दरगाह, ताबीज, सैकड़ों की लाइन.. कौन थे पत्ते शाह बाबा, जहां हादसे में 6 की मौत

4 days ago

Last Updated:August 16, 2025, 11:25 IST

Patte Shah Baba Dargah: दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के पास स्थित पत्ते शाह बाबा की दरगाह से सटे कमरे की छत ढहने से 6 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे ने एक बार फिर ध्यान खींचा है कि आखिर पत्ते शाह बाबा कौन थे, जिनक...और पढ़ें

दरगाह, ताबीज, सैकड़ों की लाइन.. कौन थे पत्ते शाह बाबा, जहां हादसे में 6 की मौतपत्ते शाह बाबा हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के शिष्य थे. (फाइल फोटो)

दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के पास स्थित पत्ते शाह बाबा के दरगाह में शुक्रवार 15 अगस्त को बड़ा हादसा हो गया. यहां दरगाह से सटे कमरे की छत अचानक से ढह गई, जिसमें दबकर तीन महिलाओं समेत छह लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए. दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘दरगाह से सटी दो कमरों वाले एक मंजिला भवन की छत दोपहर करीब 3.51 बजे गिर गई. सूचना मिलने के बाद हमने 25 दमकलकर्मियों के साथ चार दमकल गाड़ियां मौके पर भेजी.’

इस हादसे ने एक बार फिर ध्यान खींचा है कि आखिर पत्ते शाह बाबा कौन थे, जिनकी दरगाह पर सैकड़ों लोग हर दिन ताबीज और दुआएं लेने के लिए लाइन लगाते हैं. इस घटना ने न केवल दरगाह की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पत्ते शाह बाबा की विरासत और उनकी लोकप्रियता को भी सुर्खियों में ला दिया है. आइए, जानते हैं कि पत्ते शाह बाबा कौन थे और क्यों उनकी दरगाह इतनी मशहूर है…

पत्ते शाह बाबा का इतिहास

पत्ते शाह बाबा का असली नाम हज़रत शम्सुद्दीन उटावाला था. वह 13वीं सदी के एक प्रसिद्ध सूफी संत थे. वह हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के शिष्य थे और उनकी शिक्षाओं से बहुत प्रभावित थे. उनकी दरगाह हुमायूं के मकबरे के पास, गयासपुर गांव में स्थित है, जो दिल्ली की ऐतिहासिक विरासत का हिस्सा है.

पत्ते शाह बाबा की लोकप्रियता

पत्ते शाह बाबा की दरगाह की लोकप्रियता उनके चमत्कारों और लोगों की आस्था से जुड़ी है. हर जुमे को यहां सैकड़ों लोग ताबीज लेने और दुआएं मांगने के लिए लाइन लगाते हैं. लोग मानते हैं कि पत्ते शाह बाबा की दुआएं उनकी समस्याओं को दूर करती हैं. दरगाह पर आने वाले लोगों में हिंदू, मुस्लिम, सिख और अन्य धर्मों के लोग शामिल हैं, जो उनकी आस्था और एकता का प्रतीक है.

दरगाह के अंदर एक 800 साल पुराना पीलू का पेड़ भी है, जिसे पवित्र माना जाता है. कहानी है कि पत्ते शाह बाबा ने एक दिन अपने दांत साफ करने के बाद मिस्वाक (दातून) को इसी पेड़ के नीचे दफनाया था, और वह पेड़ आज भी जीवित है. लोग इस पेड़ की पत्तियों को भी शुभ मानते हैं.

कैसे हुआ हादसा?

15 अगस्त को भारी बारिश के कारण दरगाह का हिस्सा ढह गया. इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई और 4 अन्य घायल हो गए. घटना के वक्त दरगाह में जुमे की नमाज के लिए लोग इकट्ठा थे. मलबा गिरने से कई लोग दब गए, और रेस्क्यू टीमों को उन्हें निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. घायलों को एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने 6 लोगों को मृत घोषित कर दिया.

इस हादसे ने दरगाह की सुरक्षा और रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. उधर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने कहा कि हुमायूं का मकबरा सुरक्षित है, लेकिन दरगाह की स्थिति खराब थी और इसका रखरखाव नहीं किया गया था. स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश के दौरान दरगाह की छत लीक करती थी और दीवारें कमजोर हो गई थीं, लेकिन कोई मरम्मत नहीं की गई.

हादसे के बाद ASI ने दरगाह की सुरक्षा की समीक्षा करने का वादा किया है. स्थानीय निवासियों और धार्मिक नेताओं ने मांग की है कि दरगाह को तुरंत मरम्मत के लिए बंद किया जाए और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. इस घटना ने एक बार फिर पुरानी इमारतों की देखभाल और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है.

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 16, 2025, 11:25 IST

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