तिहाड़ से कैसा डर? UK मांगने लगा वादा, वॉन्टेड को तभी भेजेंगे भारत, जब...

8 hours ago

Last Updated:April 19, 2025, 12:25 IST

भारत की सबसे बड़ी और सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जेल तिहाड़ पर ब्रिटिश कोर्ट ने चिंता जताई है. ब्रिटेन ने भारत को चेतावनी दी है कि तिहाड़ जेल में अमानवीय व्यवहार से बचाने की गारंटी के बिना आरोपियों को भारत नही...और पढ़ें

तिहाड़ से कैसा डर? UK मांगने लगा वादा, वॉन्टेड को तभी भेजेंगे भारत, जब...

भारत की सबसे बड़ी और सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जेल तिहाड़ पर ब्रिटिश कोर्ट ने क्या चिंता जताई. (प्रतीकात्मक)

हाइलाइट्स

ब्रिटेन ने तिहाड़ जेल में अमानवीय व्यवहार पर चिंता जताई.ब्रिटिश कोर्ट ने प्रत्यर्पण अनुरोधों को खारिज कर दिया.भारत को आरोपियों के मानवाधिकारों की गारंटी देने को कहा.

भारत की सबसे बड़ी और सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जेल तिहाड़ अब सवालों के घेरे में है. ब्रिटेन की ओर से भारत को यह साफ संदेश मिला है कि जब तक भारत सरकार यह वादा नहीं करती कि प्रत्यर्पित किए जाने वाले आरोपियों को तिहाड़ जेल में नहीं रखा जाएगा और उनके साथ कोई अमानवीय या यातनापूर्ण व्यवहार नहीं होगा, तब तक किसी भी वॉन्टेड शख्स को भारत नहीं भेजा जाएगा.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह चेतावनी ब्रिटेन के डिप्टी चीफ क्राउन प्रॉसिक्यूटर की ओर से भारत सरकार को दी गई है. यह वही अधिकारी हैं, जो भारत के प्रत्यर्पण अनुरोधों की समीक्षा कर ब्रिटिश अदालतों में उनका पक्ष रखते हैं. यह सख्त रुख ऐसे वक्त में आया है जब ब्रिटेन की अदालतों ने एक के बाद एक दो हाई-प्रोफाइल मामलों—750 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड में वांटेड विरकीरण अवस्थी और उनकी पत्नी, और कथित हथियार डीलर संजय भंडारी—में भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को खारिज कर दिया.

‘तिहाड़ जेल में अमानवीय व्यवहार’
संजय भंडारी के मामले में ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने यह मान लिया कि अगर उन्हें भारत भेजा गया, तो तिहाड़ जेल में उनके साथ अमानवीय व्यवहार होने की ‘वास्तविक आशंका’ है. अदालत ने यह भी कहा कि भारत में हिरासत के दौरान यातना दिए जाने का भी ‘जनरलाइज्ड रिस्क’ मौजूद है. यही नहीं, अदालत ने भारत को यूके सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की इजाजत तक नहीं दी. इस फैसले को अब अन्य मामलों में भी मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है.

ब्रिटिश प्रॉसिक्यूटर ने भारत को चेताया
ब्रिटिश प्रॉसिक्यूटर ने भारत को चेताया है कि जब तक सरकार यह लिखित गारंटी नहीं देती कि आरोपियों को तिहाड़ जेल में नहीं रखा जाएगा या यदि रखा भी गया तो उनके बंदी जीवन की स्थिति यूरोपियन कन्वेंशन ऑन ह्यूमन राइट्स (ECHR) के अनुच्छेद 3 के अनुरूप होगी, तब तक इन मामलों को आगे बढ़ाना व्यर्थ होगा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर भारत ने यह आश्वासन नहीं दिया, तो ना सिर्फ अवस्थी दंपति बल्कि अन्य मामलों में भी कोई अपील नहीं की जाएगी, चाहे उनमें दम क्यों न हो.

क्राउन प्रॉसिक्यूटर ने कहा है कि वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए तैयार है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इस मामले में अनुकूल परिणाम का आश्वासन देना मुश्किल है.

First Published :

April 19, 2025, 12:25 IST

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