दूध के लिए बिलखता रहा बेटा, 'दुविधा' में फंसी रही मां, सच पता तो उड़े होश

5 hours ago

Agency:News18Hindi

Last Updated:February 23, 2025, 10:56 IST

डॉक्टर की एक लापरवाही से महिला की जान जाते जाते बची. दरअसल, सी-सेक्शन के दौरान डॉक्टर ने लापरवाही करते हुए महिला के पेट में सर्जिकल मॉप छोड़ दिया था, जिसके बाद महिला की तबीयत काफी खराब हो गई. उसे चलने फिरने में...और पढ़ें

दूध के लिए बिलखता रहा बेटा, 'दुविधा' में फंसी रही मां, सच पता तो उड़े होश

डॉक्टर की लापरवाही से महिला की जान जाते-जाते बची.

मंगलुरु: डॉक्टर को धरती पर भगवान का दूसरा रूप माना जाता है क्योंकि ये हमें संकट या खतरे से बचाते हैं. मगर क्या हो जब इन्हीं डॉक्टर्स की लापरवाही से हमें जीवन भर भुगतना पड़े. कुछ ऐसा ही मामला कर्नाटक के मंगलुरु में देखने को मिला है. एक डॉक्टर की लापरवाही से न केवल एक औरत की जान खतरे में पड़ गई बल्कि वह अपने नवजात को दूध नहीं पिला पा रही है. हालांकि, लाखों रुपये खर्च करने के बाद उस महिला की जान बच पाई. दरअसल, महिला की सी-सेक्शन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने उसके पेट के अंदर सर्जिकल मॉप छोड़ दिया था. दो महीने के बाद सीटी स्कैन के बाद यह सामने आया. फिर दूसरे अस्पताल में इमरजेंसी सर्जरी करानी पड़ी. महिला के परिवार ने जानकारी दी कि वह अब भी अपने नवजात बच्चे को स्तनपान नहीं करा पा रही है.

महिला के पति ने कहा, ‘हम बहुत तनाव में हैं. हमने इस मुद्दे को राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत पोर्टल और उपभोक्ता मामलों के विभाग पर पोस्ट किया है. हमने उसके इलाज पर लाखों रुपये खर्च किए हैं.’ महिला के पति ने एक्स पर पोस्ट किया कि उसकी पत्नी का 27 नवंबर को एक निजी अस्पताल में सी-सेक्शन हुआ था, लेकिन 2 दिसंबर को छुट्टी मिलने के एक सप्ताह बाद उसे तेज बुखार हो गया. उसे फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. पेट के एक तरफ अलग तरीके की सेनसेशन हो रहा था. जब हमने अल्ट्रासाउंड स्कैन कराया तो पेट के अंदर 10 सेमी का का कुछ समान दिखा. वहीं, उनके शिकायत के पर दक्षिण कन्नड़ जिले के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. थिमैया एच आर ने कहा कि शिकायत की गहन जांच की जाएगी.

बरगलाने की कोशिश
जब वे जांच कराने पहुंचे तो रेडियोलॉजिस्ट (डॉक्टर) ने इसकी जानकारी पेशेंट और उनके परिवार को देने इनकार कर दिया. साथ ही उन्होंने पहले इलाज करने वाले डॉक्टर से भी बात करने से इनकार कर दिया. बदले में, डॉक्टर ने बाहरी वस्तु नहीं बल्कि एक हेमटोमा है, जो समय के साथ ठीक हो जाएगा. रोगी के परिजनों की सीटी स्कैन कराने की बात को दरकिनार करते हुए कहा कि बुखार ठीक हो जाएगा घर जाओ.

सीटी स्कैन से पता चला 
हालांकि, महिला का बुखार कम हो गया, लेकिन अनुवर्ती अल्ट्रासाउंड में द्रव्यमान में कोई कमी नहीं देखी गई. इस बीच, उसे गंभीर जोड़, कलाई और पैर में दर्द होने लगा, जिससे उसके लिए चलना, खड़ा होना या यहाँ तक कि अपने बच्चे को दूध पिलाना भी मुश्किल हो गया. बाद में सीटी स्कैन से पता चला कि उसके पेट के अंदर एक सर्जिकल मोप थी. तब तक संक्रमण उसके फेफड़ों, रक्त और अन्य अंगों में फैल गया था.जब दंपति ने सी-सेक्शन करने वाले डॉक्टर से पूछा, तो उसने कथित तौर पर जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया.

Location :

Mangalore,Dakshina Kannada,Karnataka

First Published :

February 23, 2025, 10:56 IST

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