कुर्सी का मोह न छोड़ने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में पूरे विपक्ष ने इसका विरोध किया है. देश को वह समय भी याद है, जब इसी महान सदन में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान संशोधन संख्या-39 से प्रधानमंत्री को ऐसा विशेषाधिकार दिया कि प्रधानमंत्री के विरुद्ध कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकती थी.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
August 20, 2025, 18:24 IST