Boat catches fire in DR Congo: एक तरफ पूरी दुनिया में हवाई जहाज, कार, ट्रेन, बस से लोग यात्रा कर रहे हैं, दूसरी तरफ कांगो देश में यात्रा करने के लिए आज भी लोग नाव पर निर्भर हैं. नाव पर यात्रा करना यानी मौत को हथेली में लेकर चलने जैसा है. यह हम नहीं कह रहे हैं, ताजा मामला सामने आया है, कांगो नदी के पास मबांदाका शहर में एक मोटर चालित लकड़ी की नाव में आग लग गई और वह पलट गई. इस हादसे में कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोग लापता हैं. नाव में करीब 400 यात्री सवार थे, जो मटंकुमु बंदरगाह से बोलोम्बा की ओर जा रहे थे.
कांगो में सड़कें बेहाल, नाव ही सहारा
कांगो में सड़कें कम और खराब हालत में हैं, जिसके चलते लोग नदियों के रास्ते लकड़ी की नावों से सफर करते हैं. ये नावें अक्सर जरूरत से ज्यादा भरी होती हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है. पिछले कुछ सालों में ऐसे कई हादसों में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. दिसंबर में, उत्तर-पूर्वी कांगो में एक नाव के पलटने से 38 लोग मारे गए थे, जो क्रिसमस के लिए यात्रा कर रहे थे. वहीं, अक्टूबर में लेक किवु में हुए एक और हादसे में 78 लोगों की मौत हो गई थी.
देश की 10 करोड़ आबादी, 2250 किमी की सिर्फ हें सड़कें
कांगो में सड़कें कम और ज्यादातर खराब हालत में हैं. देश में पक्की सड़कों की लंबाई सिर्फ 2250 किमी है, जो 10 करोड़ से ज्यादा आबादी के लिए बेहद कम है. युद्ध और विद्रोही हमलों की वजह से कई सड़कें बंद रहती हैं, खासकर पूर्वी कांगो में. गोमा और बुकावु जैसे शहरों के बीच सड़क मार्ग असुरक्षित हैं, जिसके चलते लोग नावों का सहारा लेते हैं. लेकिन ये नावें अक्सर जरूरत से ज्यादा भरी होती हैं और सुरक्षा नियमों का पालन नहीं होता.
नाव में क्यों होते हैं हादसे?
हादसों की मुख्य वजह नावें पुरानी और जर्जर होती हैं. स्थानीय लोग और विश्लेषक सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि सड़कों की मरम्मत और सुरक्षा नियमों को सख्त करने की जरूरत है. मबांदाका के एक निवासी ने कहा, “जब सड़कें ही नहीं, तो नाव ही हमारा सहारा है. लेकिन सरकार इन हादसों को रोकने के लिए कुछ नहीं करती.” बचाव टीमें अभी भी लापता लोगों की तलाश कर रही हैं, लेकिन मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है.