नार्थ-ईस्‍ट राज्‍यों में पहुंचना होगा आसान और सस्‍ता,रेलवे अगले माह देगा तोहफा

2 weeks ago

Last Updated:May 27, 2025, 09:59 IST

indian railway - मिजोरम की राजधानी आइजोल को बैरबी-सैरंग रेल लाइन से जोड़ा गया है, जिससे पूर्वोत्तर का चौथा राज्य रेल नेटवर्क से जुड़ा है. इस प्रोजेक्ट की लागत 5,021.45 करोड़ रुपये है.

नार्थ-ईस्‍ट राज्‍यों में पहुंचना होगा आसान और सस्‍ता,रेलवे अगले माह देगा तोहफा

पूर्वोत्‍तर का चौथा राज्‍य बनेगा मिजोरम, जहां पहुंचेगी ट्रेन.

नई दिल्‍ली. पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों में पहुंचना आसान और सस्‍ता होगा. भारतीय रेलवे इस इलाके में रेल नेवटवर्क बढ़ाने जा रहा है. यहां के एक और राज्‍य की राजधानी तक रेल शुरू होने जा रही है. यानी देश के किसी भी कोने से ट्रेन से यहां पहुंचा जा सकेगा. मिजोरम की राजधानी आइजोल को बैरबी-सैरंग रेल लाइन के जरिए रेल नेटवर्क से जोड़ा गया है. कोलासिब जिले का बैरबी असम की सीमा के पास है और मिजोरम का एकमात्र रेलवे स्टेशन था. सैरंग, आइजोल से करीब 20 किलोमीटर दूर है.

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैरबी-सैरंग लाइन का उद्घाटन 17 जून के बाद होने की संभावना है. रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) से अप्रूवल इसी माह सप्‍ताह मिल सकता है. निरीक्षण के बाद ही ट्रेनें शुरू हो सकेंगी. इस लाइन ज्‍यादातर काम पूरा हो चुका है. नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) ने पिछले माह सैरंग तक एक सफल ट्रायल रन किया है.

पूर्वोत्‍तर का चौथा राज्‍य बनेगा मिजोरम

मिजोरम चौथा पूर्वोत्तर राज्य बन गया है, जिसकी राजधानी रेल नेटवर्क से जुड़ी है.  इससे पहले असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश की राजधानियां जुड़ी थीं. पहले मिजोरम में ट्रेन केवल 1.5 किलोमीटर तक जाती थी. यह 51.38 किलोमीटर की नई लाइन 5,021.45 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है.

चार फेस में शुरू हुआ है काम

प्रोजेक्‍ट का काम चार फेज में किया गया है. बैरबी-होर्टोकी खंड (16.72 किमी) जुलाई 2024 में शुरू हो चुका है. बाकी तीन खंड – होर्टोकी-काउनपुई (9.71 किमी), काउनपुई-मुआलखंग (12.11 किमी) और मुआलखंग-सैरंग (12.84 किमी)  जून 2025 तक शुरू होंगे. इस लाइन में 48 सुरंगें (कुल 12,853 मीटर), 55 बड़े और 87 छोटे पुल, 5 रोड ओवर ब्रिज और 6 रोड अंडर ब्रिज हैं. ब्रिज नंबर 196 कुतुब मीनार से 32 मीटर ऊंचा है, इसकी ऊंचाई 104 मीटर है.

इन राज्‍यों में पहुंचेगी ट्रेन 

दिमापुर-कोहिमा लाइन: यह 82.5 किमी की लाइन नागालैंड की राजधानी कोहिमा को जोड़ेगी. इसकी लागत 6,663.20 करोड़ रुपये है और यह दिसंबर 2029 तक पूरी होगी.

मुर्कोंगसेलेक-पासीघाट लाइन:  यह 26.15 किमी की लाइन असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ेगी. इसे फरवरी 2026 तक पूरा किया जाएगा.

सिवोक-रंगपो लाइन: यह 45 किमी की लाइन सिक्किम को पहली बार रेल नेटवर्क से जोड़ेगी. यह दिसंबर 2027 तक पूरी होगी.

जिरिबम-इंफाल लाइन: यह 111 किमी की लाइन मणिपुर की राजधानी इंफाल को जोड़ेगी. इसकी लागत 14,322.79 करोड़ रुपये है और 91% काम पूरा हो चुका है.

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Sharad Pandeyविशेष संवाददाता

करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्‍यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज...और पढ़ें

करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्‍यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज...

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