नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत आतंकवाद का ‘निश्चित रूप से अंत’ चाहता है और पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले जैसे किसी भी आतंकी हमले के जवाब में वह पाकिस्तान में आतंकवादियों पर फिर से हमला करेगा. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में शामिल सभी ‘सबसे कुख्यात’ आतंकवादी पाकिस्तान में हैं और वे देश के बड़े शहरों में खुलेआम सक्रिय हैं. उन्होंने कहा, “सरकार इसमें शामिल है. (पाकिस्तान) सेना इसमें पूरी तरह से शामिल है.”
जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत के बाद भारत-पाकिस्तान में संघर्ष समाप्त करने पर सहमति बनी. उन्होंने यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे की पृष्ठभूमि में कही कि वाशिंगटन ने ‘संघर्ष विराम’ कराने में भूमिका निभाई. जयशंकर ने नीदरलैंड के प्रसारक एनओएस और डी वोल्क्सक्रांट को दिए अलग-अलग साक्षात्कारों में यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि यदि फिर कोई आतंकवादी हमला होता है तो भारत पाकिस्तान में आतंकवादियों पर हमला करेगा. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि ऑपरेशन सिंदूर समाप्त नहीं हुआ है.
जयशंकर नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की यात्रा के तहत नीदरलैंड के शहर हेग में थे. उन्होंने कहा, ‘यह अभियान जारी है क्योंकि इसमें एक स्पष्ट संदेश है – कि अगर 22 अप्रैल जैसी हरकतें फिर होती हैं तो इनका जवाब दिया जाएगा, हम आतंकवादियों पर हमला करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘अगर आतंकवादी पाकिस्तान में हैं, तो हम उन पर वहीं प्रहार करेंगे, जहां वे हैं. इसलिए, ऑपरेशन जारी रखने में एक संदेश है, लेकिन ऑपरेशन जारी रखना एक-दूसरे पर गोलीबारी करने के समान नहीं है.’
विदेश मंत्री ने कहा कि किसी को इस बात पर यकीन नहीं करना चाहिए कि पाकिस्तान को नहीं पता कि उसके देश में क्या चल रहा है. उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की प्रतिबंध सूची में शामिल सभी सबसे कुख्यात आतंकवादी पाकिस्तान में हैं. वे बड़े शहरों में खुलेआम सक्रिय हैं.” उन्होंने डी वोल्क्सक्रांट से कहा, “उनके पते मालूम हैं.” उन्होंने कहा, “उनकी गतिविधियां मालूम हैं. उनके आपसी संपर्क ज्ञात हैं. इसलिए हम यह न मानें कि पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं है. सरकार इसमें शामिल है. सेना इसमें पूरी तरह से शामिल है.”
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के तहत छह और सात मई की दरम्यानी रात आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर सटीक हमले किए थे. भारतीय कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया. पाकिस्तानी प्रयासों का भारतीय पक्ष ने कड़ाई से जवाब दिया.
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 10 मई को घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान भूमि, वायु और समुद्र पर सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमत हो गए हैं. जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि टकराव समाप्त करने की व्यवस्था पर भारत और पाकिस्तान दोनों ने मुहर लगाई.
उन्होंने कहा, ‘जब दो देश संघर्ष में उलझे होते हैं, तो यह स्वाभाविक है कि दुनिया के देश एक-दूसरे को फोन करके अपनी चिंता जताने की कोशिश करते हैं.’ जयशंकर ने कहा, ‘लेकिन गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे बातचीत हुई थी.’
उन्होंने कहा, ‘हमने हमसे बात करने वाले सभी लोगों को एक बात बहुत स्पष्ट कर दी थी, न केवल अमेरिका बल्कि सभी को, कि अगर पाकिस्तानियों को लड़ाई बंद करनी है, तो उन्हें हमें बताना होगा. हमें उनसे यह सुनना है. उनके जनरल को हमारे जनरल को फोन करके यह कहना होगा. और यही हुआ.’ भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव समाप्त होने के बाद, ट्रंप ने कई बार इसका श्रेय लेते हुए कहा है कि उन्होंने दोनों पक्षों के बीच ‘संघर्षविराम’ कराने में भूमिका निभाई.
उन्होंने कहा, ‘हम आतंकवाद का निश्चित अंत चाहते हैं. इसलिए हमारा संदेश है: हां, संघर्ष विराम ने फिलहाल एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य कार्रवाइयों को रोक कर दिया है, लेकिन अगर पाकिस्तान से आतंकवादी हमले जारी रहे, तो इसके परिणाम भुगतने होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तानियों को यह अच्छी तरह से समझना चाहिए.’