तीन तलाक पर भाजपा को चौंका चुके हैं नीतीश कुमार, अब संजय झा बोले- मुस्लिमों...

1 day ago

Last Updated:April 01, 2025, 15:16 IST

Waqf Board Amendment Bill: वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का मुद्दा गरमाया हुआ. मोदी सरकार बुधवार को इसे लोकसभा में पेश करेगी. सरकार का कहना है कि यह विधेयक गरीब मुस्लिम समुदाय की बेहतरी के लिए वहीं विपक्ष और मुस्लिम...और पढ़ें

तीन तलाक पर भाजपा को चौंका चुके हैं नीतीश कुमार, अब संजय झा बोले- मुस्लिमों...

नीतीश कुमार की पार्टी ने तीन तलाक विधेयक का विरोध किया था.

हाइलाइट्स

मोदी सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश करेगी.विधेयक पर जेडीयू का समर्थन अहम है.नीतीश कुमार ने मुस्लिम समुदाय का समर्थन किया.

Waqf Board Amendment Bill: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बुधवार को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश करेगी. सरकार की तरफ से यह एक बहुप्रतीक्षित विधेयक है और इसे वह हर कीमत पर पास करवाना चाहती है. सरकार का तर्क है कि इस विधेयक के कानून बनने के बाद देश में वक्फ बोर्ड की हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति और लाखों एकड़ की जमीन का गरीब मुस्लिम समुदाय के बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. हालांकि विपक्ष और इस बिल का विरोध कर रहे कुछ मुस्लिम संगठनों का कहना है कि सरकार उनकी दान की संपत्ति पर कब्जा करने के लिए यह कानून ला रही है.

खैर, इस बहस को यहीं छोड़िए. इस विधेयक को कानून शक्ल देने के लिए जेडीयू का समर्थन काफी अहम है. बिहार में चंद महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले राज्य में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक एक बड़ा मुद्दा बन गया है. इससे जदयू एक तरह से दबाव में है. पिछले दिनों सीएम नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का कई मुस्लिम संगठनों ने विरोध कर इसका संकेत दे दिया.

बिहार की राजनीति
बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार चलाने के बावजूद नीतीश कुमार की छवि एक धर्मनिरपेक्ष नेता की है और मुस्लिम समुदाय का ठीक-ठाक वोट उनको मिलता है. ऐसे में जेडीयू धर्म संकट में है. उसने वक्फ बोर्ड विधेयक को लेकर संसदीय समिति की बैठक में कई सुझाव भी दिए थे. इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय झा ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय के साथ कभी भी कुछ गलत हो ऐसा नीतीश कुमार ने होने नहीं दिया. पहले भी उन्होंने ऐसा कुछ नहीं होने दिया है. मुस्लिम समुदाय पर कोई आंच नहीं आएगी.

इससे पहले तीन तलाक कानून पर जेडीयू ने अलग रुख अपनाया था. तीन तलाक (मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण) बिल, 2019 पर जेडीयू ने एनडीए में रहते हुए विधेयक का विरोध किया था. हालांकि यह विधेयक पास हो गया था. यह कानून मुस्लिम समुदाय में एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित करता है और इसके लिए तीन साल की जेल की सजा तय करता है. हालांकि बाद के वक्त में जेडीयू के रुख में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया.

विधेयक का विरोध
जब यह बिल 2019 में संसद में लाया गया तो जेडीयू ने इसका खुला विरोध किया. जुलाई 2019 में लोकसभा में चर्चा के दौरान जेडीयू सांसदों ने इसे समर्थन नहीं दिया और राज्यसभा में बहस के समय वॉकआउट कर लिया. पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी केसी त्यागी ने कहा था कि हम इस बिल के मौजूदा स्वरूप से सहमत नहीं हैं. यह मुस्लिम समुदाय के निजी मामलों में दखल देने जैसा है. जेडीयू का तर्क था कि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में तीन तलाक को पहले ही असंवैधानिक ठहरा दिया था, इसलिए इसे अपराध बनाने की जरूरत नहीं थी. पार्टी ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला और राजनीतिक लाभ का हथकंडा बताया.

गठबंधन की मजबूरी और चुप्पी
हालांकि, जेडीयू का विरोध लंबा नहीं चला. एनडीए में बीजेपी के साथ गठबंधन और बिहार में सत्ता साझेदारी ने पार्टी को अपने रुख पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया. 30 जुलाई 2019 को राज्यसभा में बिल पास होने के दौरान जेडीयू का वॉकआउट सांकेतिक विरोध तक सीमित रहा. इसके बाद बिल कानून बन गया, लेकिन जेडीयू ने इस पर आगे कोई बड़ा बयान नहीं दिया.

First Published :

April 01, 2025, 15:14 IST

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