नई दिल्ली. देश की राष्ट्रीय राजधानी के साथ ही आसपास के इलाकों में भी सर्दियों के मौसम में एयर पॉल्यूशन की स्थिति गंभीर हो जाती है. इसकी वजह से अनेक तरह की बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है. एयर पॉल्यूशन की वजह से अब एक नई तरह की बीमारी होने की आशंका बढ़ गई है. यह समस्या है मूड स्विंग की. इसके कुछ लक्षण भी बताए जाते हैं. यदि ऐसा कुछ है तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर उनकी सलाह पर अमल करने की जरूरत है.
क्या आपको भी चिड़चिड़ाहट हो रही है? बार-बार आपका मूड बदल रहा है? किसी से बात करने का मन नहीं करता? अकेले में बैठने का मन करता है? यदि ऐसा कुछ है तो इसे अनदेखा न करें, क्योंकि बढ़ते वायु प्रदूषण से मूड स्विंग जैसी प्रॉब्लम हो रही है. यदि आप दिल्ली एनसीआर में रहते हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि जिस तरीके से दिल्ली एनसीआर में लगातार एयर पॉल्यूशन बढ़ता जा रहा है. हवा में घुला जहर समस्या पैदा कर रहा है तो आप जान लें कि यह सब बढ़ते प्रदूषण के कारण हो रहा है.
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हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. समीर भाटी ने बताया कि जिस तरीके से लगातार दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, इसका सीधा असर हमारे फेफड़ों, आंखों और हमारी स्किन पर पड़ता है. लेकिन, इन दिनों देखा जा रहा है कि वायु प्रदूषण का असर इतना है कि लोगों के अंदर मूड स्विंग की प्रॉब्लम देखी जा रही है. बार-बार मूड बदल रहा है, चिड़चिड़ाहट हो रही है, इरिटेशन हो रही है या किसी से बात करने का मन नहीं करता तो सावधान हो जाएं. यदि आपको भी इस तरह की समस्याएं हो रही हैं तो आप समझ लीजिए कि यह सब प्रदूषण के कारण है. अगर आपको ऐसा होता है तो आप डॉक्टर की सलाह लें और बढ़ते वायु प्रदूषण से खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपने आसपास पेड़ पौधे जरूर लगाएं.
सावधानी बरतें
हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. भाटी बताते हैं कि बाहर निकलते वक्त मास्क का इस्तेमाल करें. एयर पॉल्यूशन का स्तर यदि ज्यादा हो तो मॉर्निंग वॉक पर बाहर जाने के बजाय बच्चों को अपने घर की छत पर ही वॉक करना चाहिए. जिन लोगों को पहले से ही अस्थमा, फेफड़े या स्किन की कोई प्रॉब्लम है तो उन्हें खुद को एयर पॉल्यूशन से बचाकर रखना चाहिए. इसके हलावा हेल्थ एक्सपर्ट लोगों को अपने रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल मरना चाहिए.
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह
एयर पॉल्यूशन के प्रभाव को कम करने के लिए लाइफस्टाइल को बदलना भी जरूरी है. डॉ. समीर भाटी बताते हैं कि जंक फूड के बजाय खान-पान में सीजनल फल को शामिल करना चाहिए. प्रतिदिन की दिनचर्या में ज्यादा से ज्यादा पानी भी पीना चाहिए. इसके साथ ही जूस भी पना चाहिए. दरअसल, कई बार डिहाइड्रेशन होने की वजह से भी शरीर पर प्रदूषण का असर ज्यादा दिखाई देता है. डॉक्टर भाटी कहते हैं कि ऐसे में बदलते लाइफस्टाइल में थोड़ा सा ध्यान अपने ऊपर देना चाहिए और अपने आसपास हरियाली रखने के साथ ही मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए. एयर पॉल्यूशन से आंखों को बचाने के लिए चश्मा भी पहनना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED :
November 8, 2024, 22:59 IST