US Tariff: हम आपको ट्रंप के टैरिफ पर भारत के रूख पर दुनिया से आ रही प्रतिक्रियाएं दिखाने जा रहे हैं. जिससे आपको पता चलेगा कि ट्रंप के खिलाफ भारत के स्टैंड को दुनिया के बड़े-बड़े देशों में किस तरह देखा जा रहा है. सबसे पहले आपको भारत के पारंपरिक विरोधी माने जाने वाले चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स का एक लेख पढ़ना चाहिए.
ग्लोबल टाइम्स का नजरिया
भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ पर जारी तनाव को लेकर ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया है- 'ट्रंप का टैरिफ से जुड़ा फैसला अंतरराष्ट्रीय व्यापार को एक ऐसी दिशा में ले जा रहा है जिसकी कोई स्थायी मंजिल नहीं नजर आती. भारत ने रूस से तेल खरीदने के कदम को न्यायसंगत कहा है यानी सही ठहराया है और साथ ही अपने हितों को सुरक्षित रखने की बात कही है. ये कहना गलत नहीं होगा कि भारत अपने नागरिकों के ऊर्जा हितों का ख्याल रख रहा है'. यानी चीन अपने मुखपत्र के जरिए ये बता रहा है कि वो भारत के इस कदम से खुश है. और उसके लिए भी ट्रंप ही विलेन हैं.
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बिना वजह टैरिफ वॉर में घसीटने की कोशिश
ट्रंप के टैरिफ को लेकर हर वो देश भारत की नीति का समर्थन कर रहा है. जिसको ट्रंप ने बिना वजह टैरिफ वॉर में घसीटने की कोशिश की है. रूस के बड़े अखबार मॉस्को टाइम्स की हेडलाइन में भारत, अमेरिका के संबंधों को लेकर कहा गया है. ट्रंप ने बार-बार रूस से तेल की सप्लाई रोकने के लिए भारत पर दबाव बनाया है. भारत ने अमेरिका के साथ बातचीत का हर रास्ता खोलकर रखा, लेकिन भारत अब भी रूस से तेल खरीद रहा है जो संकेत देता है कि ट्रंप की चेतावनी के सामने भारत झुक नहीं रहा है.
#DNAWithRahulSinha | टैरिफ पर भारत का एक्शन...दुनिया का रिएक्शन, ट्रंप की टैरिफ वाली धमकी से दुनिया परेशान है
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— Zee News (@ZeeNews) August 5, 2025
पश्चिमी मीडिया ने क्या लिखा?
हो सकता है कि आपको ये भी लगे कि चीन और रूस अमेरिका के विरोधी हैं. इस वजह से उनकी मीडिया में अमेरिका की आलोचना लाजमी है. इसी लिए हम आपको इटली के एक अखबार का लेख भी दिखाते हैं. ताकि आपको पता चले कि भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर टकराव पर पश्चिमी जगत क्या सोचता है.
इटली के एक प्रतिष्ठित अखबार में लिखा गया है- कुछ यूरोपीय देशों ने ट्रंप के टैरिफ को देखते हुए आकर्षक प्रस्ताव सामने रखने का दावा किया है. ऐसी पेशकश के बावजूद ट्रंप कह रहे हैं कि वो यूरोपीयन यूनियन पर 35 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे, ऐसी घोषणाएं अस्थिरता पैदा कर सकती हैं.
वर्ल्ड मीडिया की कवरेज बताती हैं कि टैरिफ पर भारत की नीति की आलोचना पश्चिमी जगत में भी नहीं हो रही है. लेकिन टैरिफ को लेकर ट्रंप की धमकियों से उनके सहयोगी भी परेशान नजर आ रहे हैं.