ट्रेड नहीं ये ग्रेट डील होगी! अमेरिका से बनी बात तो सस्‍ते होंगे कई प्रोडक्‍ट

2 hours ago

Last Updated:April 22, 2025, 14:27 IST

India-America Trade Deal : भारत और अमेरिका टैरिफ वॉर के नुकसान को कम करने के लिए द्विपक्षीय व्‍यापार करार पर बातचीत कर रहे हैं. यह डील पूरी होती है तो कई अमेरिकी प्रोडक्‍ट भारत में सस्‍ते हो जाएंगे, जबकि भारतीय...और पढ़ें

ट्रेड नहीं ये ग्रेट डील होगी! अमेरिका से बनी बात तो सस्‍ते होंगे कई प्रोडक्‍ट

भारत और अमेरिका कई उत्‍पादों पर टैरिफ घटाने पर बातचीत कर रहे हैं.

हाइलाइट्स

भारत-अमेरिका व्यापार डील से सस्ते होंगे अमेरिकी प्रोडक्ट्स.भारतीय उत्पादों की अमेरिकी बाजार में पहुंच आसान होगी.डील का लक्ष्य 2030 तक व्यापार 500 अरब डॉलर तक बढ़ाना है.

नई दिल्‍ली. टैरिफ वॉर के बीच भारत और अमेरिका अपने ट्रेड को लेकर ग्रेट डील की तरफ बढ़ रहे हैं. दोनों देशों में पिछले कुछ महीने के दौरान इस पर कई बार बात हो चुकी है और अब 23 अप्रैल को यह डील फाइनल होने का अनुमान है. अगर यह डील पूरी होती है तो इससे भारत और अमेरिका दोनों को फायदा होगा. देश में भी कई अमेरिकी प्रोडक्‍ट सस्‍ते हो जाएंगे और आम आदमी भी इम्‍पोर्टेड सामान खरीद सकेगा.

मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस डील में दोनों देश टैरिफ और कस्‍टम क्‍लीयरेंस के अलावा कई मुद्दों पर सहमति बना सकते हैं. डील के तहत कुछ सामानों पर कम टैरिफ लगाना या पूरी तरह से छूट देना भी शामिल है. इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय प्रोडक्‍ट की सप्‍लाई आसान होगी और वहां ये प्रोडक्‍ट सस्‍ते हो जाएंगे. इसी तरह, भारत में अमेरिकी प्रोडक्‍ट भी सस्‍ते हो जाएंगे और आम आदमी के लिए इम्‍पोर्टेड सामान खरीदना आसान हो जाएगा.

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90 दिन में फाइनल हो जाएगी डील
अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका ने टैरिफ लगाने से फिलहाल 90 दिन की छूट दी है और 23 अप्रैल से शुरू हो रही इस बातचीत पर इसी अवधि में मामला फाइनल करना होगा. वाणिज्‍य सचिव सुनील बर्थवाल ने भी पिछले दिनों कहा था कि अमेरिका के साथ डील को जल्‍द से जल्‍द फाइनल करने का लक्ष्‍य है, क्‍योंकि 90 दिन की अवधि पूरी होने के बाद टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है. इस डील का मकसद दोनों देशों के बीच व्‍यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है.

अमेरिका के कौन-कौन से सामान सस्‍ते होंगे
सूत्रों का कहना है कि बातचीत के दौरान अमेरिका ने अपने कई प्रोडक्‍ट पर टैरिफ घटाने का प्रस्‍ताव रखा है. इन प्रोडक्‍ट पर या तो शून्‍य टैरिफ किया जाएगा या फिर मौजूदा टैरिफ को घटा दिया जाएगा. भारत अगर इस प्रस्‍ताव को स्‍वीकार करता है तो अमेरिका से आने वाले औद्योगिक उपकरण, ऑटोमोबाइल खासकर ई-वाहन, वाइन, पेट्रोकेमिकल प्रोडक्‍ट, डेयरी प्रोडक्‍ट और एग्रीकल्‍चर प्रोडक्‍ट जैसे सेब, नट्स और अल्‍फाल्‍फा जैसे सामान सस्‍ते हो जाएंगे.

भारत के इन प्रोडक्‍ट की बढ़ेगी मांग
डील में भारत ने भी कई प्रोडक्‍ट पर टैरिफ खत्‍म करने या घटाने का प्रस्‍ताव रखा है. इससे भारतीय उत्‍पादों के लिए अमेरिकी बाजार तक पहुंच बनाना आसान हो जाएगा और सस्‍ते होने की वजह से इनकी डिमांड भी अमेरिका में बढ़ सकती है. भारत ने कपड़े, परिधान, जेम्‍स एंड ज्‍वैलरी, चमड़े के प्रोडक्‍ट, प्‍लास्टिक, केमिकल, तिलहन, झींगा मछली और बागवानी प्रोडक्‍ट पर टैरिफ कम करने या शून्‍य करने का प्रस्‍ताव रखा है.

भारत का सबसे बड़ा साझेदार
अमेरिका सबसे बड़े व्‍यापारिक साझेदारों में से एक है, जो भारत के कुल निर्यात का 18 फीसदी होता है. हालांकि, भारत से निर्यात ज्‍यादा होता है और आयात कम. इस लिहाज से भारत करीब 41 अरब डॉलर के ट्रेड सरप्‍लस में है और अमेरिका को यही बात सबसे ज्‍यादा अखर रही है. भारत ने पिछले साल सबसे निर्यात दवाओं से जुड़ी चीजों का किया है, जो 8 अरब डॉलर से भी ज्‍यादा है. अमेरिका से सबसे ज्‍यादा आयात क्रूड का रहा, जो 4.5 अरब डॉलर है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

April 22, 2025, 14:27 IST

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