ज्‍वाइंट डायरेक्‍टर को बुलाओ... कोर्ट के आदेश के बावजूद क्‍या कर बैठी ईडी?

6 hours ago

Last Updated:August 20, 2025, 18:46 IST

Enforcement Directorate News: मद्रास हाईकोर्ट ने ईडी की कार्यशैली पर नाराजगी जताई और चेन्नई जोन-1 यूनिट के ज्वाइंट डायरेक्टर को पेश होने का आदेश दिया. मामला 1,000 करोड़ रुपये के तमिलनाडु शराब घोटाले से जुड़ा है...और पढ़ें

ज्‍वाइंट डायरेक्‍टर को बुलाओ... कोर्ट के आदेश के बावजूद क्‍या कर बैठी ईडी?कोर्ट ने सख्‍त रुख अख्तियार किया. (File Photo)

मद्रास हाईकोर्ट आज प्रवर्तन निदेशालय यानी ED के काम करने के तरीके से खासा नाराज नजर आया. जस्टिस एम एस रमेश और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायणन की बेंच ईडी से इस कदर नाराज दिखी कि उन्‍होंने चेन्‍नई जोन-1 यूनिट के ज्‍वाइंट डायरेक्‍टर को अदालत में पेश होने का आदेश जारी कर दिया. दरअसल, यह मामला 1,000 करोड़ रुपये के तमिलनाडु के शराब घोटाले से जुड़ा है. तमिलनाडु स्‍टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (TASMAC) से जुड़े मामले में फिल्‍म प्रोड्यूसर आकाश भास्‍करन ने ईडी पर कोर्ट आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया है.

रोक के बावजूद समन क्‍यों भेजा?
हाईकोर्ट ने पहले ही ईडी को आकाश भास्‍करन को समन जारी करने पर रोक लगाई थी. इसके बावजूद ईडी की ओर से समन भेजा गया. इस पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई. अदालत ने कहा, “हर चीज़ की एक सीमा होती है. अधिकारी कोर्ट में मौजूद थे जब रोक लगाने का आदेश दिया गया. इसके बावजूद समन जारी किया गया.’’ ईडी की ओर से सफाई दी गई कि यह गलती जानबूझकर नहीं हुई बल्कि आदेश की अनदेखी हो गई. इस पर कोर्ट ने तीखा रुख दिखाते हुए कहा कि अधिकारी को खुद हाजिर होने दें, ताकि आगे से ऐसी गलती दोहराई न जाए.

जुर्माना भी नहीं भरा
अदालत ने यह भी याद दिलाया कि ईडी ने न केवल बार-बार दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया, बल्कि कोर्ट द्वारा लगाए गए 30 हजार रुपये जुर्माने को भी नहीं चुकाया और उसकी माफी की याचिका दाखिल कर दी. सीनियर एडवोकेट विजय नारायण ने याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी कि ईडी लगातार अदालत की अवमानना कर रही है. वहीं, सुबह अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए पेश होकर समय मांगा. हालांकि अदालत ने साफ कर दिया कि अधिकारी को 17 सितंबर को पेश होना ही होगा, चाहे ईडी इस आदेश के खिलाफ अपील करना चाहे.

ईडी को परिसरों सील का अधिकार नहीं
बता दें कि ईडी ने शराब घोटाले की जांच के दौरान आकाश भास्‍करन और व्‍यवसायी विक्रम रविंद्रन के परिसरों पर छापे मारे थे और कई दस्‍तावेज जब्‍त किए थे. लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि ईडी को ऐसे परिसरों को सील करने या दस्‍तावेज रखने का अधिकार नहीं है. अदालत ने दस्‍तावेज लौटाने का आदेश दिया और आगे कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. अब हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणियों ने ईडी की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह मामला एजेंसी की साख पर सीधा असर डाल सकता है.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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First Published :

August 20, 2025, 18:44 IST

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