Last Updated:March 26, 2025, 13:36 IST
LCA Mk-1A Project: तेजस भारत का गौरव है. दुनिया के सामने तकनीक के मामले में भारत की धमक है. भारतीय वायुसेना में तेजस शामिल है. दुनिया के कई देश तेजेस में रुची दिखा चुके है.सिंगल इंजन तेजस आने वाले दिनों में सबक...और पढ़ें

भारतीय वायुसेना को जल्द मिलेंगे आधुनिक तेजस-Mk1A फाइटर जेट
हाइलाइट्स
तेजस प्रोग्राम के लिए इंजन की डिलीवरी शुरू हुई.GE ने 99 F404 इंजनों में से पहला इंजन डिलीवर किया.2025-26 से हर साल 16-24 तेजस की प्रॉडक्शन होगी.LCA Mk-1A Project: भारत का फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोग्राम अभी तक धीमी आगे बढ़ रहा था.अब तेजी यह प्रोग्राम तेजी से आगे बढ़ना शुरू हो जाएगा. दो साल से जो इंजन का इंतेजार HAL कर रही थी अब वह इंतेजार खत्म हो रहा है. भारत के तेजस मार्क1 A प्रोग्राम के लिए इंजन की डील अमेरिकी इंजन निर्माता कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ साल 2021 में की थी. इस डील के तहत कुल 99 F404 इंजन की सप्लाई भारत को होनी है. कंपनी की तरफ से इंजन की डिलिवरी ही शुरू नहीं हो पा रही था. फाइटर ना मिल पाने के चलते भारतीय वायुसेना प्रमुख ने भी नाराजगी जताई थी. लेकिनअब नाराजगी शायद जल्द खत्म हो जाए. जनरल इलेक्ट्रिक इंजन की डिलिवरी शुरू कर दी है. GE की तरफ से जारी बयान में कहा कि ‘हम HAL को LCA तेजस के लिए 99 F404-IN20 इंजनों में से पहला इंजन डिलिवर करने के लिए उत्साहित थे. साल 2004 में F404-IN20 को तेजस के लिए चुना गया. 2016 तक भारत सभी 65 इंजन डिलिवरी की जा चुकी थी. दूसरा ऑर्डर ना होने के चलते प्रोडक्शन लाइन को बंद कर दिया गया था. लेकिन साल 2021 में HAL की तरफ 99 इंजन का ऑर्डर आया तो प्रोडक्शन लाइन को फिर से शुरू किया गया.
जल्द पटरी में आएगी तेजस की डिलिवरी
तेजस के तीन वेरिएंट है पहला है तेजस मार्क -1, तेजस मार्क 1A और तेजस ट्रेनर एयरक्राफ़्ट है. चौथे वेरिएंट यानी तेजस मार्क -2 जो कि सबसे एडवांसड वर्जन है उस पर काम जारी है. मौजूदा फाइटर स्क्वॉड्रन की कमी को पूरा करने के लिए स्वदेशी तेजस पर ही पूरी फोकस है. फिलहाल 40 के करीब एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गए है. दो स्क्वॉड्रन अब तक स्थापित किए जा चुके है. स्वदेशी निर्मित 83 तेजस Mk-1A के लिए HAL से कारार तो हो गया. इंजन की उपलब्धता ना होने के चलते अभी 83 विमानों में से एक भी डिलीवरी शुरू नहीं हुई है. 97 अतिरिक्त तेजस Mk-1A की खरीद को रक्षा खरीद परिषद की तरफ से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. इसके अलावा तेजस Mk-2 पर काम तेजी से जारी है. तरकीबन 120 एयरक्राफ्ट लिए जाने है. डिफेंस सेक्रेटरी (प्रॉडक्शन) संजीव कुमार ने भी इस देरी पर कहा था कि तेजस Mk-1A की सप्लाई में देरी हु़ई है. लेकिन अब प्रॉडक्शन लाइन स्थिर हो रही है. हमें भरोसा है कि 2025-26 से तेजस की सप्लाई ओरिजिनल प्लान के हिसाब से हो सकेगी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि साल 2025-26 से हर साल 16-24 तेजस की प्रॉडक्शन कैपिसिटी होगी.
2031 तक सभी 83 तेजस होंगे डिलीवर
HAL ने भी मार्च में इंजन की डिलीवरी से पर्दा उठाया था. एयरो इंडिया 2025 में HAL के CMD ने साफ किया था कि इस साल मार्च में पहली इंजन अमेरिकी कंपनी GE की तरफ से मिल जाएगा. इस कलेंडर ईयर में 12 और इंजन मिल जाएंगे. भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किए LCA Mk-1 A के तीन लड़ाकू विमानों ने एयरो इंडिया में उड़ान भरी. तीन एयरक्राफ्ट तैयार हैं जबकि 2 भी जल्दी तैयार हो जाएंगे. साल 2031 तक 83 तेजस मार्क 1A मिल जाने का दावा किया है.
First Published :
March 26, 2025, 13:36 IST